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मध्य प्रदेश : बैतूल के जज और उनके बेटे की फूड पॉइजनिंग से मौत

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के एडीजे महेंद्र कुमार त्रिपाठी और उनके बेटे की फूड पॉइजनिंग के चलते मौत हो गई. बताया जा रहा है कि उन्हें 23 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद हालत गंभीर होने के चलते नागपुर रेफर किया गया था.

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Published : Jul 26, 2020, 6:49 PM IST

Judge dies in Betul
महेंद्र कुमार त्रिपाठी

भोपाल : मध्य प्रदेश में बैतूल जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) महेंद्र कुमार त्रिपाठी और उनके बेटे अभियनराज मोनू की मौत हो गई है. दोनों को फूड पॉइजनिंग के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एडीजे और उनके बेटे की मौत से शहर में हड़कंप मच गया है.

पुलिस का कहना है कि एडीजे त्रिपाठी की रविवार सुबह एलिक्सिस अस्पताल में मौत हो गई है, जबकि उनके बेटे ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया. इस घटना से अदालत, पुलिस प्रशासन और अधिवक्ताओं में शोक की लहर है. जज की मौत से उनसे जुड़े लोग स्तब्ध हैं.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रद्धा जोशी ने बताया कि फूड पॉइजनिंग के बाद पिता-पुत्र को 23 जुलाई को पाढर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां हालत बिगड़ने पर उन्हें नागपुर रेफर किया गया था. गंभीर हालत में रेफर किए गए पिता-पुत्र में बेटे की हालत गंभीर होने के चलते उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया, जबकि रविवार सुबह एडीजे की मौत अस्पताल में हो गई.

मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. दोनों के शवों को बैतूल न लाकर उनके गृह नगर ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

एएसपी का कहना है कि दोनों ने रोज की तरह परिवार के साथ 20 जुलाई की रात में जो भोजन किया था, उसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी.

पुलिस का मानना है कि खाने में चपातियां लेने से दोनों को फूड पॉइजनिंग हुई है, क्योंकि जज और उनके बेटे ने चपाती खाई थी. जबकि पत्नी ने सिर्फ चावल खाया था, जिसके कारण वह पॉइजनिंग का शिकार नहीं हुई.

एएसपी श्रद्धा जोशी ने बताया कि इस मामले में घर में रखे आटे की सैंपलिंग की जाएगी और बिसरा भी जांच के लिए भेजा जाएगा.

एसडीओपी विजय पुंज ने बताया कि परिवार से जानकारी मिली है कि जज के परिवार को न्यायालय में या सर्किट हाउस के पास किसी परिचित ने उन्हें आटा दिया था और उसी आटे की रोटियां बनाई गई थीं, भोजन के बाद जज और एक बेटे की हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.

बंगले के भृत्य ने बताया कि मैडम और दोनों बेटे कुछ दिन पहले इंदौर से आए थे, जिसके चलते खाना मैडम (जज की पत्नी) ने ही बनाया था.

भोपाल : मध्य प्रदेश में बैतूल जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) महेंद्र कुमार त्रिपाठी और उनके बेटे अभियनराज मोनू की मौत हो गई है. दोनों को फूड पॉइजनिंग के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एडीजे और उनके बेटे की मौत से शहर में हड़कंप मच गया है.

पुलिस का कहना है कि एडीजे त्रिपाठी की रविवार सुबह एलिक्सिस अस्पताल में मौत हो गई है, जबकि उनके बेटे ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया. इस घटना से अदालत, पुलिस प्रशासन और अधिवक्ताओं में शोक की लहर है. जज की मौत से उनसे जुड़े लोग स्तब्ध हैं.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रद्धा जोशी ने बताया कि फूड पॉइजनिंग के बाद पिता-पुत्र को 23 जुलाई को पाढर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां हालत बिगड़ने पर उन्हें नागपुर रेफर किया गया था. गंभीर हालत में रेफर किए गए पिता-पुत्र में बेटे की हालत गंभीर होने के चलते उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया, जबकि रविवार सुबह एडीजे की मौत अस्पताल में हो गई.

मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. दोनों के शवों को बैतूल न लाकर उनके गृह नगर ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

एएसपी का कहना है कि दोनों ने रोज की तरह परिवार के साथ 20 जुलाई की रात में जो भोजन किया था, उसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी.

पुलिस का मानना है कि खाने में चपातियां लेने से दोनों को फूड पॉइजनिंग हुई है, क्योंकि जज और उनके बेटे ने चपाती खाई थी. जबकि पत्नी ने सिर्फ चावल खाया था, जिसके कारण वह पॉइजनिंग का शिकार नहीं हुई.

एएसपी श्रद्धा जोशी ने बताया कि इस मामले में घर में रखे आटे की सैंपलिंग की जाएगी और बिसरा भी जांच के लिए भेजा जाएगा.

एसडीओपी विजय पुंज ने बताया कि परिवार से जानकारी मिली है कि जज के परिवार को न्यायालय में या सर्किट हाउस के पास किसी परिचित ने उन्हें आटा दिया था और उसी आटे की रोटियां बनाई गई थीं, भोजन के बाद जज और एक बेटे की हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.

बंगले के भृत्य ने बताया कि मैडम और दोनों बेटे कुछ दिन पहले इंदौर से आए थे, जिसके चलते खाना मैडम (जज की पत्नी) ने ही बनाया था.

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