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लोकसभा और विधानसभाओं में SC/ST आरक्षण की अवधि बढ़ाने के लिए आज रखा जाएगा विधेयक

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Published : Dec 8, 2019, 11:14 PM IST

Updated : Dec 9, 2019, 12:20 AM IST

लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एससी/एसटी के आरक्षण की अवधि बढ़ाने के लिए विधेयक सोमवार को पेश किया जाएगा. वहीं आंग्ल-भारतीय समुदाय के व्यक्ति को मनोनीत करने के की व्यवस्था को समाप्त किया जाएगा.

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नई दिल्ली : लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण की सीमा 10 वर्ष और बढ़ाई जाएगी. वहीं विधायिका में आंग्ल-भारतीय समुदाय के व्यक्ति को मनोनीत करने की व्यवस्था अगले वर्ष जनवरी में समाप्त हो जाएगी.

संसद के निचले सदन में सोमवार को पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध एक विधेयक में ये प्रस्ताव किए गए हैं.

उल्लेखनीय है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में इन श्रेणियों के लिए आरक्षण 25 जनवरी 2020 को समाप्त होने वाला है.

संविधान (126वां) संशोधन विधेयक के मुताबिक जब संविधान लागू हुआ था, तब लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति एवं अनूसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की अवधि 70 वर्ष निर्धारित की गई थी.

इस बार अनुसूचति जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए आरक्षण विधेयक को 25 जनवरी 2030 तक बढ़ाने का प्रस्ताव है जबकि आंग्ल भारतीय समुदाय के लिए यह व्यवस्था समाप्त की जा रही है.

संविधान के अनुच्छेद 334 के मुताबिक इन समुदायों को विधायिका में 70 वर्षों के लिए 25 जनवरी 2020 तक आरक्षण की व्यवस्था थी.

पढ़ें- CAB को लेकर असम में विरोध-प्रदर्शन जारी, सीएम सोनोवाल को दिखाया काला झंडा

संसद में अनुसूचित जाति के 84 सदस्य और अनुसूचित जनजाति के 47 सदस्य हैं. वहीं देशभर की राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति के 614 सदस्य और अनुसूचित जनजाति के 554 सदस्य हैं.

लोकसभा की वेबसाइट के मुताबिक अभी आंग्ल भारतीय समुदाय के दो सदस्यों को लोकसभा में मनोनीत करने का प्रावधान है, लेकिन मौजूदा सरकार में अब तक उन्हें मनोनीत नहीं किया गया है.

नई दिल्ली : लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण की सीमा 10 वर्ष और बढ़ाई जाएगी. वहीं विधायिका में आंग्ल-भारतीय समुदाय के व्यक्ति को मनोनीत करने की व्यवस्था अगले वर्ष जनवरी में समाप्त हो जाएगी.

संसद के निचले सदन में सोमवार को पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध एक विधेयक में ये प्रस्ताव किए गए हैं.

उल्लेखनीय है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में इन श्रेणियों के लिए आरक्षण 25 जनवरी 2020 को समाप्त होने वाला है.

संविधान (126वां) संशोधन विधेयक के मुताबिक जब संविधान लागू हुआ था, तब लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति एवं अनूसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की अवधि 70 वर्ष निर्धारित की गई थी.

इस बार अनुसूचति जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए आरक्षण विधेयक को 25 जनवरी 2030 तक बढ़ाने का प्रस्ताव है जबकि आंग्ल भारतीय समुदाय के लिए यह व्यवस्था समाप्त की जा रही है.

संविधान के अनुच्छेद 334 के मुताबिक इन समुदायों को विधायिका में 70 वर्षों के लिए 25 जनवरी 2020 तक आरक्षण की व्यवस्था थी.

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संसद में अनुसूचित जाति के 84 सदस्य और अनुसूचित जनजाति के 47 सदस्य हैं. वहीं देशभर की राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति के 614 सदस्य और अनुसूचित जनजाति के 554 सदस्य हैं.

लोकसभा की वेबसाइट के मुताबिक अभी आंग्ल भारतीय समुदाय के दो सदस्यों को लोकसभा में मनोनीत करने का प्रावधान है, लेकिन मौजूदा सरकार में अब तक उन्हें मनोनीत नहीं किया गया है.

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PAR-RESERVATION-BILL
Bill proposes extension of SC, ST quota in LS, state assemblies, to be introduced Monday
         New Delhi, Dec 8 (PTI) The reservation for SCs and STs in Lok Sabha and state assemblies will be extended for another 10 years, but the nomination of the Anglo-Indian community in the legislature will end from January next year, according to a bill listed for introduction in the lower house on Monday.
         The reservation for these categories in Lok Sabha and assemblies was to expire on January 25, 2020.
         According to Constitution (126th) Amendment Bill, the reservation to SCs, STs and the Anglo-Indian community in Lok Sabha and state assemblies was granted for 70 years when the Constitution came into being.
         Through the bill, the reservation for only the SC and ST communities and not the Anglo-Indian community will be extended till January 25, 2030.
         Under Article 334, these communities were given reservation in legislature for 70 years January 25, 2020.
         There are 84 members from the Scheduled Caste and 47 from the Scheduled Tribe communities in Parliament.
         In state assemblies across India, there are 614 SC members and 554 ST members.
         As on today, there is a provision to nominate two members of the Anglo-Indian community in the Lok Sabha but they have not yet been nominated, according to Lok Sabha website.
         Including the Speaker, Lok Sabha has 543 members as on December 4.
         While reservation for Scheduled Castes and Scheduled Tribes in the legislature is carried out through constitutional amendments, similar reservation in jobs for these categories is decided by respective state governments, a senior functionary explained. PTI NAB
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Last Updated : Dec 9, 2019, 12:20 AM IST
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