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आंध्र प्रदेश : एसीबी ने की तहसीलदार कार्यालयों पर छापेमारी - मंडल परिषद विकास अधिकारी

आंध्र प्रदेश में 13 जिलों के विभिन्न तहसीलदार और अन्य सरकारी कार्यालयों पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने छापेमारी की. छापेमारी के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों द्वारा नकदी समेत महत्वपूर्ण फाइलें बरामद की गईं.

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Published : Sep 3, 2020, 3:58 PM IST

अमरावती : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने आंध्र प्रदेश के 13 जिलों के तहसीलदार और अन्य सरकारी कार्यालयों पर छापेमारी की. दोषी अधिकारियों पर शिकंजा कसते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों ने विभिन्न विभागों का औचक निरीक्षण किया. अधिकारियों ने कई अनियमितताओं और विसंगतियों पर भ्रष्ट अधिकारियों पर मामले दर्ज किए हैं.

एक बयान में अधिकारियों ने खुलासा किया कि उन्होंने 13 जिलों में नौ तहसीलदार कार्यालयों, चार उप पंजीयक कार्यालय, एक टाउन प्लानिंग कार्यालय और एक अन्य मंडल परिषद विकास अधिकारी के यहां छापेमारी की है.

मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी के निर्देश पर एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक पीएसआर अंजनेयुलु ने सभी जिला अधिकारियों को औचक निरीक्षण करने का आदेश दिया.

भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद द्वारा एक अध्ययन के बाद शुरू की गई एंटी करप्शन ब्यूरो के छापे की यह पहली बड़ी कार्रवाई थी. सूत्रों ने कहा है कि आने वाले दिनों में लगातार ऐसे ही छापेमारी जारी रहेगी.

हाल ही में आईआईएम-अहमदाबाद द्वारा किए गए अध्ययन ने कठोर कदम उठाने के लिए उपाय सुझाए थे. तहसीलदार कार्यालयों, उप-पंजीयक कार्यालयों और टाउन-प्लानिंग कार्यालयों को राज्य सरकार में भ्रष्टाचार के कुछ प्रमुख स्थानों के रूप में पहचाना गया था.

एसीबी के एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कि कुछ व्यक्तियों को कुछ कार्यालयों में अवैध रूप से काम करते हुए पाया गया. जबकि कुछ अन्य कथित रूप से अवैध संतुष्टि प्राप्त करने के लिए सरकारी कर्मचारी के रूप में काम कर रहे थे.

महानिदेशक पीएसआर अंजनेयुलु के अनुसार नौ तहसीलदार कार्यालयों, चार उप-पंजीयक कार्यालयों (राजस्व विभाग) और एक नगर-नियोजन कार्यालय (नगर प्रशासन विभाग) में औचक जांच की गई.

हालांकि किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. अंजनेयुलु ने कहा कि हम संबंधित रिपोर्ट तैयार करेंगे और अनियमितताओं पर आवश्यक कार्रवाई के लिए सरकार को प्रस्तुत करेंगे.

बता दें कि विजयवाड़ा के पास इब्राहिमपटनम में एक तहसीलदार कार्यालय में कर्मचारियों से 2.28 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई थी. प्रकाशम जिले में एक अन्य में 40,752 रुपये जब्त किए गए, जबकि विशाखापत्तनम जिले में 27,000 रुपये से अधिक जब्त किए गए हैं.

चित्तूर जिले के पिलेर में उप-पंजीयक कार्यालय में दस्तावेज लेखकों और दो निजी व्यक्तियों के साथ 7,79,840 रुपये की राशि मिली है. पूर्वी गोदावरी जिले में बीकाकोवोलू एसआरओ में औचक निरीक्षण के दौरान 69,830 रुपये की राशि जब्त की गई.

