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ईरान से तेल आयात जारी रखने के लिए जरूरी हैं बदलाव : पूर्व राजदूत

अमेरिका ने ईरान पर कच्चे तेल के निर्यात संबंधी कई प्रतिबंध लगा दिए हैं. भारत और ईरान के बीच व्यापारिक संबंधों पर बात करते हुए पूर्व राजदूत ने कहा कि भारत को अपने पेमेंट सिस्टम में बदलाव करने की जरूरत है.

पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत
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Published : May 17, 2019, 11:23 PM IST

नई दिल्ली: भारत और ईरान के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक के बाद कच्चे तेल की खरीद पर कोई नतीजा नहीं निकल सका. पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि तेहरान भारत की मजबूरियों को समझता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत को तेल आयात करने के लिए अन्य देशों की तरह नए सिस्टम की जरूरत है.

ईरान को भारत का रणनीतिक साझेदार बताते हुए पूर्व राजदूत त्रिगुणायत ने कहा कि ईरान से तेल आयात करना एक चुनौती होगी क्योंकि संपूर्ण बैंकिंग चैनल अमेरिका नियंत्रित कर रहा है.

मिडिल-ईस्ट में देशों में अपनी सेवा देने वाले त्रिगुणायत ने इंस्ट्रूमेंट फॉर सपोर्टिंग ट्रेड एक्सचेंज (INSTEX) की ओर इशारा करते हुए कि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बिना अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए एक नया पेमेंट सिस्टम निकाला है.

ईरान से कच्चे तेल के आयात के मुद्दे पर पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत से बातचीत.

उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत को ईरान के साथ व्यापार जारी रखना है तो यह इस तरह के पेमेंट सिस्टम की जरूरत है.

पढ़ें-अमेरिका-ईरान में तनाव, USA ने तैनात की पैट्रियट मिसाइल

पश्चिम एशियाई देशों पर अपनी ऊर्जा स्त्रोतों को पूरा करने के लिए भारत के उच्च निर्भरता के बारे में बात करते हुए कि भारत को न केवल तेल आयात करने के अधिक स्रोतों की पहचान करने की आवश्यकता है, बल्कि अन्य विकल्पों की तलाश करने की भी आवश्यक्ता है.

नई दिल्ली: भारत और ईरान के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक के बाद कच्चे तेल की खरीद पर कोई नतीजा नहीं निकल सका. पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि तेहरान भारत की मजबूरियों को समझता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत को तेल आयात करने के लिए अन्य देशों की तरह नए सिस्टम की जरूरत है.

ईरान को भारत का रणनीतिक साझेदार बताते हुए पूर्व राजदूत त्रिगुणायत ने कहा कि ईरान से तेल आयात करना एक चुनौती होगी क्योंकि संपूर्ण बैंकिंग चैनल अमेरिका नियंत्रित कर रहा है.

मिडिल-ईस्ट में देशों में अपनी सेवा देने वाले त्रिगुणायत ने इंस्ट्रूमेंट फॉर सपोर्टिंग ट्रेड एक्सचेंज (INSTEX) की ओर इशारा करते हुए कि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बिना अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए एक नया पेमेंट सिस्टम निकाला है.

ईरान से कच्चे तेल के आयात के मुद्दे पर पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत से बातचीत.

उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत को ईरान के साथ व्यापार जारी रखना है तो यह इस तरह के पेमेंट सिस्टम की जरूरत है.

पढ़ें-अमेरिका-ईरान में तनाव, USA ने तैनात की पैट्रियट मिसाइल

पश्चिम एशियाई देशों पर अपनी ऊर्जा स्त्रोतों को पूरा करने के लिए भारत के उच्च निर्भरता के बारे में बात करते हुए कि भारत को न केवल तेल आयात करने के अधिक स्रोतों की पहचान करने की आवश्यकता है, बल्कि अन्य विकल्पों की तलाश करने की भी आवश्यक्ता है.

Intro:After the bilateral meet between the foreign ministers of India and Iran on Tuesday couldn't fetch any results over the purchase of crude oil from the latter, former Ambassador Anil Trigunayat claimed that Tehran understands India's compulsions.


Body:Calling Iran, a strategic partner of India, former Ambassador Trigunayat who have spent the longest period of his service in the middle-east claimed that importing oil from Iran will be a challenge as the entire banking channel is controlled by the Americans.

Pointing towards INSTEX (Instrument for Supporting Trade Exchanges), a new payment mechanism created by U.K, France and Germany to carry on their trade with Iran without falling foul of U.S sanctions, Anil Trigunayat said that if India wants to continue business with Iran then it needs create such payment mechanism.






Conclusion:Talking about India's high-dependency on West Asian countries to meet its energy requirements, the former diplomat stressed that India not only needs identify more sources of importing oil but also look out for other options.

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