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'आत्मनिर्भर भारत पैकेज' पर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर से विशेष साक्षात्कार

हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी. इस पैकेज के घोषणा पर ईटीवी भारत ने केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर का साक्षात्कार किया. कैसे आत्मनिर्भर भारत पैकेज देश के अर्थव्यवस्था में गति देगा सवालों का जवाब वित्त मंत्री ने दिया. आइए जानें विस्तार से...

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केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर
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Published : Jun 4, 2020, 3:57 AM IST

हैदराबाद : देश की अर्थव्यवस्था कोविड-19 के कारण दोहरी मार झेल रही है. महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है.

केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने ईटीवी भारत के साथ विशेष साक्षात्कार में इस विषय पर बताया कि कैसे आत्मनिर्भर भारत पैकेज मांग को बढ़ावा देगा और वेतनभोगी मध्यम वर्ग के कर्मचारियों के लिए राहत प्रदान करेगा.

उन्होंने मध्यम और लघु उद्योग की सहायता के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी विस्तार से बताया.

यहां संपादित अंश हैं :

प्रश्न: हम जिस प्रवासी संकट का सामना कर रहे हैं उसे देखते हुए, क्या केंद्र सरकार श्रमिकों में आत्मविश्वास पैदा करने में विफल रही? प्रवासी मजदूरों को सीधे नकद हस्तांतरण देने पर आपका क्या विचार है?

उत्तर : प्रवासी श्रमिकों की देखभाल करना स्थानीय राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है. इस अनिश्चित समय में समन्वय और सहायता प्रदान करनी चाहिए. केंद्र सरकार की भूमिका सुगम बनाना है, जिसमें उन्हें परिवहन के लिए गाड़ियों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है और उन्हें मुफ्त भोजन और पानी भी उपलब्ध कराया गया. हमने 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं और 52 लाख से अधिक यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचा चुके हैं. रेलवे ने श्रमिक विशेष पर यात्रियों को 85 लाख भोजन और 1.25 करोड़ बोतलबंद पानी मुहैया कराया है. हमने आठ करोड़ प्रवासी श्रमिकों के लिए पांच किलोग्राम/प्रति व्यक्ति अनाज और एक किलो दाल प्रति परिवारों को दिया. पीएम गरीब कल्याण पैकेज का 500 करोड़ रुपये का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों के लिए था.

प्रश्न : क्या सरकार राजकोषीय दबाव के कारण वेतनभोगी वर्ग, मध्यम वर्ग को कोई प्रत्यक्ष कर लाभ में छूट दे सकती है?

उत्तर : मध्यम और लघु उद्योग क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, यह 12 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है और भारत से कुल निर्यात में लगभग 45% योगदान देता है. मध्यम और लघु उद्योग के लिए तीन लाख करोड़ का फंड दिया गया है. केंद्र सरकार ने बैंकों और एनबीएफसी द्वारा 100% क्रेडिट गारंटी और फ्री कवर प्रदान किया जाएगा. मध्यम वर्ग को अधिक धनराशि प्रदान करने के लिए टीडीएस की दरों में 25 प्रतिशत की कमी की गई है. यह बाजार में 50 हजार करोड़ रुपए की नकदी शामिल करना सुनिश्चित करता है और यह छूट 31 मार्च 2021 तक उपलब्ध है.

प्रश्न : 20 लाख राजकोषीय प्रोत्साहन पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम कहते हैं कि अगर कोई अतिरिक्त बजटीय खर्च नहीं है तो कोई राजकोषीय प्रोत्साहन नहीं है?

उत्तर : हम बिल्कुल सही तरीके से सबका ध्यान दे रहे है. सुनिश्चित कर रहे है कि देश के सभी वर्ग तक इस पैकेज से फायदा पहुंचाया जाए.

प्रश्न: कई अर्थशास्त्रियों का कहना है कि 20 लाख करोड़ के पैकेज ने समस्या को हल नहीं किया है जो अर्थव्यवस्था अभी सामना कर रहा है?

उत्तर: लोगों को वित्तीय और अन्य आय समर्थन देकर उपभोक्ता मांग में सुधार होता है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लगभग 41 करोड़ लोगों ने 52,608 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त की है. करीब 18 सौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि नौ करोड़ किसानों तक पहुंच चुकी है. पहली किस्त के रूप में 20 करोड़ से अधिक महिलाओं के जनधन खाता में 20,000 करोड़ रुपये दिया गया है. इसके अलावा राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत 2,807 करोड़ रुपए लगभग 2.82 करोड़ वृद्धों, विधवाओं और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को दो किश्तों में वितरित किया गया है. 2.20 करोड़ से अधिक के भवन और निर्माण श्रमिकों को 3,950 करोड़ रुपये मिले. हम अगले छह महीनों के लिए कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के 12% + 12% के योगदान का भी भुगतान करेंगे जो 2,500 करोड़ का फायदा लोगों को पहुंचाएगा. कृषि में हमारे ऐतिहासिक सुधार पूरे भारत में किसानों की बढ़ती आय की ओर होंगे. इन सभी उपायों ने मांग को बढ़ावा देने में सहायक है.