कडप्पा में उप-पंजीयक अपने कार्यालय में अनुपस्थित था, लेकिन उसने दो निजी व्यक्तियों को रिश्वत लेने और सरकारी काम अनाधिकृत रूप से करने के लिए लगाया था. एसीबी ने कहा कि कार्यालय के कर्मचारियों, दस्तावेज लेखकों और निजी व्यक्तियों से 30,790 रुपये की बेहिसाब और बेवजह राशि जब्त की गई है.

अमरावती : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने आंध्र प्रदेश के 13 जिलों के तहसीलदार और अन्य सरकारी कार्यालयों पर छापेमारी की. दोषी अधिकारियों पर शिकंजा कसते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों ने विभिन्न विभागों का औचक निरीक्षण किया. अधिकारियों ने कई अनियमितताओं और विसंगतियों पर भ्रष्ट अधिकारियों पर मामले दर्ज किए हैं.

एक बयान में अधिकारियों ने खुलासा किया कि उन्होंने 13 जिलों में नौ तहसीलदार कार्यालयों, चार उप पंजीयक कार्यालय, एक टाउन प्लानिंग कार्यालय और एक अन्य मंडल परिषद विकास अधिकारी के यहां छापेमारी की है.

मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी के निर्देश पर एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक पीएसआर अंजनेयुलु ने सभी जिला अधिकारियों को औचक निरीक्षण करने का आदेश दिया.

भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद द्वारा एक अध्ययन के बाद शुरू की गई एंटी करप्शन ब्यूरो के छापे की यह पहली बड़ी कार्रवाई थी. सूत्रों ने कहा है कि आने वाले दिनों में लगातार ऐसे ही छापेमारी जारी रहेगी.

हाल ही में आईआईएम-अहमदाबाद द्वारा किए गए अध्ययन ने कठोर कदम उठाने के लिए उपाय सुझाए थे. तहसीलदार कार्यालयों, उप-पंजीयक कार्यालयों और टाउन-प्लानिंग कार्यालयों को राज्य सरकार में भ्रष्टाचार के कुछ प्रमुख स्थानों के रूप में पहचाना गया था.

एसीबी के एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कि कुछ व्यक्तियों को कुछ कार्यालयों में अवैध रूप से काम करते हुए पाया गया. जबकि कुछ अन्य कथित रूप से अवैध संतुष्टि प्राप्त करने के लिए सरकारी कर्मचारी के रूप में काम कर रहे थे.

महानिदेशक पीएसआर अंजनेयुलु के अनुसार नौ तहसीलदार कार्यालयों, चार उप-पंजीयक कार्यालयों (राजस्व विभाग) और एक नगर-नियोजन कार्यालय (नगर प्रशासन विभाग) में औचक जांच की गई.

हालांकि किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. अंजनेयुलु ने कहा कि हम संबंधित रिपोर्ट तैयार करेंगे और अनियमितताओं पर आवश्यक कार्रवाई के लिए सरकार को प्रस्तुत करेंगे.

बता दें कि विजयवाड़ा के पास इब्राहिमपटनम में एक तहसीलदार कार्यालय में कर्मचारियों से 2.28 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई थी. प्रकाशम जिले में एक अन्य में 40,752 रुपये जब्त किए गए, जबकि विशाखापत्तनम जिले में 27,000 रुपये से अधिक जब्त किए गए हैं.

चित्तूर जिले के पिलेर में उप-पंजीयक कार्यालय में दस्तावेज लेखकों और दो निजी व्यक्तियों के साथ 7,79,840 रुपये की राशि मिली है. पूर्वी गोदावरी जिले में बीकाकोवोलू एसआरओ में औचक निरीक्षण के दौरान 69,830 रुपये की राशि जब्त की गई.

कडप्पा में उप-पंजीयक अपने कार्यालय में अनुपस्थित था, लेकिन उसने दो निजी व्यक्तियों को रिश्वत लेने और सरकारी काम अनाधिकृत रूप से करने के लिए लगाया था. एसीबी ने कहा कि कार्यालय के कर्मचारियों, दस्तावेज लेखकों और निजी व्यक्तियों से 30,790 रुपये की बेहिसाब और बेवजह राशि जब्त की गई है.

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