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हिमाचल : कम कीमत पर सैनिटाइजर की बिक्री कर मिसाल बनीं वैशाली - अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जिम्मेदारी

लॉकडाउन के समय एक ओर मास्क और सैनिटाइजर जैसी अहम चीजों की आड़ में जहां कारोबारियों में मुनाफा कमाने की होड़ सी मची है, वहीं इन सभी के उलट हिमाचल प्रदेश की दवा कंपनी 'स्कॉट एडिल फार्माशिया' बहुत कम दामों पर सैनिटाइजर मुहैया करा रही है. कंपनी के कई विभागों की प्रभारी वैशाली अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने इस महत्वपूर्ण समय में किसी भी तरह का मुनाफा लेने से साफ तौर पर इंकार कर दिया.

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हिमाचल की यह कंपनी बहुत ही कम दाम पर मुहैया करवा रही सैनिटाइजर
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Published : May 4, 2020, 2:01 PM IST

Updated : May 4, 2020, 3:15 PM IST

हैदराबाद : व्यवसाय का नियम समयानुसार किसी भी उत्पाद की कीमत में बढ़ोतरी करना होता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा मुनाफा लिया जा सके, लेकिन हिमाचल प्रदेश की वैशाली अग्रवाल इन नियमों का पालन करने की बजाय कुछ अलग ही कर रही हैं. उन्होंने महामारी में मुनाफा लेने से साफ तौर पर इंकार कर दिया.

गौरतलब है कि हिमाचल की रहने वाली वैशाली की पहल पर उनकी कंपनी सामान्य से बहुत कम कीमत में लाखों की संख्या में सैनिटाइजर बेच रही है. बता दें कि फोर्ब्स पत्रिका ने वैशाली के मानवीय प्रयासों की प्रशंसा भी की है.

आपको बता दें कि स्कॉट एडिल फार्माशिया (Scott Edil Pharmacia) हिमाचल के औद्योगिक शहर बद्दी में एक प्रसिद्ध दवा की कंपनी है. वैशाली इस कंपनी में कई विभागों की प्रभारी हैं.

वैशाली सभी तकनीकी कार्यों का नेतृत्व करती हैं और मुख्य रूप से नियामक मामलों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जिम्मेदारी उन पर है.

वैशाली को उनके असाधारण काम के लिए कई बार प्रशंसा और सम्मान मिला.

ईनाडु की वसुंधरा ने वैशाली के साथ खास बातचीत की है. जानें उनकी बातचीत के कुछ अंश :

बद्दी में एक इसोप्रोपाइल अल्कोहल-आधारित सैनिटाइजर बनाने की इकाई है. 200 से अधिक कर्मचारियों के साथ यह इकाई मासिक रूप से 10,000 इकाइयों का निर्माण करती है.

फरवरी में वैशाली को एक फोन आया, जिसमें उनसे यूनिट को सैनिटाइजर की कमी का हवाला देते हुए अपने उत्पादन को बढ़ाने के लिए कहा गया. कोरोना का आतंक तब अपने शुरुआती चरण में था.

चूंकि व्यक्तिगत स्वच्छता का इसमें खास ख्याल रखा जाना जरूरी है, लोगों ने सैनिटाइजर के महत्व को समझा. इसलिए मांग में वृद्धि हुई.

वैशाली और उनकी कंपनी ने सार्वजनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्पादन में तेजी लाई है. यूनिट के कर्मचारी तीन शिफ्ट में काम करते हैं.

जैसे ही उन्हें सैनिटाइजर बनाने के आदेश मिले, उन्होंने दवाओं के उत्पादन को रोक दिया. अकेले मार्च में लगभग 15 लाख सैनिटाइजर बेचे गए.

वैशाली ने कहा कि स्कॉट एडिल विनिर्माण लागत से कम पर सैनिटाइजर बेच रहा है. नुकसान के बावजूद, वह खुश हैं कि उन्होंने समाज में योगदान दिया है. हिमाचल सरकार ने बद्दी इकाई से सटे क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया. यही कारण है कि सैनिटाइजर यूनिट को 12 अप्रैल को बंद कर दिया गया था. वैशाली ने कहा कि वह चंडीगढ़ में दूसरी इकाई से उत्पादन जारी रख रहे हैं.

हैदराबाद : व्यवसाय का नियम समयानुसार किसी भी उत्पाद की कीमत में बढ़ोतरी करना होता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा मुनाफा लिया जा सके, लेकिन हिमाचल प्रदेश की वैशाली अग्रवाल इन नियमों का पालन करने की बजाय कुछ अलग ही कर रही हैं. उन्होंने महामारी में मुनाफा लेने से साफ तौर पर इंकार कर दिया.

गौरतलब है कि हिमाचल की रहने वाली वैशाली की पहल पर उनकी कंपनी सामान्य से बहुत कम कीमत में लाखों की संख्या में सैनिटाइजर बेच रही है. बता दें कि फोर्ब्स पत्रिका ने वैशाली के मानवीय प्रयासों की प्रशंसा भी की है.

आपको बता दें कि स्कॉट एडिल फार्माशिया (Scott Edil Pharmacia) हिमाचल के औद्योगिक शहर बद्दी में एक प्रसिद्ध दवा की कंपनी है. वैशाली इस कंपनी में कई विभागों की प्रभारी हैं.

वैशाली सभी तकनीकी कार्यों का नेतृत्व करती हैं और मुख्य रूप से नियामक मामलों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जिम्मेदारी उन पर है.

वैशाली को उनके असाधारण काम के लिए कई बार प्रशंसा और सम्मान मिला.

ईनाडु की वसुंधरा ने वैशाली के साथ खास बातचीत की है. जानें उनकी बातचीत के कुछ अंश :

बद्दी में एक इसोप्रोपाइल अल्कोहल-आधारित सैनिटाइजर बनाने की इकाई है. 200 से अधिक कर्मचारियों के साथ यह इकाई मासिक रूप से 10,000 इकाइयों का निर्माण करती है.

फरवरी में वैशाली को एक फोन आया, जिसमें उनसे यूनिट को सैनिटाइजर की कमी का हवाला देते हुए अपने उत्पादन को बढ़ाने के लिए कहा गया. कोरोना का आतंक तब अपने शुरुआती चरण में था.

चूंकि व्यक्तिगत स्वच्छता का इसमें खास ख्याल रखा जाना जरूरी है, लोगों ने सैनिटाइजर के महत्व को समझा. इसलिए मांग में वृद्धि हुई.

वैशाली और उनकी कंपनी ने सार्वजनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्पादन में तेजी लाई है. यूनिट के कर्मचारी तीन शिफ्ट में काम करते हैं.

जैसे ही उन्हें सैनिटाइजर बनाने के आदेश मिले, उन्होंने दवाओं के उत्पादन को रोक दिया. अकेले मार्च में लगभग 15 लाख सैनिटाइजर बेचे गए.

वैशाली ने कहा कि स्कॉट एडिल विनिर्माण लागत से कम पर सैनिटाइजर बेच रहा है. नुकसान के बावजूद, वह खुश हैं कि उन्होंने समाज में योगदान दिया है. हिमाचल सरकार ने बद्दी इकाई से सटे क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया. यही कारण है कि सैनिटाइजर यूनिट को 12 अप्रैल को बंद कर दिया गया था. वैशाली ने कहा कि वह चंडीगढ़ में दूसरी इकाई से उत्पादन जारी रख रहे हैं.

Last Updated : May 4, 2020, 3:15 PM IST
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