कोलकाता : पुलिस ने पश्चिम बंगाल की राजधानी में गोमूत्र सेवन के लिए प्रेरित करने वाले एक भाजपा कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार इस कार्यकर्ता ने दावा किया था कि गोमूत्र के सेवन से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है और पहले से संक्रमित लोग भी इससे ठीक हो जाएंगे. हालांकि गोमूत्र के सेवन के बाद एक नागरिक स्वयंसेवी बीमार पड़ गया था.
पुलिस ने बुधवार को कहा कि पीड़ित की शिकायत के भाजपा कार्यकर्ता को मंगलवार देर रात गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, उत्तरी कोलकाता के जोरासाखो इलाके के स्थानीय पार्टी कार्यकर्ता 40 वर्षीय नारायण चटर्जी ने सोमवार को एक गोशाला में गो पूजा कार्यक्रम का आयोजन किया था और गोमूत्र वितरित किया था. उसने दूसरों को गोमूत्र देते हुए इसके 'चमत्कारिक' गुणों का जिक्र किया था.
गोशाला के पास तैनात एक नागरिक स्वयंसेवी ने भी गोमूत्र का सेवन किया और मंगलवार को बीमार पड़ गया, जिसके बाद उसने चटर्जी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
चटर्जी की गिरफ्तारी पर प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने राज्य सरकार की निंदा की है.
प्रदेश भाजपा महासचिव सायंतन बसु ने कहा, 'चटर्जी ने गोमूत्र का वितरण किया, लेकिन लोगों से उसने धोखे से उसे पीने को नहीं कहा. जब उसने इसका वितरण किया तो साफ तौर पर बताया कि यह गोमूत्र है, उसने किसी को इसे पीने के लिए बाध्य नहीं किया. यह प्रमाणित नहीं है कि यह नुकसानदेह है या नहीं.'
उन्होंने कहा, 'ऐसे में पुलिस बिना किसी कारण के उसे गिरफ्तार कैसे कर सकती है. यह पूरी तरह अलोकतांत्रिक है.'
उधऱ भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि गोमूत्र पीने में कोई नुकसान नहीं है और उन्हें यह स्वीकार करने में कोई पछतावा नहीं कि वह इसका सेवन करते हैं.
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हालांकि दिलीप घोष की पार्टी की सांसद लॉकेट चटर्जी उनकी राय से इत्तेफाक नहीं रखतीं और उन्होंने इसे 'अवैज्ञानिक मान्यता' करार देते हुए बंद करने की हिमायत की.
कोरोना वायरस के उपचार के तौर पर गोमूत्र वितरण की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी कांग्रेस ने तीखी आलोचना की थी.