नई दिल्ली : जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन को खत्म करने के लिए जिस तरह से दिल्ली को हिंसा की आग में झोका गया. वह बेहद दुखद एवं निंदनीय है.
मौलाना अरशद मदनी ने बुधवार को कहा कि भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने अपने भड़काऊ भाषण से जिस तरह से दिल्ली में हिंसा भड़काई, वह बेहद निंदनीय हैं और सरकार को तुरंत कपिल जैसे नेताओं पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
मदनी ने कपिल मिश्रा के साथ ही उन पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने की मांग की, जिनकी उपस्थिति में उन्होंने भाषण दिया था.
उन्होंने दिल्ली हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जमीयत हर पीड़ित परिवार के साथ है. जमीयत का एक प्रतिनिधिमंडल अस्पतालों में जाकर दंगे में घायल पीड़ितों से मुलाकात कर रहा है और उन्हें हर संभव मदद भी देगा.
ये भी पढ़ें-दिल्ली हिंसा : चांद बाग इलाके से मिला खुफिया ब्यूरो के कर्मचारी का शव
मौलाना मदनी ने कहा कि जिस तरह नागरिकता कानून को लेकर पूरे देश में विरोध का स्वर उठ रहा था. उससे सरकार घबराई हुई है और यही कारण है कि शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे विरोध प्रदर्शनों को खत्म करने के लिए दंगा कराया गया.
मौलाना मदनी ने कहा कि कुछ लोग धर्म को आधार बनाकर देश के भाईचारे और अखंडता को खत्म करना चाहते हैं और वे देश में धर्मयुद्ध का माहौल बनाना चाहते हैं, लेकिन जमीयत ऐसे नापाक लोगों को उनके मंसूबे में कामयाब नहीं होने देगी.
उन्होंने कहा कि जमीयत हमेशा से ही देश में हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल रही है और धर्म-जाति से ऊपर उठकर मानवता और भाईचारे के लिए काम किया है.
मौलाना मदनी ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि वह देश का सांप्रदायिक माहौल खराब करने वालों को पहचाने और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे, जिससे कि देश में आपसी भाईचारा, अखंडता और एकता बनी रहे.