नई दिल्ली : न भूले हैं, न भूलेंगे और न ही भूलने देंगे. यह हम नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के बिहार में लगे पोस्टर्स कह रहे हैं. भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ कला संस्कृति मंच की तरफ से सुशांत सिंह राजपूत के स्टिकर और मुखौटे तैयार किए हैं. भाजपा ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बिहार चुनाव कैंपेन कमेटी में मुख्य तौर पर प्रमुखता दी है. जेडीयू ने भी अपने पोस्टर में लिखा है कि लॉकडाउन के दौरान जिस तरह निहत्थे मजदूरों पर लाठियां बरसाईं गईं, उसे न वो भूले हैं, न भूलने देंगे. इन तमाम बातों को देखते हुए लगता है कि बिहार का चुनाव प्रांतवाद और जातिवाद पर ही लड़ा जाएगा.
बड़ी संख्या में छपवाए सुशांत के स्टीकर, पोस्टर और फेसमास्क
ऐसा लगता है मानो बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह की मौत ने भारतीय जनता पार्टी को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा दे दिया है. पार्टी इस बात को चुनाव में जोर-शोर से जनता के सामने रखना चाहती है कि किस तरह बिहार के एक होनहार बेटे को भारतीय जनता पार्टी की पहल पर न्याय दिलाया गया. यही वजह है कि दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत को चुनाव के पोस्टरों में शुमार कर दिया गया है. उन्हें पोस्टर बॉय की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. इन पोस्टरों का इस्तेमाल फिलहाल भाजपा कला संस्कृति मंच की तरफ से शुरू किया गया है, मगर बड़ी संख्या में छपवाए सुशांत सिंह राजपूत के स्टीकर, पोस्टर और फेसमास्क देखकर लगता है कि महाराष्ट्र की कांग्रेस-शिवसेना के गठबंधन की सरकार पर हमला बिहार के चुनाव में जोर-शोर से किया जाएगा.
राजद भी अपनी सहयोगी कांग्रेस की वजह से घिर जाएगी. हालांकि भारतीय जनता पार्टी के नेता अब भी यह दावा कर रहे हैं कि वह इसे राजनीतिक मामला नहीं बनाना चाहते, लेकिन जिस तरह से पोस्टर और बैनर छपवाए जा रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि आगामी चुनाव के साथ महाराष्ट्र सरकार पर काफी कीचड़ उछलने वाला है.
कोरोना पर बिहार सरकार सवालों के घेरे में
कोरोना के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बिहार सरकार लगातार सवालों के घेरे में है. बिहारी मजदूरों के पलायन से लेकर रोजगार और विकास से संबंधित मामले बिहार के चुनाव में विपक्षियों के लिए बड़ा मुद्दा बन सकते हैं. यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी इन मुद्दों को दरकिनार करते हुए सुशांत सिंह मामले में महाराष्ट्र सरकार की भूमिका और सुशांत सिंह को न्याय दिलाने में बीजेपी की भूमिका को पूरी तरह से चुनाव का हिस्सा बनाना चाहती है. यही नहीं सूत्रों की मानें तो जेडीयू से अलग बीजेपी अपने चुनावी एजेंडे भी तैयार कर रही है. जेडीयू मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे को लेकर चुनाव प्रचार में मुख्य तौर पर प्रचार को केंद्रित करेगी. वहीं भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी के चेहरे को ज्यादा प्राथमिकता देगी.
महाराष्ट्र की सरकार में बैठे लोग बौखलाए
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने ईटीवी को बताया कि सुशांत सिंह मामले में महाराष्ट्र सरकार की शुरू से ही भूमिका संदिग्ध रही है. महाराष्ट्र सरकार शुरू से ही इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश में थी. जब से इस मामले में सीबीआई व एनसीबी ने जांच शुरू की है, तब से इसमें ड्रग्स की संलिप्तता सामने आ रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने वाट्सएप चैट के माध्यम से ड्रग्स रैकेट के पूरे सिंडिकेट का पर्दाफाश किया. इन मामलों के खुलने के बाद से महाराष्ट्र की सरकार में बैठे लोग बौखलाए हुए हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख और शिवसेना के नेता सुशांत को न्याय दिलाने की बजाय अपराधियों और अन्यायियों के पक्ष में खड़े हैं.