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आंध्र प्रदेश : न्यायाधीशों के खिलाफ टिप्पणी पर वाईएसआर सांसद सहित 49 को नोटिस

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को लेकर सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी के सांसद एन. सुरेश व पूर्व विधायक ए. कृष्ण मोहन समेत 49 लोगों को नोटिस जारी किए हैं.

andhra high court
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
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Published : May 26, 2020, 6:15 PM IST

Updated : May 26, 2020, 8:41 PM IST

अमरावती : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ किए गए सोशल मीडिया पोस्ट को आपत्तिजनक माना है और इस मामले में गंभीर टिप्पणी करते हुए सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद एन. सुरेश व पूर्व विधायक ए कृष्णा मोहन सहित 49 सदस्यों को नोटिस जारी किए हैं.

बता दें कि सुरेश बापटला सीट से सांसद हैं. कृष्णा मोहन चिराला सीट से वाईएसआर विधायक रह चुके हैं. हाईकोर्ट ने इन लोगों की टिप्पणियों को गंभीरता से लिया और यह भी महसूस किया कि टिप्पणियां अपमानजनक हैं.

दरअसल, आंध्रप्रदेश के एक अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को पत्र लिखा और बताया कि कुछ नेताओं की टिप्पणियां और सोशल मीडिया पोस्ट आपत्तिजनक हैं. पत्र में कहा गया कि न्यायाधीशों पर आपत्तिनजक टिप्पणी की गई है. हाईकोर्ट ने इस पत्र पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मंगलवार को नोटिस जारी किया.

मामले पर वकीलों की प्रतिक्रिया

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस चंद्र कुमार ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को न्यायालय के निर्णयों पर टिप्पणी करने का अधिकार है और उन्हें अपील करने का भी अधिकार है. हालांकि, न्यायाधीशों पर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. जस्टिस चंद्र कुमार ने कहा कि न्यायाधीशों पर टिप्पणी करना संविधान के उल्लंघन के तहत आता है.

पढ़ें : RTI के अधीन न्यायपालिका : अन्य देशों के उदाहरण से समझें फायदे और नुकसान

इस मामले में वकील लक्ष्मी नारायण ने कहा कि कुछ नेताओं और सोशल मीडिया पोस्ट में न्यायाधीशों पर अनुचित टिप्पणी की गई है. यह बहुत खेदजनक है कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का एक सांसद भी सोशल मीडिया पर ऐसी टिप्पणियों को पोस्ट करने में भाग लेता है.

आंध्र प्रदेश बार काउंसिल के चेयरमैन रामा राव ने इस मामले में कहा कि नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियां अपमानजनक हैं, जो अदालत के उल्लंघन के तहत आती हैं और यह स्वीकार्य नहीं हैं.

अमरावती : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ किए गए सोशल मीडिया पोस्ट को आपत्तिजनक माना है और इस मामले में गंभीर टिप्पणी करते हुए सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद एन. सुरेश व पूर्व विधायक ए कृष्णा मोहन सहित 49 सदस्यों को नोटिस जारी किए हैं.

बता दें कि सुरेश बापटला सीट से सांसद हैं. कृष्णा मोहन चिराला सीट से वाईएसआर विधायक रह चुके हैं. हाईकोर्ट ने इन लोगों की टिप्पणियों को गंभीरता से लिया और यह भी महसूस किया कि टिप्पणियां अपमानजनक हैं.

दरअसल, आंध्रप्रदेश के एक अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को पत्र लिखा और बताया कि कुछ नेताओं की टिप्पणियां और सोशल मीडिया पोस्ट आपत्तिजनक हैं. पत्र में कहा गया कि न्यायाधीशों पर आपत्तिनजक टिप्पणी की गई है. हाईकोर्ट ने इस पत्र पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मंगलवार को नोटिस जारी किया.

मामले पर वकीलों की प्रतिक्रिया

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस चंद्र कुमार ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को न्यायालय के निर्णयों पर टिप्पणी करने का अधिकार है और उन्हें अपील करने का भी अधिकार है. हालांकि, न्यायाधीशों पर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. जस्टिस चंद्र कुमार ने कहा कि न्यायाधीशों पर टिप्पणी करना संविधान के उल्लंघन के तहत आता है.

पढ़ें : RTI के अधीन न्यायपालिका : अन्य देशों के उदाहरण से समझें फायदे और नुकसान

इस मामले में वकील लक्ष्मी नारायण ने कहा कि कुछ नेताओं और सोशल मीडिया पोस्ट में न्यायाधीशों पर अनुचित टिप्पणी की गई है. यह बहुत खेदजनक है कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का एक सांसद भी सोशल मीडिया पर ऐसी टिप्पणियों को पोस्ट करने में भाग लेता है.

आंध्र प्रदेश बार काउंसिल के चेयरमैन रामा राव ने इस मामले में कहा कि नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियां अपमानजनक हैं, जो अदालत के उल्लंघन के तहत आती हैं और यह स्वीकार्य नहीं हैं.

Last Updated : May 26, 2020, 8:41 PM IST
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