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विशेष लेख : कोरोना से लड़ने के लिए सेना को आपातकालीन वित्तीय अधिकार मिला - आर्थिक आपातकालीन शक्तियां

कोरोन वायरस के खिलाफ लड़ाई को तेज करने के लिए, सरकार ने शुक्रवार को सेना के कमांडरों (जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चार्ज), कोर और एरिया कमांडरों, और डिवीजन और सब-एरिया कमांडरों को आपातकालीन शक्तियां सौंप दीं. चीन के वुहान शहर से फैले जानलेवा कोरोना वायरस से अब तक दुनिया भर में लगभग 27,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 5,90,000 से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं.

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Published : Mar 28, 2020, 10:48 AM IST

Updated : Mar 28, 2020, 11:00 AM IST

नई दिल्ली : पूरा देश कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन मोड पर है. इस वायरस के कारण कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. इधर देश की सेना इस खतरे से निपटने के लिए कमर कस चुकी है और इससे लड़ने के लिए उसे आपातकालीन वित्तीय अधिकार सौंप दिया गया है.

सरकार ने शुक्रवार को सेना के कमांडरों (जनरल ऑफिसर कमांडिंग इनचार्ज), कोर और एरिया कमांडरों, और डिवीजन और सब-एरिया कमांडरों को आपातकालीन शक्तियां सौंप दीं.

आपातकालीन शक्तियां मिलने के बाद सेना सक्रिय रूप से संगरोध सुविधाओं और अलगाव वार्ड स्थापित कर रही है.

देश में तेजी से फैल रहे कोरना वायरस से निपटने के लिए संवर्धित वित्तीय शक्तियों की आवश्यकता आन पड़ी है.

आपातकालीन परिस्थितियों में रक्षा सेवाओं के लिए 'वित्तीय शक्तियों का प्रतिनिधिमंडल'-2016 (Emergency powers of the delegation) के आपातकालीन शक्तियां' के तहत इसे जारी किया गया है, ताकि पृथक वार्ड ( क्वारनटाइन) को स्थापित करने और उसे चलाने के लिए जरूरी चीजों की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके. इसके अलावा कोविड -19 के प्रकोप ​​से निपटने के लिए जरूरी सामाग्री, उपकरणों, दुकानों, राशन, स्वच्छता, रसायन आदि किया गया है.

पढ़ें- कोरोना से 'युद्ध' को सेना ने किया 'ऑपरेशन नमस्ते' का एलान

क्वारनटाइन को चलाने और स्थापित करने के लिए जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चार्ज को पूरी शक्तियां दी गई हैं, जबकि सीमा कमांडर और एरिया कमांडरों के लिए वित्तीय सीमा 50 लाख रुपये तक बढ़ा दी गई है, जबकि डिवीजन कमांडरों और सब एरिया कमांडरों के लिए यह 20 लाख रुपये है.

शक्तियों को तीन महीने की अवधि के लिए लागू किया गया है जिसे स्थिति के आधार पर बाद में संशोधित किया जा सकता है.

27 मार्च तक, हिंडन, मनेशर, जैसलमेर, जोधपुर, घाटकोपर और चेन्नई में छह संगरोध सुविधाएं हैं, जहां 1,059 नागरिक निकाय इटली, ईरान और मलेशिया से लाए जाने के बाद रखे गए हैं. इनमें से अब तक केवल तीन ने सकारात्मक परीक्षण किया है.

अब तक, लेह में ही एक सेना के जवान ने कोविड -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया था. इसके अलावा सेना अधिक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट खरीदने की भी योजना बना रही है.

इस मामले में सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अनूप बनर्जी ने कहा है कि आने वाले सप्ताह और महीनों के दौरान सशस्त्र बलों के लिए अतिरिक्त खरीद की योजना बनाई जा रही है, क्योंकि सशस्त्र बलों को नागरिक स्वास्थ्य के लिए चिकित्सा संसाधनों को बढ़ाने के लिए निर्देशित किया गया है.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में, सशस्त्र बलों के लिए पांच अस्पताल हैं जो कोविड -19 परीक्षणों को अंजाम दे सकते हैं, जबकि छह अतिरिक्त अस्पतालों को भी शीघ्र ही परीक्षण शुरू करने के लिए संसाधनों से लैस किया जा रहा है.

जनरल अनूप बनर्जी ने आगे कहा कि इन अस्पतालों में अलगाव वार्डों को तैयार किया गया है. इनमें सेवारत कर्मियों के लिए गहन जानकारी, शिक्षा और संचार अभियान चल रहे हैं.

