नई दिल्ली: भारत और ईरान के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक के बाद कच्चे तेल की खरीद पर कोई नतीजा नहीं निकल सका. पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि तेहरान भारत की मजबूरियों को समझता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत को तेल आयात करने के लिए अन्य देशों की तरह नए सिस्टम की जरूरत है.
ईरान को भारत का रणनीतिक साझेदार बताते हुए पूर्व राजदूत त्रिगुणायत ने कहा कि ईरान से तेल आयात करना एक चुनौती होगी क्योंकि संपूर्ण बैंकिंग चैनल अमेरिका नियंत्रित कर रहा है.
मिडिल-ईस्ट में देशों में अपनी सेवा देने वाले त्रिगुणायत ने इंस्ट्रूमेंट फॉर सपोर्टिंग ट्रेड एक्सचेंज (INSTEX) की ओर इशारा करते हुए कि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बिना अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए एक नया पेमेंट सिस्टम निकाला है.
उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत को ईरान के साथ व्यापार जारी रखना है तो यह इस तरह के पेमेंट सिस्टम की जरूरत है.
पढ़ें-अमेरिका-ईरान में तनाव, USA ने तैनात की पैट्रियट मिसाइल
पश्चिम एशियाई देशों पर अपनी ऊर्जा स्त्रोतों को पूरा करने के लिए भारत के उच्च निर्भरता के बारे में बात करते हुए कि भारत को न केवल तेल आयात करने के अधिक स्रोतों की पहचान करने की आवश्यकता है, बल्कि अन्य विकल्पों की तलाश करने की भी आवश्यक्ता है.