नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट्स फैकल्टी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समर्थन में मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय, अर्थशास्त्री अरुण कुमार और एक्टर जीशान अय्यूब उतरे. अरुंधति राय ने कहा कि सरकार डिटेंशन सेंटर को लेकर झूट बोल रही है. उन्होंने कहा कि एनपीआर के लिए जब कोई जानकारी मांगे तो उसे अपना नाम रंगा-बिल्ला बताएं और पीएम के घर का पता लिखवाएं.
रॉय ने कहा, 'एनपीआर भी एनआरसी का ही हिस्सा है. एनपीआर के लिए जब सरकारी कर्मचारी जानकारी मांगने आपके घर आएं तो उन्हें अपना नाम रंगा-बिल्ला, कुंगफू-कुट्टला बताइए. अपने घर का पता देने के बजाए प्रधानमंत्री के घर का पता लिखवाएं.'
अरुंधति ने केंद्र सरकार के ऊपर जमकर किया हमला किया. वहीं गिरती अर्थव्यवस्था के लिए अरुण कुमार ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया.
बीजेपी की प्रतिक्रिया
अरुंधति रॉय के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'अगर यही हमारे देश के बुद्धिजीवी है तो पहले हमें ऐसे ‘बुद्धिजीवियों’ का रजिस्टर बनाना चाहिए! वैसे उन्होंने ने अपना नाम तो बता ही दिया, साथ में ये भी बता दिया कि उन्हें कंग-फू की भी जानकारी है. अरुंधति जी को शर्म आनी चाहिए! ऐसे बयान देश के साथ विश्वासघात नहीं है तो क्या है?'
छात्रों के समर्थन में उतरी वरिष्ठ हस्तियां और कलाकार
दिल्ली विश्वविद्यालय में आर्ट्स फैकल्टी के बाहर छात्रों के ने सीएए और एनआरसी के विरोध में कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय,अर्थशास्त्री अरुण कुमार और एक्टर जीशान अय्यूब छात्रों को समर्थन देने पहुंचे थे. कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान तीनों ही लोगों ने एक-एक करके अपनी बात रखते हुए केंद्र सरकार को सीएए और एनआरसी लागू करने को लेकर ना सिर्फ लताड़ा बल्कि कई गंभीर आरोप भी लगाए.
'छात्रों की मौत के लिए जिम्मेदार केंद्र सरकार'
मशहूर लेखिका अरुंधति राय ने पूरे देशभर में एनआरसी और सीएए को लेकर हो रहे विरोध के ऊपर केंद्र सरकार को जमकर लताड़ा और गंभीर आरोप भी लगाए. अरुंधति राय ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि पूरे देश में जिस तरह से छात्रों की हत्या केंद्र सरकार के माध्यम से की जा रही है वह दुखद है. खासतौर पर उत्तर प्रदेश और दिल्ली के अंदर जिस तरह से केंद्र सरकार के निर्देशों पर छात्रों के ऊपर अत्याचार किया जा रहा है, वे बेहद शर्मनाक है. देश मे जो छात्रों की जो मौतें हो रही है उसके लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार जिम्मेदार है.
'सरकार इकट्ठा कर रही है डाटा'
अरुंधति रॉय ने अपने भाषण के दौरान लोगों से कहा कि सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) का सहारा लेकर अब लोगों के घर जाकर डाटा एकत्रित कर रही है. उसके बाद इस डाटा को एनआरसी लागू करने में इस्तेमाल किया जाएगा. इसलिए मैं आप सब लोगों से दरखास्त करती हूं कि जब भी आपके घर कोई सर्वे करने आए तो अपना असली नाम न बताए ओर न ही कोई दस्तावेज दे. जिससे केंद्र सरकार का एनआरसी लागू करने का ये रास्ता बंद हो जाए.
'गिरती अर्थव्यवस्था का कारण है केंद्र सरकार'
वहीं दूसरी तरफ वरिष्ठ अर्थशास्त्री अरुण कुमार ने भी देश की लगातार गिरती अर्थव्यवस्था के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा सरकार को सीएए और एनआरसी नहीं लागू करना चाहिए क्योंकि इसका बुरा प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.