कोलकाता : पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी ने कार्यकर्ताओं की हत्या के खिलाफ आज राज्यव्यापी 'नाबन्ना चलो' आंदोलन शुरू किया है. भाजपा के नाबन्ना मार्च के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड लांघने की कोशिश की. पुलिस ने रोका, तो विवाद बढ़ गया और जमकर झड़प हो गई.
पूरे दिन की उथल-पुथल के बाद शाम में पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा कि उन्हें बंगाल पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक हिंसा सरकार प्रायोजित है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को रोकने के लिए हत्याएं की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट जैसे विकल्पों का प्रयोग कर, सीबीआई जांच की मांग करेंगे. पार्टी सभी विकल्पों पर विचार कर रही है.
दिलीप घोष ने पुलिस से अपील करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान की शपथ ली है. शांति बरकरार रखना और कानून व्यवस्था न बिगड़ने देना नका दायित्व है.
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि आज का दिन एक काले दिन की तरह है. लोकतंत्र और संवैधानिक शासन की हत्या ममता बनर्जी सरकार द्वारा की गई. देश की भ्रष्टतम सरकार आज बंगाल में है. यह सिंडिकेट और कट मनी की सरकार की वजह से बंगाल में बेरोजगारी बढ़ रही है.
उन्होंने कहा कि भ्रष्टतम सरकार और बेरोजगारी के विरुद्ध जो युवा आवाज उठता है, उसकी राजनीतिक हत्या कर दी जाती है. पिछले दो वर्षों में राज्य में 120 से अधिक भाजपा और भाजपा युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं की बर्बर और घिनौने तरीके से हत्या की गई है. उन्होंने कहा कि यह मेरा पहला विरोध प्रदर्शन है. मैं इसलिए आया हूं कि बंगाल में लोकतंत्र को बचाना है. बंगाल के सभी राष्ट्रवादी युवाओं को मैं आश्वस्त करता हूं कि भारत का युवा आपके साथ एकजुट खड़ा है.
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे हैं, लेकिन ममता ने हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शन को हिंसक विरोध में बदलने की कोशिश की है. पुलिस के साथ गुंडों ने हम पर पथराव किया. उन्होंने कहा कि जब पश्चिम बंगाल की महिलाएं ही अपनी महिला मुख्यमंत्री के खिलाफ सड़क पर आ जाएं, तो स्पष्ट है कि अराजकता चरम पर है. विरोध में जनता का सड़क पर उतर आना किसी भी सरकार के लिए सबसे शर्मनाक स्थिति है. ममता जरा हालात को समझिए. यह पुलिस सरकारी नौकर है, यह ज्यादा दिन साथ नहीं देगी.
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जब प.बंगाल की महिलाएं ही अपनी महिला मुख्यमंत्री के खिलाफ सड़क पर आ जाएं, तो स्पष्ट है कि अराजकता चरम पर है! विरोध में जनता का सड़क पर उतर आना किसी भी सरकार के लिए सबसे शर्मनाक स्थिति है! ममताजी जरा हालात को समझिए!
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ये पुलिस सरकारी नौकर है,ये ज्यादा दिन साथ नहीं देगी!#NabannoCholo pic.twitter.com/Jw9UdrmaoQ
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ये पुलिस सरकारी नौकर है,ये ज्यादा दिन साथ नहीं देगी!#NabannoCholo pic.twitter.com/Jw9UdrmaoQजब प.बंगाल की महिलाएं ही अपनी महिला मुख्यमंत्री के खिलाफ सड़क पर आ जाएं, तो स्पष्ट है कि अराजकता चरम पर है! विरोध में जनता का सड़क पर उतर आना किसी भी सरकार के लिए सबसे शर्मनाक स्थिति है! ममताजी जरा हालात को समझिए!
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उन्होंने कहा कि ममता के राज में अब तक असहमति या विरोध के लिए कोई जगह नहीं थी, जो भी टीएमसी या ममता के विरोध की हिम्मत करता, उसे कुचल दिया जाता था. लेकिन, अब बंगाल में भाजपा का झंडा थामे कार्यकर्ता सड़क पर निकल गए हैं. कार्यकर्ताओं का यह हुजूम इस अराजक सत्ता को कुचल देगा.
राज्य में खराब होती कानून-व्यवस्था के खिलाफ कोलकाता और हावड़ा से भाजपा के हजारों कार्यकर्ताओं ने राज्य सचिवालय नाबन्ना तक मार्च का आयोजन किया.
भाजपा के नाबन्ना मार्च के दौरान हावड़ा के संतरागाछी में कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारों, आंसू गैस का इस्तेमाल करने के साथ-साथ लाठियां भांजी. इसमें भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजू बनर्जी और सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो घायल हो गए.
कोलकाता के हेस्टिंग्स इलाके में भी पुलिस ने लाठी-चार्ज किया.
भाजपा सूत्रों ने बताया कि कोलकाता और हावड़ा से नाबन्ना तक दो-दो मार्च निकाले जा रहे हैं.
बता दें कि राजधानी कोलकाता समेत पूरे बंगाल में जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं.
भाजपा के प्रदर्शन को देखते हुए बंगाल सरकार ने सचिवालय नाबन्ना को दो दिनों के लिए बंद करने का फैसला लिया है. भाजपा के प्रदर्शन से निबटने के लिए राज्य प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए है. नाबन्ना के आसपास वैसे ही धारा144 लागू रहती है.
प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है. इसके साथ ही वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया है. प्रदर्शनकारियों को हटाने की पूरी कोशिश की जा रही है.
इस वजह से विद्यागसागर सेतु और हावड़ा ब्रिज को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. किसी भी तरफ से कोई भी गाड़ी ने आ सकती है और न ही जा सकती है.
किसी पुलिस कर्मी के हताहत होने की अब भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. प्रदर्शनकारियों के टायरों को जलाने से आसमान में घना धुआं झा गया और यातायात भी बाधित हुआ. सड़कों पर पत्थर भी बिखरे दिखे. इस दौरान लोगों ने अपनी दुकानें और अन्य संस्थान भी तुरंत बंद कर दिए.
हावड़ा जिले के कुछ हिस्सों में हिंसा देखी गई, जहां भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या ने प्रदेश अध्यक्ष सौमित्र खान के साथ मिलकर हावड़ा मैदान से मार्च निकाला.
उन्हें मलिक गेट पर रोक दिया गया, जिससे भाजपा गुस्साए भाजपा समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया. कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया है.
पुलिस ने एक प्रदर्शनकारी के पास से गोलियों से लैस एक पिस्तौल बरामद करने का दावा भी किया है.
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार ने बुधवार को महामारी अधिनियम का हवाला देते हुए प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. साथ ही कहा था कि केवल मानकों का पालन करते हुए 100 लोगों के साथ लोकतांत्रिक रैलियों की इजाजत दी जाएगी.
राज्य सरकार ने नाबन्ना को रोगाणुमुक्त करने के लिए आठ अक्टूबर से दो दिन तक इसे बंद किए जाने की घोषणा की थी.