पटना : बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बने काफी दिन बीत चुके हैं. पहले छोटे मंत्रिमंडल के साथ सरकार का गठन हुआ था, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. दिसंबर के पहले सप्ताह में ही कैबिनेट के विस्तार की बात कही जा रही थी, लेकिन अब तक मंत्रिमंडल के विस्तार का मामला लटका हुआ है. वहीं, नीतीश कुमार लगातार दूसरे दल के विधायकों से मिलकर हलचल पैदा कर रहे हैं. बसपा विधायक को अपनी पार्टी में शामिल भी करा चुके हैं.
वहीं, लोजपा विधायक पर भी नजर है और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के 5 विधायकों से भी मिल चुके हैं. कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश बीजेपी पर दबाव बनाने की भी कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी के प्रवक्ता का कहना है कि बीजेपी बड़ी पार्टी है और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बीजेपी ने ही बनाया है. हम लोग मिलकर सरकार चल रहे हैं, कहीं से कोई दबाव की बात नहीं है.
![Cabinet expansion in Bihar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-04-nitish-ki-pressure-politics-7201750_29012021170740_2901f_02341_1060.jpg)
नीतीश के प्रेशर से बीजेपी का इनका
बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार का संशय समाप्त नहीं हो रहा है और नीतीश कुमार दूसरे दल के विधायकों से लगातार मिलकर सियासी हलचल पैदा कर रहे हैं. सीमांचल इलाके से आने वाले ओवैसी पार्टी के 5 विधायकों से मिलने के बाद यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि नीतीश कहीं बीजेपी पर तो नहीं दबाव बना रहे हैं.
![Cabinet expansion in Bihar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-04-nitish-ki-pressure-politics-7201750_29012021170740_2901f_02341_332.jpg)
'बीजेपी किसी के दबाव में नहीं'
बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद कुमार और विनोद शर्मा का साफ कहना है कि बीजेपी बड़ी पार्टी है, किसी के दबाव में आने वाली नहीं है. नीतीश कुमार को बीजेपी ने ही आग्रह कर मुख्यमंत्री बनाया है. हम लोगों के बीच तालमेल है और कहीं से कोई दबाव वाली बात नहीं है.
![Cabinet expansion in Bihar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-04-nitish-ki-pressure-politics-7201750_29012021170740_2901f_02341_192.jpg)
'नीतीश पहले से हुए कमजोर'
वहीं, एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष और अमनौर के विधायक अख्तरुल इमान का कहना है कि नीतीश कुमार पहले से कमजोर हुए हैं और लगातार इस प्रकार से समझौता कर रहे हैं. उससे भी साफ पता चलता है कि नीतीश पहले से कमजोर हुए हैं.
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बीजेपी जदयू के बीच कई पेंच
बिहार में मंत्रिमंडल के साथ राज्यपाल कोटे से भरे जाने वाले एमएलसी के 12 सीटों का मामला भी फंसा हुआ है. नीतीश कुमार बड़े फैसले भी नहीं ले पा रहे हैं और कानून व्यवस्था को लेकर भी लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं. ऐसे में नीतीश कुमार पर दबाव तो है और उसी दबाव से निकलने के लिए और एक मैसेज देने की कोशिश भी विपक्ष के साथ अपने सहयोगी को भी देने की कोशिश कर रहे हैं.