नई दिल्ली: चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट ने झटका लगा. उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई. उन्होंने स्वास्थ्य के आधार पर राहत मांगी थी.
लालू प्रसाद यादव की ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने उनकी पैरवी की थी. आज भी उन्होंने दलील दी, जिसमें याचिकाकर्ता के खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया.
कपिल सिब्बल ने दलील देते हुए सीजेआई रंजन गोगोई की कोर्ट में कहा कि 22 महीने की सजा लालू प्रसाद यादव काट चुके हैं. सीजेआई ने कहा कि लेकिन उन्होंने चार अलग-अलग मामलों में 22 महीने की सजा काटी है.
पीठ ने यादव के 24 महीनों से जेल में होने की दलीलों को खारिज कर दिया और कहा कि उन्हें दी गई 14 साल के जेल की सजा की तुलना में 24 महीना कुछ भी नहीं है.
यादव की ओर से पेश होते हुये वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कोई बरामदगी नहीं और कोई मांग नहीं और एकमात्र बड़ा अपराध जिसके तहत उन्हें दोषी ठहराया गया था, वह साजिश थी.
पीठ ने कहा कि मामले के गुण-दोष का निर्णय उच्च न्यायालय करेगा.
पीठ ने कहा, ‘‘इस समय हम केवल जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं.’’
सीबीआई ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में यादव की जमानत याचिका का जोरदार विरोध करते हुये कहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव में राजनीतिक गतिविधियां शुरू करने के लिए बीमार नेता ने अचानक से ‘पूरी तरह से फिट’ होने का दावा किया है.
सीजेआई में कहा कि ये मामला षडयंत्र रचने का है और इसमें कोई मांग और वसूली की बात नहीं है. इसलिए जमानत की याचिका खारिज की जाती है.
बता दें, लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे हैं. खराब स्वास्थ के चलते लंबे समय से वह रिम्स में भर्ती हैं. डॉ उमेश प्रसाद उनका इलाज कर रहे हैं.
डॉ प्रसाद का कहाना है कि खराब स्वास्थ्य के चलते उनका इलाज होना जरूरी है, जो कि सुरक्षा के लिहाज के चलते सही ढंग से नहीं हो पा रहा है.