अमृतसर : देशभर में 71वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया. अटारी वाघा बार्डर पर भारत की ओर से बीटिंग रिट्रीट का आयोजन किया गया. बीटिंग रिट्रीट समारोह देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे. उत्साहित लोगों ने जयहिंद और भारत माता की जय के नारे भी लगाए.
भारतीय सैनिकों ने भी बहुत गर्मजोशी के साथ बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया, वहीं दर्शकों ने अपनी तालियों और नारों से खूब हौसला अफजाई की. बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी देखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग अमृतसर के अटारी पहुंचे.
क्या होता है बीटिंग रिट्रीट
बीटिंग रिट्रीट भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति का सूचक है. इस कार्यक्रम में वायु सेना, थल सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं, लेकिन बाघा बार्डर पर हर शाम को बीटिंग रिट्रीट का नजारा देखा जाता है. इस मौके पर भारत और पाकिस्तान के ध्वज झुकाए भी जाते हैं.
भारत में 1950 से हुई शुरुआत
बता दें कि गणतंत्र दिवस समारोह चार दिनों तक चलता है. समारोह के अंतिम दिन नई दिल्ली स्थित विजय चौक पर भी हर वर्ष 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.
29 जनवरी की शाम को विजय चौक पर आयोजित किए जाने वाले इस समारोह में भारतीय सेना अपनी ताकत और संस्कृति का प्रदर्शन करती है.
यह समारोह सैनिकों की एक पुरानी परंपरा की याद दिलाता है. इसमें सैनिक दिन भर के युद्ध के बाद शाम के समय आराम करते थे. सैनिक अपने कैंप में लौटते थे और ढलते सूरज के साथ शाम के समय जश्न मनाते थे. इसके बाद वे फिर से युद्ध की तैयारी में जुट जाते थे.
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इस परंपरा के मुताबिक बीटिंग रिट्रीट का समय भी शाम में ही होता है. भारत में बीटिंग द रिट्रीट की शुरुआत सन 1950 से हुई. 1950 से 2018 के बीच गणतंत्र भारत में बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम दो बार रद्द करना पड़ा है.
पहली बार 26 जनवरी, 2001 को गुजरात में आए भूकंप के कारण और दूसरी बार ऐसा 27 जनवरी, 2009 को देश के 8वें राष्ट्रपति वेंकटरमन का लंबी बीमारी के बाद निधन हो जाने पर किया गया था.