बेंगलुरु : कर्नाटक के सिलिकॉन सिटी में कोरोना मामले लगातार बढ़ रहे हैं और लोग इलाज के साथ साथ एंबुलेंस की कमी की समस्या का भी सामना कर रहें हैं. एंबुलेंस की कमी के कारण शहर में कई लोगों की मौत हो गई. खबरें सामने आने के बाद कोरोना से पीड़ित गरीब लोगों की मदद के लिए स्थानीय ऑटो चालक ने अपने ऑटो को एम्बुलेंस के रूप में परवर्तित कर दिया.
ऑटो चालक अब्दुल मजीद सौदागर, जो बेंगलुरु के आरटी नगर के निवासी हैं. अब कोरोना संक्रमित लोगों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने का काम कर रहे हैं.
मजीद ने ट्रेफिक पुलिस से अनुमति लेने के बाद अपने ऑटो को एम्बुलेंस में तब्दील कर दिया. कई मरीज जिनके पास पैसे की तंगी होती है या उनका पास पैसे नहीं होते ऐसे मरीजों को भी मजीद इलाज के अस्पताल पहुंचाते हैं.
जब से कर्नाटक में वॉकडाउन की शुरुआत हुई , तब से बेंगलुरु के लोग एम्बुलेंस सेवा की समस्या का सामना कर रहे हैं और उचित समय में उपचार नहीं मिलने से, कई रोगियों को मौत भी हो गई.
गरीब लोगों की मदद करने के लिए मजीद ने इस सामाजिक कार्य को शुरू किया और वह सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा से पहले तक अपने ऑटो में 78 से अधिक रोगियों को मुफ्त में अस्पताल ले गए थे.
बता दें कि मजीद ने डिप्लोमा इन ऐजुकेशन की पढ़ाई की और कई एमएनसी कंपनियों में कार्य कर चुके हैं.
मजीद अपने ऑटो को एम्बुलेंस के रूप में बदलकर लोगों की सेवा कर रहे हैं और इतना ही नही वह 25 से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल से इलाज पूरा होने के बाद अपने घर भी ले गए.
मजीद ने अपने ऑटो में अपना मोबाइल नंबर आटों के साथ सोशल मीडिया पर भी डाल रखा है. वह कोरोना मरीजों के लिए मुफ्त सेवा देने का इरादा रखते हैं, जो शहर में गंभीर परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं.
मजीद ने कोरोना मरीजों को अस्पताल ले जाते समय पीपीई किट और मास्क और सैनिटाइजर पहनते हैं. वह हर रोगी को अस्पताल में शिफ्ट करने के बाद अक्सर अपने ऑटो को सैनिटाइज करते हैं.
मजीद ने लोगों को निर्देश दिया कि बेंगलुरु के साथ-साथ अन्य राज्य में भी कोरोना को रोकने के लिए हर जगह मास्क पहनें.
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बेंगलुरु के पूर्व कमिश्नर भास्कर राव ने भी मजीद के काम की सराहना की और उनके काम के लिए पूरा पुलिस विभाग उनका समर्थन कर रहा है.
मजीद एक मध्यवर्गीय व्यक्ति हैं, जो कोरोना मरीजों के लिए मुफ्त सेवा मुहैया करवा रहे हैं और कुछ अमीर लोग उसके ऑटो रिक्शा के लिए ईंधन भरकर उसकी मदद कर रहे थे, जो लोग उन्हें अस्पताल ले जाने में मदद के लिए पुलिस को फोन करते हैं, उन्हें पुलिस से मजीद का फोन नंबर दे देती थी.
बेंगलुरु के पुलिस भी इलाज के लिए मरीजों को कोरोना अस्पताल ले जाने के लिए मजीद को बुलाते हैं.