नई दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को आश्वासन दिया है कि नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN-IM) के साथ बहुप्रतीक्षित शांति समझौते के दौरान असम की क्षेत्रीय अखंडता को कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
सोनोवाल गुरुवार को दिन में शाह से उनके आवास पर मुलाकात के लिए पहुंचे थे, तभी गृह मंत्री से उन्हें यह आश्वासन मिला.
सोनोवाल ने कहा, 'गृह मंत्री ने मुझे आश्वासन दिया है कि वह शांति समझौते पर हस्ताक्षर करते समय असम और उसके लोगों को ध्यान में रखेंगे.'
सोनोवाल और शाह के बीच बैठक मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की अध्यक्षता में पार्टी के सभी प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात के कुछ दिनों बाद हुई. बीरेन सिंह ने भी नगा शांति समझौते पर भी अपनी चिंता जताई थी.
असम और मणिपुर की सरकारों ने केंद्र से अपील की है कि शांति समझौते का पालन करते हुए वह इन राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता न करे.
गौरतलब है कि केंद्र ने 31 अक्टूबर को कहा था कि उसने नगा उग्रवादी समूहों के साथ बातचीत अभी समाप्त नहीं की है और वह किसी समझौते पर पहुंचने से पहले असम, मणिपुर तथा अरुणाचल प्रदेश राज्यों समेत सभी पक्षों से सलाह-मशविरा करेगा.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार के संज्ञान में आया है कि मीडिया और सोशल मीडिया में अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि अंतिम नगा समझौता हो गया है और जल्द इसकी घोषणा की जाएगी.
बयान में कहा गया, 'देश के कुछ हिस्सों में इससे चिंता पैदा हो रही है. साफ है कि नगा समूहों के साथ किसी समझौते पर पहुंचने से पहले असम, मणिपुर तथा अरुणाचल प्रदेश राज्यों समेत सभी पक्षों से उचित परामर्श लिया जाएगा और उनकी चिंताओं पर विचार किया जाएगा. इस तरह की अफवाहों और गलत सूचनाओं पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है.'
इसी कड़ी में गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सोनोवाल से मुलाकात की और उन्हें NSCN-IM और यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) की वार्ता के बारे में जानकारी दी.
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NSCN-IM असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के उन इलाकों को 'ग्रेटर नागालिम' क्षेत्र में शामिल करने की मांग कर रहा है, जहां नगा बसे हुए हैं. यह नागा विद्रोही संगठनों द्वारा उठायी गयी मांग है.
हालांकि, केंद्र ने ऐसी किसी भी संभावना को खरिज कर दिया है.
शाह के साथ अपनी बैठक में, मुख्यमंत्री सोनोवाल ने असम के नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL) का मुद्दा भी उठाया.
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि मुख्यमंत्री सोनोवाल ने NRL की तरफ भी गृह मंत्री का ध्यान खींचने की कोशिश की. उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में NRL की यथास्थिति बनाए रखने के लिए उनका सहयोग मांगा.
रिपोर्टों के अनुसार, केंद्र ने पहले NRL के विनिवेश के लिए पहल की है. केंद्र ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) को सौंपने की योजना बनाई है, जो NRL में 61.65 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है.
सोनोवाल ने गृह मंत्री से मिलने के बाद, शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की.
गौरतलब है कि केंद्र असम में शांति लाने के लिए उल्फा के एक गुट के साथ भी बातचीत कर रहा है.
उल्फा पिछले कई दशकों से असम और आसपास के राज्यों में हिंसा फैला रहा है. उल्फा दो गुटों में बंट चुका है, जिनमें से एक केंद्र सरकार के साथ वार्ता करने के लिए तैयार है.