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वायुसेना ने एएन-32 विमान दुर्घटना स्थल से बचाव टीम को सुरक्षित बाहर निकाला

भारतीय वायुसेना ने एएन-32 विमान दुर्घटना स्थल से बचाव टीम को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. इन सभी को एएलएच और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों की मदद से दुर्घटनास्थल से निकाला गया. अधिक जानकारी के लिये पढ़ें यहां......

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Published : Jun 30, 2019, 9:18 AM IST

वायुसेना ने एएन-32 विमान दुर्घटना स्थल से बचाव टीम को सुरक्षित बाहर निकाला.

ईटानगर/दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में एएन-32 विमान के दुर्घटनास्थल पर फंसे बचाव टीम के 15 सदस्यों को वायुसेना ने शनिवार को विमान के जरिये सुरक्षित वहां से निकाल लिया. वायुसेना के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

aif etvbharat
ट्वीट सौ. (AIF ट्विटर)

अरुणाचल प्रदेश में तीन जून को वायुसेना का एएन-32 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

शिलांग में वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने बताया कि टीम में वायुसेना के आठ कर्मी, सेना के चार और तीन आम नागरिक थे। उन्होंने बताया कि इन सभी को एएलएच और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों की मदद से दुर्घटनास्थल से निकाला गया.

उन्होंने बताया, 'पश्चिम सियांग जिले में आलो भेजे गये ये सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं.'

पढ़ें: बडगाम में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू, एक आतंकी ढेर

उन्होंने बताया कि खराब मौसम के चलते टीम को दुर्घटनास्थल से निकालने में देरी हुई. शनिवार को मौसम में थोड़ा सुधार देखकर इस 'जोखिम भरे' हेलीकॉप्टर अभियान को शुरू करने की मंजूरी दे दी गयी.

बचाव दल के सदस्य 12 हजार फुट की उंचाई पर सियांग और शी-योमी जिलों के सीमाई इलाकों में 17 दिन से फंसे थे. उन्हें दुर्घटना के शिकार हुए 13 लोगों के शवों और विमान का ब्लैक बॉक्स निकालने के लिये वायुमार्ग के जरिये दुर्घटनास्थल पर उतारा गया था.

सियांग जिले के परी पर्वतीय क्षेत्र में दुर्घटनास्थल से शवों को निकालने का काम 20 जून को पूरा हो गया था. असम के जोरहाट से तीन जून को उड़ान भरने के 33 मिनट बाद रूसी ए एन 32 विमान लापता हो गया था.

ईटानगर/दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में एएन-32 विमान के दुर्घटनास्थल पर फंसे बचाव टीम के 15 सदस्यों को वायुसेना ने शनिवार को विमान के जरिये सुरक्षित वहां से निकाल लिया. वायुसेना के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

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ट्वीट सौ. (AIF ट्विटर)

अरुणाचल प्रदेश में तीन जून को वायुसेना का एएन-32 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

शिलांग में वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने बताया कि टीम में वायुसेना के आठ कर्मी, सेना के चार और तीन आम नागरिक थे। उन्होंने बताया कि इन सभी को एएलएच और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों की मदद से दुर्घटनास्थल से निकाला गया.

उन्होंने बताया, 'पश्चिम सियांग जिले में आलो भेजे गये ये सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं.'

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उन्होंने बताया कि खराब मौसम के चलते टीम को दुर्घटनास्थल से निकालने में देरी हुई. शनिवार को मौसम में थोड़ा सुधार देखकर इस 'जोखिम भरे' हेलीकॉप्टर अभियान को शुरू करने की मंजूरी दे दी गयी.

बचाव दल के सदस्य 12 हजार फुट की उंचाई पर सियांग और शी-योमी जिलों के सीमाई इलाकों में 17 दिन से फंसे थे. उन्हें दुर्घटना के शिकार हुए 13 लोगों के शवों और विमान का ब्लैक बॉक्स निकालने के लिये वायुमार्ग के जरिये दुर्घटनास्थल पर उतारा गया था.

सियांग जिले के परी पर्वतीय क्षेत्र में दुर्घटनास्थल से शवों को निकालने का काम 20 जून को पूरा हो गया था. असम के जोरहाट से तीन जून को उड़ान भरने के 33 मिनट बाद रूसी ए एन 32 विमान लापता हो गया था.

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