देहरादून : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) की पासिंग आउट परेड संपन्न हुई. इस बार पासिंग आउट परेड में जेंटलमैन कैडेट्स के कंधों पर उनके अभिभावक स्टार नहीं लगा पाए.
कोरोना वायरस महामारी के कारण जेंटलमैन कैडेट्स के अभिभावक आईएमए पासिंग आउट परेड में शामिल नहीं हो सके. ऐसे में इस बार पास आउट होने वाले कैडेट्स के कंधों पर IMA के सीनियर अधिकारी और खास तौर पर इस बार परेड के मुख्य अतिथि रहे थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने खुद स्टार लगाकर गौरव का अनुभव करवाया.
पिपिंग सेरेमनी में पास आउट होने वाले कैडेट्स के कंधों पर सीनियर सैन्य अधिकारियों ने अभिभावकों की भूमिका निभाते हुए स्टार सजाए. इस दौरान सीनियर सैन्य अधिकारियों ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते भले ही जीवन के सबसे खुशी भरे पल में परिवार वाले यहां मौजूद न हों, लेकिन इसके बावजूद देश सेवा में समर्पित इन नए सैन्य अधिकारियों के जज्बे में कोई कमी नहीं है.
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इस बार पासिंग आउट परेड संपन्न होने के बाद चेटवुड भवन में अंतिम पग पार करने की परंपरा को भी 'प्रथम पग' की परंपरा में बदला गया. मुख्य अतिथि थल सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे की मौजूदगी में सभी पास आउट अधिकारियों ने 'प्रथम पग' की इस परंपरा को शुरू किया.
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सैन्य अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सैन्य अकादमी का परिवार आज पास आउट होने वाले अफसरों की खुशी में शामिल होकर माता-पिता व शुभचिंतकों की तरह ही उन्हें भविष्य के लिए शुभाशीष के साथ शुभकामनाएं दे रहा है.
भारतीय सैन्य अकादमी ने अपने गौरवशाली इतिहास में अभी तक 60 हजार से अधिक सैन्य अधिकारी सेना को दिए हैं. IMA से पास आउट होने वाले 16 अधिकारी अब तक चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (थल सेना अध्यक्ष) बन चुके हैं.