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बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी सुप्रीम कोर्ट से मांगेगी ढांचे का मलबा - बाबरी ढांचे का मलबा

अयोध्या जन्मभूमि विवाद में पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद अब बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ढांचे के मलबे को सौंपने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मांग करेगा.

babri masjid action commite
फाइल फोटो
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Published : Dec 26, 2019, 9:47 PM IST

लखनऊ : बाबरी मस्जिद और अयोध्या जन्मभूमि विवाद में पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद अब बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी क्यूरेटिव याचिका जल्द ही दाखिल करेगी.

इस याचिका के जरिए ढांचे के मलबे को सौंपने के लिए कमेटी सुप्रीम कोर्ट जाएगी. इसके लिए एक प्रार्थना पत्र भी सुप्रीम कोर्ट में दिया जाएगा.

बाबरी मस्जिद कमेटी ने की मलबे की मांग
मुस्लिम पक्षकारों के वरिष्ठ वकील राजीव धवन से होने वाली मुलाकात से पहले बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक और एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने बताया कि पुनर्विचार याचिका की सुनवाई होगी.

बाबरी मस्जिद कमेटी के संयोजक और एडवोकेट जफरयाब जिलानी का मानना हैं कि उनकी याचिका की सुनवाई अगर सुप्रीम कोर्ट में होती तो वह यह मामला भी सामने रखते.

इसमें वह इस बात पर बहस करते कि न्यायालय ने 1992 में बाबरी के विध्वंस को सिरे से असंवैधानिक माना है, इसीलिए इसके मलबे और दूसरी निर्माण सामग्री जैसे पत्थर खंभे आदि को मुसलमानों के सुपुर्द किया जाना चाहिए. इसके लिए प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट से अनुरोध किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- नागरिकता विरोध पर चौकन्नी हुई उप्र सरकार, जुमे को देखते हुए बंद की गईं कई जिलों की इंटरनेट सेवाएं

लखनऊ : बाबरी मस्जिद और अयोध्या जन्मभूमि विवाद में पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद अब बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी क्यूरेटिव याचिका जल्द ही दाखिल करेगी.

इस याचिका के जरिए ढांचे के मलबे को सौंपने के लिए कमेटी सुप्रीम कोर्ट जाएगी. इसके लिए एक प्रार्थना पत्र भी सुप्रीम कोर्ट में दिया जाएगा.

बाबरी मस्जिद कमेटी ने की मलबे की मांग
मुस्लिम पक्षकारों के वरिष्ठ वकील राजीव धवन से होने वाली मुलाकात से पहले बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक और एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने बताया कि पुनर्विचार याचिका की सुनवाई होगी.

बाबरी मस्जिद कमेटी के संयोजक और एडवोकेट जफरयाब जिलानी का मानना हैं कि उनकी याचिका की सुनवाई अगर सुप्रीम कोर्ट में होती तो वह यह मामला भी सामने रखते.

इसमें वह इस बात पर बहस करते कि न्यायालय ने 1992 में बाबरी के विध्वंस को सिरे से असंवैधानिक माना है, इसीलिए इसके मलबे और दूसरी निर्माण सामग्री जैसे पत्थर खंभे आदि को मुसलमानों के सुपुर्द किया जाना चाहिए. इसके लिए प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट से अनुरोध किया जाएगा.

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Intro:बाबरी मस्जिद अयोध्या जन्म भूमि विवाद में पुनर्विचार याचिका बगैर बहस के खारिज होने के बाद अब बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी क्यूरेटिव याचिका जल्द ही दाखिल करेगी इस याचिका के जरिए बाबरी मस्जिद का मलबा मुस्लिम समुदाय को सौंपने के लिए कोर्ट में कहा जाएगा वहीं इसके लिए एक प्रार्थना पत्र भी सुप्रीम कोर्ट में दिया जाएगा।


Body:मुस्लिम पक्षकारों के वरिष्ठ वकील राजीव धवन से होने वाली मुलाकात से पहले बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक और एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने साफ किया कि पुनर्विचार याचिका की सुनवाई बाबरी मस्जिद अयोध्या जन्मभूमि विवाद में बगैर बहस की खारिज होने के बाद अब बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी क्यूरेटिव याचिका दाखिल करेगी इसी याचिका के जरिए बाबरी मस्जिद का मलबा मुस्लिम समुदाय को देने के लिए कोर्ट में कहा जाएगा इसके लिए एक प्रार्थना पत्र भी सुप्रीम कोर्ट में दिया जाएगा। बाबरी मस्जिद कमेटी के संयोजक और एडवोकेट ज़फरयाब जिलानी का मानना हैं कि उनकी याचिका की सुनवाई अगर सुप्रीम कोर्ट में होती तो वह यह मामला भी सामने रखते इसमें बहस की जाति की न्यायालय ने 1992 में बाबरी के विध्वंस को सिरे से असंवैधानिक माना है इसलिए इसके मलबे और दूसरी निर्माण सामग्री जैसे पत्थर खंभे आदि को मुसलमानों के सुपुर्द किया जाना चाहिए इसके लिए प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट से अनुरोध किया जाएगा।

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