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अरुणाचल प्रदेश ने फिर उठाई अलग अधिकारी कैडर की मांग - राष्ट्रपति

दिल्ली में हाल ही में हुई राज्यपालों और उप राज्यपालों की बैठक में अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ने अखिल भारतीय सेवाओं में अरुणाचल के लिए अलग से काडर बनाने की मांग दोहराई.

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सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा, अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल
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Published : Nov 28, 2019, 10:25 PM IST

नई दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश ने मौजूदा अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर आधारित सेवा से अलग नौकरशाहों के नए कैडर की अपनी मांग दोहराई है.

दिल्ली में गवर्नरों और लेफ्टीनेंट गवर्नरों के हालिया सम्मेलन में, अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का ध्यान आकर्षित करते हुए इस मुद्दे को उठाया.

अरुणाचल प्रदेश से भाजपा सांसद ने की ईटीवी भारत से बातचीत

अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तपीर गाओ ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा,'अरुणाचल प्रदेश भारत के पूर्वी भाग में सबसे महत्वपूर्ण राज्य है. हमें एक अलग कैडर की जरूरत है ताकि यहां समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके.'

वर्तमान में, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अरुणाचल प्रदेश में तैनात अधिकारियों की दो साल की अवधि के लिए प्रतिनियुक्ति की जाती है.

सांसद ने कहा कि जो भी अच्छे अधिकारी आते हैं, वो कार्यकाल पूरा करने से पहले ही राज्य छोड़ देते हैं.

उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की विविधता देखते हुए , इस राज्य के लिए नौकरशाहों का समर्पित कैडर होना आवश्यक है.

गाओ ने कहा, 'हमें राज्य बने 32 साल हो चुके हैं, लेकिन अब भी हम केंद्र शासित प्रदेश कैडर के अधीन हैं.'

एजीएमयूटी कैडर के अधीन मुख्य रूप से केंद्र शासित प्रदेशों में अरुणाचल प्रदेश, गोवा और मिजोरम सहित कुछ और राज्य आते हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कैडर नियंत्रण प्राधिकरण होने के नाते अरुणाचल प्रदेश के लिए 42 आईएएस और 35 आईपीएस अधिकारियों की मंजूरी दे दी है.

हालांकि, सरकारी रिकॉर्ड में कहा गया है कि 403 की कुल अधिकृत सख्या में से वर्तमान में AGMUT कैडर के तहत केवल 271 IAS अधिकारी हैं.

नई दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश ने मौजूदा अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर आधारित सेवा से अलग नौकरशाहों के नए कैडर की अपनी मांग दोहराई है.

दिल्ली में गवर्नरों और लेफ्टीनेंट गवर्नरों के हालिया सम्मेलन में, अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का ध्यान आकर्षित करते हुए इस मुद्दे को उठाया.

अरुणाचल प्रदेश से भाजपा सांसद ने की ईटीवी भारत से बातचीत

अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तपीर गाओ ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा,'अरुणाचल प्रदेश भारत के पूर्वी भाग में सबसे महत्वपूर्ण राज्य है. हमें एक अलग कैडर की जरूरत है ताकि यहां समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके.'

वर्तमान में, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अरुणाचल प्रदेश में तैनात अधिकारियों की दो साल की अवधि के लिए प्रतिनियुक्ति की जाती है.

सांसद ने कहा कि जो भी अच्छे अधिकारी आते हैं, वो कार्यकाल पूरा करने से पहले ही राज्य छोड़ देते हैं.

उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की विविधता देखते हुए , इस राज्य के लिए नौकरशाहों का समर्पित कैडर होना आवश्यक है.

गाओ ने कहा, 'हमें राज्य बने 32 साल हो चुके हैं, लेकिन अब भी हम केंद्र शासित प्रदेश कैडर के अधीन हैं.'

एजीएमयूटी कैडर के अधीन मुख्य रूप से केंद्र शासित प्रदेशों में अरुणाचल प्रदेश, गोवा और मिजोरम सहित कुछ और राज्य आते हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कैडर नियंत्रण प्राधिकरण होने के नाते अरुणाचल प्रदेश के लिए 42 आईएएस और 35 आईपीएस अधिकारियों की मंजूरी दे दी है.

हालांकि, सरकारी रिकॉर्ड में कहा गया है कि 403 की कुल अधिकृत सख्या में से वर्तमान में AGMUT कैडर के तहत केवल 271 IAS अधिकारी हैं.

Intro:New Delhi: Aruanchal Pradesh has reiterated its demand for a new cadre of bureaucrats separate from the existing Arunachal Pradesh-Goa-Mizoram and Union Territory (AGMUT) cadre based service.


Body:In a recent conference of Governors and Lt. Governors held in the national capital, Aruanchal Pradesh Governor Brigadier BD Mishra (retired) raised the issue while bringing attention of President Ram Nath Kovind.

"Aruancal Pradesh is a stratigacally important state in the eastern most part of India. We need a separate cadre so that an overall development could be ensured," said Tapir Gao, an MP from Arunachal Pradesh while talking on the issue to ETV Bharat.

At present, officials from Indian Administrative Service (IAS) and Indian Police Service (IPS) posted in Aruanchal Pradesh are deputed for a period of two years.

"If we have very good officers, they leave the state even before they complete their term," said the lawmaker.

He said that it is necessary to have dedicated cadre of bureaucrats for the state because of its diversity.

"It's more than 32 years that Aruanchal Pradesh attained statehood. But still we are under Union Territory cadre," Gao said.



Conclusion:The AGMUT cadre mainly look after Union Territories and a few states including Arunachal Pradesh, Gao and Mizoram.

Union Home Ministry being the cadre controlling authority has sanctioned a strength of 42 IAS officer and 35 IPS officer for Aruanchal Pradesh.

However, Government records said that against a total authorised strength of 403, at present, there are only 271 IAS officer under AGMUT cadre.

end.
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