नई दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश ने मौजूदा अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर आधारित सेवा से अलग नौकरशाहों के नए कैडर की अपनी मांग दोहराई है.
दिल्ली में गवर्नरों और लेफ्टीनेंट गवर्नरों के हालिया सम्मेलन में, अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का ध्यान आकर्षित करते हुए इस मुद्दे को उठाया.
अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तपीर गाओ ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा,'अरुणाचल प्रदेश भारत के पूर्वी भाग में सबसे महत्वपूर्ण राज्य है. हमें एक अलग कैडर की जरूरत है ताकि यहां समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके.'
वर्तमान में, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अरुणाचल प्रदेश में तैनात अधिकारियों की दो साल की अवधि के लिए प्रतिनियुक्ति की जाती है.
सांसद ने कहा कि जो भी अच्छे अधिकारी आते हैं, वो कार्यकाल पूरा करने से पहले ही राज्य छोड़ देते हैं.
उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की विविधता देखते हुए , इस राज्य के लिए नौकरशाहों का समर्पित कैडर होना आवश्यक है.
गाओ ने कहा, 'हमें राज्य बने 32 साल हो चुके हैं, लेकिन अब भी हम केंद्र शासित प्रदेश कैडर के अधीन हैं.'
एजीएमयूटी कैडर के अधीन मुख्य रूप से केंद्र शासित प्रदेशों में अरुणाचल प्रदेश, गोवा और मिजोरम सहित कुछ और राज्य आते हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कैडर नियंत्रण प्राधिकरण होने के नाते अरुणाचल प्रदेश के लिए 42 आईएएस और 35 आईपीएस अधिकारियों की मंजूरी दे दी है.
हालांकि, सरकारी रिकॉर्ड में कहा गया है कि 403 की कुल अधिकृत सख्या में से वर्तमान में AGMUT कैडर के तहत केवल 271 IAS अधिकारी हैं.