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'सबसे ज्यादा संतुष्ट भारत के मुसलमान', भागवत के इस बयान पर भड़के ओवैसी

आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के समर्थकों के बीच बहस छिड़ गई है. भागवत ने कहा कि भारत के मुसलमान दुनिया में सबसे ज्यादा संतुष्ट हैं. इस पर ओवैसी ने कहा कि आपकी विचारधारा हम मुसलमानों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनाना चाहती है.

असदुद्दीन ओवैसी  मोहन भागवत
असदुद्दीन ओवैसी मोहन भागवत
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Published : Oct 10, 2020, 9:03 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत के एक बयान को लेकर सोशल मीडिया पर वाक-युद्ध छिड़ गया है. एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उनके बयान पर आपत्ति जताई है. भागवत ने कहा था कि भारत के मुसलमान दुनिया में सबसे ज्यादा संतुष्ट हैं.

ओवैसी ने कहा कि भागवत हमें यह न बताएं कि हम लोग यहां कितने खुश हैं. हकीकत यह है कि उनकी विचारधारा हम मुसलमानों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनाना चाहती है.

ओवैसी का ट्वीट.
ओवैसी का ट्वीट.

ओवैसी ने ट्विट कर कहा, 'हमारी खुशी के मानक क्या हैं? क्या अब भागवत नाम के एक व्यक्ति हमें बताएंगे कि बहुसंख्यकों का कितना आभारी होना चाहिए. हमारी खुशी इसी में है कि संविधान के तहत हमारा आत्मसम्मान बना रहे. हमें न बताइए कि हम कितने खुश हैं.'

भागवत और ओवैसी के बयान पर सोशल मीडिया पर तेज बहस छिड़ गई है.

आरएसएस प्रमुक भागवत ने कहा था कि भारतीय मुसलमान दुनिया में सबसे ज्यादा संतुष्ट हैं. जब भारतीयता की बात आती है, तो सभी धर्मों के लोग एक साथ खड़े होते हैं. किसी तरह की कट्टरता और अलगाववाद केवल वही लोग फैलाते हैं, जिनके खुद के हित प्रभावित होते हैं.

  • Mohan Bhagwat on Indian Muslims: "We created a space for them. This is the nature of our nation, and that inherent nature is called Hindu.”

    His use of "We" reflects majoritarianism.

    The Constitution's "We the people of India" includes everyone. No thanks to Bhagwat's "We".

    — Salman Anees Soz (@SalmanSoz) October 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुगल शासक अकबर के खिलाफ युद्ध में मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप की सेना में बड़ी संख्या में मुस्लिम सैनिकों के होने का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा कि भारत के इतिहास में जब भी देश की संस्कृति पर हमला हुआ है, तो सभी धर्मों के लोग साथ मिलकर खड़े हुए हैं.

संघ प्रमुख ने महाराष्ट्र से प्रकाशित होने वाली हिंदी पत्रिका 'विवेक' को दिए साक्षात्कार में कहा, 'सबसे ज्यादा भारत के ही मुस्लिम संतुष्ट हैं.' उन्होंने कहा कि क्या दुनिया में एक भी उदाहरण ऐसा है, जहां किसी देश की जनता पर शासन करने वाला कोई विदेशी धर्म अब भी अस्तित्व में हो.

भागवत ने कहा, 'कहीं नहीं. केवल भारत में ऐसा है.'

यह भी पढ़ें- ग्रामीणों को मिलेगा प्रॉपर्टी कार्ड, यूपी-एमपी समेत इन राज्यों से शुरुआत

उन्होंने कहा कि भारत के विपरीत पाकिस्तान ने कभी दूसरे धर्मों के अनुयायियों को अधिकार नहीं दिए और इसे मुसलमानों के अलग देश की तरह बना दिया गया.

भागवत ने कहा, 'हमारे संविधान में यह नहीं कहा गया कि यहां केवल हिंदू रह सकते हैं या यह कहा गया हो कि यहां केवल हिंदुओं की बात सुनी जाएगी, या अगर आपको यहां रहना है तो आपको हिंदुओं की प्रधानता स्वीकार करनी होगी. हमने उनके लिए जगह बनाई. यह हमारे राष्ट्र का स्वभाव है और यह अंतर्निहित स्वभाव ही हिंदू कहलाता है.'

संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि कौन किसकी पूजा करता है. धर्म जोड़ने वाला, उत्थान करने वाला और सभी को एक सूत्र में पिरोने वाला होना चाहिए.