साथ ही विभिन्न राज्यों से छुट्टी से पहले से ही सैनिकों का निरीक्षण करने के लिए अलगाव की सुविधा स्थापित की गई है.

बता दें कि चीन के वुहान शहर से फैले जानलेवा कोरोना वायरस से अब तक दुनिया भर में लगभग 27,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 5,90,000 से अधिक लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं.

(संजीव बरुआ)

नई दिल्ली : पूरा देश कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन मोड पर है. इस वायरस के कारण कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. इधर देश की सेना इस खतरे से निपटने के लिए कमर कस चुकी है और इससे लड़ने के लिए उसे आपातकालीन वित्तीय अधिकार सौंप दिया गया है.

सरकार ने शुक्रवार को सेना के कमांडरों (जनरल ऑफिसर कमांडिंग इनचार्ज), कोर और एरिया कमांडरों, और डिवीजन और सब-एरिया कमांडरों को आपातकालीन शक्तियां सौंप दीं.

आपातकालीन शक्तियां मिलने के बाद सेना सक्रिय रूप से संगरोध सुविधाओं और अलगाव वार्ड स्थापित कर रही है.

देश में तेजी से फैल रहे कोरना वायरस से निपटने के लिए संवर्धित वित्तीय शक्तियों की आवश्यकता आन पड़ी है.

आपातकालीन परिस्थितियों में रक्षा सेवाओं के लिए 'वित्तीय शक्तियों का प्रतिनिधिमंडल'-2016 (Emergency powers of the delegation) के आपातकालीन शक्तियां' के तहत इसे जारी किया गया है, ताकि पृथक वार्ड ( क्वारनटाइन) को स्थापित करने और उसे चलाने के लिए जरूरी चीजों की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके. इसके अलावा कोविड -19 के प्रकोप ​​से निपटने के लिए जरूरी सामाग्री, उपकरणों, दुकानों, राशन, स्वच्छता, रसायन आदि किया गया है.

पढ़ें- कोरोना से 'युद्ध' को सेना ने किया 'ऑपरेशन नमस्ते' का एलान

क्वारनटाइन को चलाने और स्थापित करने के लिए जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चार्ज को पूरी शक्तियां दी गई हैं, जबकि सीमा कमांडर और एरिया कमांडरों के लिए वित्तीय सीमा 50 लाख रुपये तक बढ़ा दी गई है, जबकि डिवीजन कमांडरों और सब एरिया कमांडरों के लिए यह 20 लाख रुपये है.

शक्तियों को तीन महीने की अवधि के लिए लागू किया गया है जिसे स्थिति के आधार पर बाद में संशोधित किया जा सकता है.

27 मार्च तक, हिंडन, मनेशर, जैसलमेर, जोधपुर, घाटकोपर और चेन्नई में छह संगरोध सुविधाएं हैं, जहां 1,059 नागरिक निकाय इटली, ईरान और मलेशिया से लाए जाने के बाद रखे गए हैं. इनमें से अब तक केवल तीन ने सकारात्मक परीक्षण किया है.

अब तक, लेह में ही एक सेना के जवान ने कोविड -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया था. इसके अलावा सेना अधिक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट खरीदने की भी योजना बना रही है.

इस मामले में सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अनूप बनर्जी ने कहा है कि आने वाले सप्ताह और महीनों के दौरान सशस्त्र बलों के लिए अतिरिक्त खरीद की योजना बनाई जा रही है, क्योंकि सशस्त्र बलों को नागरिक स्वास्थ्य के लिए चिकित्सा संसाधनों को बढ़ाने के लिए निर्देशित किया गया है.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में, सशस्त्र बलों के लिए पांच अस्पताल हैं जो कोविड -19 परीक्षणों को अंजाम दे सकते हैं, जबकि छह अतिरिक्त अस्पतालों को भी शीघ्र ही परीक्षण शुरू करने के लिए संसाधनों से लैस किया जा रहा है.

जनरल अनूप बनर्जी ने आगे कहा कि इन अस्पतालों में अलगाव वार्डों को तैयार किया गया है. इनमें सेवारत कर्मियों के लिए गहन जानकारी, शिक्षा और संचार अभियान चल रहे हैं.

साथ ही विभिन्न राज्यों से छुट्टी से पहले से ही सैनिकों का निरीक्षण करने के लिए अलगाव की सुविधा स्थापित की गई है.

बता दें कि चीन के वुहान शहर से फैले जानलेवा कोरोना वायरस से अब तक दुनिया भर में लगभग 27,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 5,90,000 से अधिक लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं.

(संजीव बरुआ)

Last Updated : Mar 28, 2020, 11:00 AM IST
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