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नागरिकता संशोधन कानून पर सतर्क भाजपा, बना रही रणनीतियां

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Published : Dec 19, 2019, 12:03 AM IST

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर जहां देश में चारों ओर प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं भाजपा अब इसे एक नया मोड़ देने की तैयारी कर रही है. दरअसल भाजपा द्वारा अब इस बिल के पक्ष में आंदोलन चलाए जाने की पुरजोर तैयारी की जा रही है. इसके साथ ही पार्टी द्वारा अलग-अलग तरीकों से शरणार्थियों और छात्रों को इस बिल के संबंध में समझाने की भी कोशिश होगी. पढ़ें विस्तार से...

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CAA पर सतर्क भाजपा

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भाजपा विपक्ष द्वारा खड़े किए आंदोलन को गलत ठहराने की रणनीति में जुट गई है.

दरअसल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से अपने नेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे CAA पर अलग-अलग राज्यों में जाकर बुद्धिजीवी शरणार्थियों और छात्रों के बीच विश्वास पैदा करें. साथ ही इस कानून से होने वाले फायदों के बारे में बताएं.

भाजपा की रणनीति के बारे में जानकारी देतीं ईटीवी भारत की संवाददाता अनामिका.

भाजपा ने फैसला लिया है कि इंटेलेक्चुअल मीट करवाई जाए. साथ ही भाजपा ने अपने युवा मोर्चा विंग को भी यह निर्देश दिया है कि वह अलग-अलग राज्यों में, जिस तरह से कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां धरना प्रदर्शन कर रही हैं, उनके खिलाफ जवाब देते हुए धरना प्रदर्शन करें.

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल और NRC को लेकर खुद अमित शाह कई बार कह चुके हैं कि इन दोनों बिलों को लागू कराना इस सरकार का कर्तव्य है और वह इसके लिए पूर्णतया कटिबद्ध है.

लेकिन जिस तरह से सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल के कानून बनते ही पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, शायद भाजपा को यह उम्मीद नहीं थी कि इतने बड़े पैमाने पर हिंसा हो सकती है और विपक्ष इस कदर लामबंद हो जाएगा.

दूसरी ओर बीजेपी अब वर्तमान परिस्थितियों का पूरा लाभ उठाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए पार्टी ने मेगा प्लान बनाया है.

पढ़ें : नोएडा: CAA पर होते प्रदर्शन पर सख्त हुआ हाई अलर्ट, चपे-चपे पर पुलिस तैनात

भाजपा राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, केरल और पंजाब में कांग्रेस, टीएमसी और कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन की शुरुआत कर चुकी है.

दूसरी तरफ इन राज्यों में ये पार्टियां सिटिजन अमेंडमेंट बिल को लेकर जो भ्रम फैला रही है, उस संबंध में ज्यादा से ज्यादा पोस्टरबाजी और नारे और स्लोगन के माध्यम से इन इलाकों में लोगों के बीच सिटीजन अमेंडमेंट बिल को समझाने के लिए भी कहा गया है.

इसके साथ ही सिटीजन अमेंडमेंट बिल को लेकर भाजपा सोशल मीडिया विंग का भी इस्तेमाल कर रही है.

सूत्रों की मानें तो पार्टी के शीर्ष नेताओं ने सोशल मीडिया को 24 घंटे इस बिल को लेकर अलर्ट मोड में रहने के निर्देश जारी किए हैं.

आगामी 31 दिसंबर तक भाजपा हर जिले में और राज्य स्तर पर बुद्धिजीवियों, छात्रों और शरणार्थियों के साथ बैठक कर इस बिल के महत्व को बताएगी, यानी कहीं ना कहीं भाजपा ने आनन-फानन में चौतरफा हमले की रणनीति बनाई है.

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भाजपा विपक्ष द्वारा खड़े किए आंदोलन को गलत ठहराने की रणनीति में जुट गई है.

दरअसल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से अपने नेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे CAA पर अलग-अलग राज्यों में जाकर बुद्धिजीवी शरणार्थियों और छात्रों के बीच विश्वास पैदा करें. साथ ही इस कानून से होने वाले फायदों के बारे में बताएं.

भाजपा की रणनीति के बारे में जानकारी देतीं ईटीवी भारत की संवाददाता अनामिका.

भाजपा ने फैसला लिया है कि इंटेलेक्चुअल मीट करवाई जाए. साथ ही भाजपा ने अपने युवा मोर्चा विंग को भी यह निर्देश दिया है कि वह अलग-अलग राज्यों में, जिस तरह से कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां धरना प्रदर्शन कर रही हैं, उनके खिलाफ जवाब देते हुए धरना प्रदर्शन करें.

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल और NRC को लेकर खुद अमित शाह कई बार कह चुके हैं कि इन दोनों बिलों को लागू कराना इस सरकार का कर्तव्य है और वह इसके लिए पूर्णतया कटिबद्ध है.

लेकिन जिस तरह से सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल के कानून बनते ही पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, शायद भाजपा को यह उम्मीद नहीं थी कि इतने बड़े पैमाने पर हिंसा हो सकती है और विपक्ष इस कदर लामबंद हो जाएगा.

दूसरी ओर बीजेपी अब वर्तमान परिस्थितियों का पूरा लाभ उठाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए पार्टी ने मेगा प्लान बनाया है.

पढ़ें : नोएडा: CAA पर होते प्रदर्शन पर सख्त हुआ हाई अलर्ट, चपे-चपे पर पुलिस तैनात

भाजपा राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, केरल और पंजाब में कांग्रेस, टीएमसी और कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन की शुरुआत कर चुकी है.

