ETV Bharat / bharat

नागरिकता संशोधन विधेयक : मोर्चाबंदी तेज, भाजपा ने जारी किया ह्विप

संसद में अगले सप्ताह पेश किये जाने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर राजनीतिक दलों की मोर्चाबंदी तेज हो गई है. केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को सीएबी को मंजूरी दिये जाने के बाद विपक्षी दलों ने जहां विरोध के स्वर तेज कर दिए हैं वहीं भाजपा ने लोकसभा में 9 से 11 दिसंबर के बीच अपने सभी सांसदों की उपस्थिति अनिवार्य करने के लिए ह्विप जारी किया है. जानें विस्तार से...

etv bharat
भारतीय जनता पार्टी
author img

By

Published : Dec 5, 2019, 9:58 PM IST

Updated : Dec 5, 2019, 10:08 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने सांसदों को ह्विप जारी किया है. तीन पंक्तियों के ह्विप में निर्देश दिया गया है कि सभी सांसदों की लोकसभा में 9 से 11 दिसंबर के बीच उपस्थिति अनिवार्य है.

दरअसल बुधवार को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दी थी. अगले कदम के रूप में सरकार सदन में विधेयक पेश करेगी. भाजपा का ह्विप इसी के मद्देनजर जोड़ कर देखा जा रहा है.

बता दें, इस सरकार की प्राथमिकताओं में अब नागरिकता संशोधन विधेयक को अमलीजामा पहनाना सबसे ऊपर है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में एक बार फिर संसद में गर्मागर्म और ज्वलंत बहस देखने को मिलेगी.

अटकले लगाई जा रही हैं कि केंद्र सरकार अगले हफ्ते सोमवार को लोकसभा में सीएबी पेश कर सकती है. उसके बाद इस बिल को राज्यसभा में पास कराने की कोशिश करेगी.

हालांकि इस विधेयक को विपक्ष विवादित बता रहा है. उनके अनुसार सीएबी संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 की मूल भावना के खिलाफ है.

पूर्वोतर राज्यों में प्रबल विरोध को देखते हुए कैबिनेट बैठक से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लब देब से बात की थी. इसके साथ ही उन्होंने पूर्वोत्तर हो रहे विरोध में शामिल अन्य प्रमुख नेताओं से मिलकर विधेयक के बारे में चर्चा की थी. लेकिन उसका कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया था.

इसे भी पढे़ं - नागरिकता संशोधन बिल : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

गौरतलब है कि इस विधेयक में पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान से शरण के लिए आने वाले हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.

ज्ञात हो कि भारत की नागरिकता के लिए 11 साल देश में निवास करना जरूरी है लेकिन इस संशोधन के बाद शरणार्थियों के लिए निवास अवधि को घटाकर छह साल करने का प्रावधान है. इस संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष और पूर्वोत्तर के राज्य लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने सांसदों को ह्विप जारी किया है. तीन पंक्तियों के ह्विप में निर्देश दिया गया है कि सभी सांसदों की लोकसभा में 9 से 11 दिसंबर के बीच उपस्थिति अनिवार्य है.

दरअसल बुधवार को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दी थी. अगले कदम के रूप में सरकार सदन में विधेयक पेश करेगी. भाजपा का ह्विप इसी के मद्देनजर जोड़ कर देखा जा रहा है.

बता दें, इस सरकार की प्राथमिकताओं में अब नागरिकता संशोधन विधेयक को अमलीजामा पहनाना सबसे ऊपर है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में एक बार फिर संसद में गर्मागर्म और ज्वलंत बहस देखने को मिलेगी.

अटकले लगाई जा रही हैं कि केंद्र सरकार अगले हफ्ते सोमवार को लोकसभा में सीएबी पेश कर सकती है. उसके बाद इस बिल को राज्यसभा में पास कराने की कोशिश करेगी.

हालांकि इस विधेयक को विपक्ष विवादित बता रहा है. उनके अनुसार सीएबी संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 की मूल भावना के खिलाफ है.

पूर्वोतर राज्यों में प्रबल विरोध को देखते हुए कैबिनेट बैठक से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लब देब से बात की थी. इसके साथ ही उन्होंने पूर्वोत्तर हो रहे विरोध में शामिल अन्य प्रमुख नेताओं से मिलकर विधेयक के बारे में चर्चा की थी. लेकिन उसका कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया था.

इसे भी पढे़ं - नागरिकता संशोधन बिल : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

गौरतलब है कि इस विधेयक में पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान से शरण के लिए आने वाले हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.

ज्ञात हो कि भारत की नागरिकता के लिए 11 साल देश में निवास करना जरूरी है लेकिन इस संशोधन के बाद शरणार्थियों के लिए निवास अवधि को घटाकर छह साल करने का प्रावधान है. इस संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष और पूर्वोत्तर के राज्य लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Dec 5, 2019, 10:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.