उत्तरकाशी: चारधाम की यात्रा पर उत्तराखंड पहुंचे सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत आज अपने ननिहाल थाती धनारी गांव पहुंचे हैं. पत्नी माधुलिका रावत संग नानी के घर को देख सेना प्रमुख बेहद भावुक नजर आए. उन्होंने गांव के बुजुर्गों से मुलाकात की. इस दौरान स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया. जनरल रावत ने अपने ननिहाल में लंबा वक्त बिताया है. कई दशकों बाद गांव पहुंचे रावत बीते लम्हों को यादकर वे भाव-विभोर हो गए.
जनरल रावत के स्वागत-सत्कार के लिये ग्रामीणों ने पारंपरिक भोज समेत कई पहाड़ी व्यंजन बनाये थे. इस गांव से निकलकर सेना के सर्वोच्च पद पर पहुंचे अपने बेटे को अपने बीच देख गांव वाले काफी प्रसन्न दिखे. इस दौरान सेना प्रमुख जनरल और उनकी पत्नी ने गांव के लोगों से मुलाकात की.
बता दें, थाती गांव निवासी ठाकुर सूरत सिंह परमार बिपिन रावत के नाना हैं. उनके छोटे नाना ठाकुर किशन सिंह परमार उत्तरकाशी के पहले विधायक रहे हैं. आर्मी चीफ के चार मामाओं में से तीन के परिवार गांव से पलायन कर चुके हैं. गांव में सिर्फ मामा खुशपाल परमार के बेटे नरेंद्र रहते हैं.
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सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि वह सेवा निवृत होने के बाद अपने पैतृक गांव तथा पैतृक ननिहाल के गांव में कुछ काम करेंगे। इस दौरान सेना प्रमुख जनरल और उनकी पत्नी ने गांव के लोगों से मुलाकात की. गौर हो कि सेना प्रमुख चार धाम की यात्रा पर उत्तराखंड पहुंचे हैं.
इस दौरान भारतीय उन्होंने अपने ममेरे भाई नरेंद्र सिंह परमार से मुलाकात की. साथ ही ग्रामीणों से मुलाकात की. इस मौके पर सेनाध्यक्ष ने कहा कि वह बचपन मे अपने नाना सूरत सिंह परमार के घर आये थे लेकिन तब से लेकर अब वह अपने ननिहाल पहुंचे हैं जब वे रिटायरमेंट के करीब हैं.
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सेनाध्यक्ष ने गुरुवार को गंगोत्री धाम के दर्शन किये. साथ ही हर्षिल और मुखबा गांव में भी ग्रामीणों से मुलाकात की. शुक्रवार को वे हेलीकॉप्टर से मातलि हेलीपैड पहुंचे. उसके बाद सुरक्षा के बीच कार से अपने ननिहाल थाती गांव पहुंचे. इस मौके पर परमार परिवार के लोगों ने सेनाध्यक्ष रावत को तलवार भेंट की.
साथ ही कहा कि हम लोगों को रिटायरमेंट के बाद अपने गांव की ओर लौटना है जिससे कि पलायन को रोक सकें. उन्होने कहा कि पाकिस्तान को भारतीय सेना कड़ा जवाब दे रही है, अगर जरूरत पड़ी तो पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब भी दिया जाएगा. सेनाध्यक्ष ने थाती गांव में करीब आधे घण्टे का समय बिताया.