दूसरी तरफ इन राज्यों में ये पार्टियां सिटिजन अमेंडमेंट बिल को लेकर जो भ्रम फैला रही है, उस संबंध में ज्यादा से ज्यादा पोस्टरबाजी और नारे और स्लोगन के माध्यम से इन इलाकों में लोगों के बीच सिटीजन अमेंडमेंट बिल को समझाने के लिए भी कहा गया है.

इसके साथ ही सिटीजन अमेंडमेंट बिल को लेकर भाजपा सोशल मीडिया विंग का भी इस्तेमाल कर रही है.

सूत्रों की मानें तो पार्टी के शीर्ष नेताओं ने सोशल मीडिया को 24 घंटे इस बिल को लेकर अलर्ट मोड में रहने के निर्देश जारी किए हैं.

आगामी 31 दिसंबर तक भाजपा हर जिले में और राज्य स्तर पर बुद्धिजीवियों, छात्रों और शरणार्थियों के साथ बैठक कर इस बिल के महत्व को बताएगी, यानी कहीं ना कहीं भाजपा ने आनन-फानन में चौतरफा हमले की रणनीति बनाई है.

Intro: भाजपा सिटीजन मनोरंजन पर पूरे विपक्ष के खड़े किए गए आंदोलन को गलत ठहराने की रणनीति में जुट गई है भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की तरफ से जहां अपने नेताओं और पदाधिकारियों को यह साफ निर्देश दिए गए हैं कि वह सिटिजन अमेंडमेंट बिल पर अलग अलग राज्य में जाकर बुद्धिजीवियों शरणार्थियों और छात्रों के बीच विश्वास पैदा करें सिटीजन अमेंडमेंट बिल को समझाएं इससे होने वाले फायदे को उन्हें भली-भांति बताएं और साथ ही हर जिले में जाकर बुद्धिजीवी वर्गों को साथ लेकर चलने की कोशिश की जाए और इंटेलेक्चुअल मीट करवाई जाए यही नहीं ना सिर्फ शांतिपूर्वक बल्कि भाजपा ने अपने युवा मोर्चा विंग को भी यह निर्देश दिया है कि वह अलग-अलग राज्यों में जिस तरह से कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां धरना प्रदर्शन कर रही है उनके खिलाफ जवाब देते हुए सिटीजन किस तरह से भारत के हित में है और दूसरी विरोधी पार्टियां किस तरह से देश हित के मुद्दे का विरोध कर रही है इस बात को लेकर विपक्षी पार्टियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जाए


Body: नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी को लेकर खुद अमित शाह कई बार कह चुके हैं कि इन दोनों बिलों को लागू करवाना इस सरकार का कर्तव्य है और वह इसके लिए कटिबद्ध है मगर जिस तरह से सिटिजन अमेंडमेंट बिल के कानून बनते ही पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं शायद भाजपा को यह उम्मीद नहीं थी की इतने बड़े पैमाने पर हिंसा हो सकती है और विपक्ष इस कदर लामबद्ध हो जाएगा वहिंदूसरी और बीजेपी अब वर्तमान परिस्थितियों का पूरा पूरा लाभ उठाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए बीजेपी ने मेगा प्लान बनाया है
जहां भाजपा राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ पश्चिम बंगाल केरल और पंजाब में टीएमसी और कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन की शुरुआत कर चुकी है वही दूसरी तरफ इन राज्यों में यह पार्टियां सिटिजन अमेंडमेंट बिल को लेकर जो भ्रम फैला रही है उस संबंध में ज्यादा से ज्यादा पोस्टर बाजी और नारों स्लोगन के माध्यम से इन इलाकों में लोगों के बीच सिटीजन अमेंडमेंट बिल को और इस दिल में क्या है इस बात को बताने के लिए भी कहा गया है


Conclusion:साथ ही सृजन अमेंडमेंट बिल को लेकर भाजपा सोशल मीडिया विंग का भी इस्तेमाल कर रही है सूत्रों की माने तो पार्टी के शीर्ष नेताओं ने सोशल मीडिया को 24 घंटे इस बिल को लेकर अलर्ट मोड में रहने की निर्देश जारी किए हैं हालांकि उन राज्यों में इंटरनेट सेवा स्थापित किए जा रहे हैं जिनमें सिटिजन अमेंडमेंट बिल को लेकर उग्र प्रदर्शन हो रहा है लेकिन बावजूद भाजपा ने जो मेगा प्लान बनाया है उसमें अपने सोशल मीडिया विंग के माध्यम से इस बिल की खूबियां विपक्षी पार्टियों के उग्र प्रदर्शन पर उठाए जा रहे सवालों का जवाब और साथ ही विपक्षी पार्टियां किस तरह देश हित में काम नहीं कर रहे इन बातों को ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाने की निर्देश दिए गए हैं सूत्रों की माने तो ना सिर्फ उग्र प्रदर्शन करके बल्कि 31 दिसंबर तक भाजपा हर जिले में और राज्य स्तर पर बुद्धिजीवियों के साथ बैठक कर छात्रों के साथ बैठक कर और शरणार्थियों के साथ बैठक कर भी इस बिल के महत्व को बताएगी यानी कि कहीं ना कहीं भाजपा ने आनन-फानन में चौतरफा हमले की रणनीति बनाई है ताकि जिस तरह से सिटिजन अमेंडमेंट बिल को लेकर न सिर्फ विपक्षी पार्टियों के हमले झेल रही है बल्कि जिस तरह से अब अवार्ड वापसी की भी शुरुआत हो चुकी है और कुछ महत्वपूर्ण चेहरों ने भी इसका विरोध किया है उसे लेकर भाजपा ने भी चौतरफा हमले की और जवाब देने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है
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