नई दिल्ली : कृषि विधेयक पर हंगामा रुकने का नाम नहीं ले रहा है. आंदोलनकारी विपक्षी सांसदों को लूजर के रूप में चिह्नित करते हुए तेलंगाना से भाजपा सांसद धर्मपुरी अरविंद ने कहा कि विपक्षी दल दोहरा मापदंड अपना रहे हैं.
ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बात करते हुए उन्होंने कहा कि किसान विधेयक देश भर के किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया सबसे कीमती उपहार है. इस विधेयक के तहत किसान अपने उत्पाद को जहां चाहे बेच सकते हैं, उनके बीच कोई बीचौलिया अब नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि इस विधेयक ने किसानों को अपना उत्पाद ऑनलाइन बेचने का मौका दिया है. जहां भी उन्हें अपने उत्पाद के लिए सर्वोत्तम मूल्य मिलते हैं, वे उन्हें बेच सकते हैं.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के सी राव का जिक्र करते हुए अरविंद ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास खुद राज्य में खेती की बड़ी जमीन है. मुख्यमंत्री ने रिलायंस और कुछ अन्य बड़े कॉरपोरेट्स के साथ टाई-अप किया है. जब भी उन्हें बेहतर कीमत मिलती है, तो उनके उत्पाद बेचे जाते हैं और संसद में कॉरपोरेट्स का विरोध करते रहते हैं.
तेलंगाना के निजामाबाद से भाजपा सांसद अरविंद ने 2019 के आम चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी टीआरएस की के कविता को हराया था.
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संसद में कृषि विधेयक के पारित होने का उल्लेख करते हुए अरविंद ने कहा कि सदन में इसे जबरन पारित नहीं किया गया. लोकसभा में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. सरकार ने इस बिल पर उनका भी समर्थन मांगा था.
उन्होंने कहा कि यह किसान समर्थक विधेयक है और विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है. सांसद ने कहा कि भारतीय इतिहास में कभी भी किसी सरकार ने इस तरह के समर्थक किसानों के बिल नहीं लाए. हर किसी को इसका स्वागत करना चाहिए.
बता दें कि किसान विधेयक का विरोध करते हुए विपक्षी दलों ने सदन का बहिष्कार किया है. आठ विपक्षी सांसदों ने राज्य सभा से निलंबित किए जाने के बाद संसद परिसर में ही पूरी रात धरना दिया था.