भागवत ने कहा, 'जब भी भारत और इसकी संस्कृति के लिए समर्पण जाग्रत होता है और पूर्वजों के प्रति गौरव की भावना पैदा होती है तो सभी धर्मों के बीच भेद समाप्त हो जाता है और सभी धर्मों के लोग एक साथ खड़े होते हैं.'

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत के एक बयान को लेकर सोशल मीडिया पर वाक-युद्ध छिड़ गया है. एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उनके बयान पर आपत्ति जताई है. भागवत ने कहा था कि भारत के मुसलमान दुनिया में सबसे ज्यादा संतुष्ट हैं.

ओवैसी ने कहा कि भागवत हमें यह न बताएं कि हम लोग यहां कितने खुश हैं. हकीकत यह है कि उनकी विचारधारा हम मुसलमानों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनाना चाहती है.

ओवैसी का ट्वीट.
ओवैसी का ट्वीट.

ओवैसी ने ट्विट कर कहा, 'हमारी खुशी के मानक क्या हैं? क्या अब भागवत नाम के एक व्यक्ति हमें बताएंगे कि बहुसंख्यकों का कितना आभारी होना चाहिए. हमारी खुशी इसी में है कि संविधान के तहत हमारा आत्मसम्मान बना रहे. हमें न बताइए कि हम कितने खुश हैं.'

भागवत और ओवैसी के बयान पर सोशल मीडिया पर तेज बहस छिड़ गई है.

आरएसएस प्रमुक भागवत ने कहा था कि भारतीय मुसलमान दुनिया में सबसे ज्यादा संतुष्ट हैं. जब भारतीयता की बात आती है, तो सभी धर्मों के लोग एक साथ खड़े होते हैं. किसी तरह की कट्टरता और अलगाववाद केवल वही लोग फैलाते हैं, जिनके खुद के हित प्रभावित होते हैं.

  • Mohan Bhagwat on Indian Muslims: "We created a space for them. This is the nature of our nation, and that inherent nature is called Hindu.”

    His use of "We" reflects majoritarianism.

    The Constitution's "We the people of India" includes everyone. No thanks to Bhagwat's "We".

    — Salman Anees Soz (@SalmanSoz) October 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुगल शासक अकबर के खिलाफ युद्ध में मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप की सेना में बड़ी संख्या में मुस्लिम सैनिकों के होने का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा कि भारत के इतिहास में जब भी देश की संस्कृति पर हमला हुआ है, तो सभी धर्मों के लोग साथ मिलकर खड़े हुए हैं.

संघ प्रमुख ने महाराष्ट्र से प्रकाशित होने वाली हिंदी पत्रिका 'विवेक' को दिए साक्षात्कार में कहा, 'सबसे ज्यादा भारत के ही मुस्लिम संतुष्ट हैं.' उन्होंने कहा कि क्या दुनिया में एक भी उदाहरण ऐसा है, जहां किसी देश की जनता पर शासन करने वाला कोई विदेशी धर्म अब भी अस्तित्व में हो.

भागवत ने कहा, 'कहीं नहीं. केवल भारत में ऐसा है.'

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उन्होंने कहा कि भारत के विपरीत पाकिस्तान ने कभी दूसरे धर्मों के अनुयायियों को अधिकार नहीं दिए और इसे मुसलमानों के अलग देश की तरह बना दिया गया.

भागवत ने कहा, 'हमारे संविधान में यह नहीं कहा गया कि यहां केवल हिंदू रह सकते हैं या यह कहा गया हो कि यहां केवल हिंदुओं की बात सुनी जाएगी, या अगर आपको यहां रहना है तो आपको हिंदुओं की प्रधानता स्वीकार करनी होगी. हमने उनके लिए जगह बनाई. यह हमारे राष्ट्र का स्वभाव है और यह अंतर्निहित स्वभाव ही हिंदू कहलाता है.'

संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि कौन किसकी पूजा करता है. धर्म जोड़ने वाला, उत्थान करने वाला और सभी को एक सूत्र में पिरोने वाला होना चाहिए.

भागवत ने कहा, 'जब भी भारत और इसकी संस्कृति के लिए समर्पण जाग्रत होता है और पूर्वजों के प्रति गौरव की भावना पैदा होती है तो सभी धर्मों के बीच भेद समाप्त हो जाता है और सभी धर्मों के लोग एक साथ खड़े होते हैं.'

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