हैदराबाद : देश की अर्थव्यवस्था कोविड-19 के कारण दोहरी मार झेल रही है. महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है.

केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने ईटीवी भारत के साथ विशेष साक्षात्कार में इस विषय पर बताया कि कैसे आत्मनिर्भर भारत पैकेज मांग को बढ़ावा देगा और वेतनभोगी मध्यम वर्ग के कर्मचारियों के लिए राहत प्रदान करेगा.

उन्होंने मध्यम और लघु उद्योग की सहायता के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी विस्तार से बताया.

यहां संपादित अंश हैं :

प्रश्न: हम जिस प्रवासी संकट का सामना कर रहे हैं उसे देखते हुए, क्या केंद्र सरकार श्रमिकों में आत्मविश्वास पैदा करने में विफल रही? प्रवासी मजदूरों को सीधे नकद हस्तांतरण देने पर आपका क्या विचार है?

उत्तर : प्रवासी श्रमिकों की देखभाल करना स्थानीय राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है. इस अनिश्चित समय में समन्वय और सहायता प्रदान करनी चाहिए. केंद्र सरकार की भूमिका सुगम बनाना है, जिसमें उन्हें परिवहन के लिए गाड़ियों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है और उन्हें मुफ्त भोजन और पानी भी उपलब्ध कराया गया. हमने 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं और 52 लाख से अधिक यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचा चुके हैं. रेलवे ने श्रमिक विशेष पर यात्रियों को 85 लाख भोजन और 1.25 करोड़ बोतलबंद पानी मुहैया कराया है. हमने आठ करोड़ प्रवासी श्रमिकों के लिए पांच किलोग्राम/प्रति व्यक्ति अनाज और एक किलो दाल प्रति परिवारों को दिया. पीएम गरीब कल्याण पैकेज का 500 करोड़ रुपये का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों के लिए था.

प्रश्न : क्या सरकार राजकोषीय दबाव के कारण वेतनभोगी वर्ग, मध्यम वर्ग को कोई प्रत्यक्ष कर लाभ में छूट दे सकती है?

उत्तर : मध्यम और लघु उद्योग क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, यह 12 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है और भारत से कुल निर्यात में लगभग 45% योगदान देता है. मध्यम और लघु उद्योग के लिए तीन लाख करोड़ का फंड दिया गया है. केंद्र सरकार ने बैंकों और एनबीएफसी द्वारा 100% क्रेडिट गारंटी और फ्री कवर प्रदान किया जाएगा. मध्यम वर्ग को अधिक धनराशि प्रदान करने के लिए टीडीएस की दरों में 25 प्रतिशत की कमी की गई है. यह बाजार में 50 हजार करोड़ रुपए की नकदी शामिल करना सुनिश्चित करता है और यह छूट 31 मार्च 2021 तक उपलब्ध है.

प्रश्न : 20 लाख राजकोषीय प्रोत्साहन पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम कहते हैं कि अगर कोई अतिरिक्त बजटीय खर्च नहीं है तो कोई राजकोषीय प्रोत्साहन नहीं है?

उत्तर : हम बिल्कुल सही तरीके से सबका ध्यान दे रहे है. सुनिश्चित कर रहे है कि देश के सभी वर्ग तक इस पैकेज से फायदा पहुंचाया जाए.

प्रश्न: कई अर्थशास्त्रियों का कहना है कि 20 लाख करोड़ के पैकेज ने समस्या को हल नहीं किया है जो अर्थव्यवस्था अभी सामना कर रहा है?

उत्तर: लोगों को वित्तीय और अन्य आय समर्थन देकर उपभोक्ता मांग में सुधार होता है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लगभग 41 करोड़ लोगों ने 52,608 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त की है. करीब 18 सौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि नौ करोड़ किसानों तक पहुंच चुकी है. पहली किस्त के रूप में 20 करोड़ से अधिक महिलाओं के जनधन खाता में 20,000 करोड़ रुपये दिया गया है. इसके अलावा राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत 2,807 करोड़ रुपए लगभग 2.82 करोड़ वृद्धों, विधवाओं और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को दो किश्तों में वितरित किया गया है. 2.20 करोड़ से अधिक के भवन और निर्माण श्रमिकों को 3,950 करोड़ रुपये मिले. हम अगले छह महीनों के लिए कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के 12% + 12% के योगदान का भी भुगतान करेंगे जो 2,500 करोड़ का फायदा लोगों को पहुंचाएगा. कृषि में हमारे ऐतिहासिक सुधार पूरे भारत में किसानों की बढ़ती आय की ओर होंगे. इन सभी उपायों ने मांग को बढ़ावा देने में सहायक है.

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