देहरादून : चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस दुनियाभर में जमकर कहर बरपा रहा है. इस वायरस की चपेट में आने से कई लोग जान गंवा चुके हैं. जबकि, संक्रमितों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन अभी तक कोरोना वायरस की कोई दवा और वैक्सीन नहीं बन पाई है. हालांकि, वैज्ञानिक और डॉक्टर लगातार वैक्सीन बनाने में लगे हैं.
दवा और वैक्सीन न होने पर इस महामारी से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर ही जीता जा सकता है, जिसमें सबसे ज्यादा असरदार आयुर्वेदिक इलाज माना जाता है. पुरानी परंपरा के अनुसार आयुर्वेदिक पद्धति से लाइलाज बीमारियां ठीक हो चुकी है, ऐसे में आयुर्वेदिक डॉक्टर भी मानते हैं कि कोरोना संक्रमण से निबटने में सबसे ज्यादा असरदार कोई इलाज है तो वो आयुर्वेद है.
नैनीताल के हल्दुचौड़ स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल की चिकित्सा अधिकारी मीरा जोशी का कहना है कि कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि चिंता का विषय है. ऐसे में उनका इलाज करना किसी चुनौती से कम नहीं है.कोई दवा न होने की वजह से मरीजों के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.जिसमें सबसे ज्यादा असरदार इलाज आयुर्वेदिक पद्धति है. जिससे कोई भी व्यक्ति घर बैठे इस बीमारी से लड़ सकता है. जरुरत है तो बस उन्हें अपने आयुर्वेदिक विधि से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की. जो आसपास की वनस्पतियों और आयुर्वेदिक उत्पादों से प्राप्त हो सकता है.
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डॉक्टर मीरा जोशी के मुताबिक गिलोय, अश्वगंधा, हल्दी, मुलेठी समेत अन्य आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का काढ़ा बनाकर सेवन करने से प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है. इसके अलावा योग और आसन प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सबसे बड़ा कारगर उपाय है. कोरोना के लगातार बढ़ते मरीजों को देखते हुए अब लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है. आवश्यक रूप से बाहर न निकलें. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का इस्तेमाल बेहद जरूरी है. वहीं, उन्होंने घर पहुंचने पर गर्म पानी और हल्दी का दूध पीने की सलाह दी.
डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना संक्रमण 50 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को लिए घातक साबित हो सकता है. ऐसे में इन लोगों को अपनी इम्युनिटी सिस्टम को ठीक रखने की जरूरत है. जो घर में उपलब्ध तुलसी के पत्ते, मुलेठी और अश्वगंधा से काढ़ा बनाकर पी सकते हैं. मीरा जोशी ने बताया कि एलोपैथिक के माध्यम से जहां कोरोना संक्रमित मरीज 15 दिनों के बाद ठीक होता है तो वही मरीज आयुर्वेदिक विधि के माध्यम से एक हफ्ते में ठीक हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक विभाग की ओर से जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.