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राज्यसभा में बोले शाह- दिल्ली हिंसा में शामिल किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा

राज्यसभा में दिल्ली हिंसा को लेकर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली हिंसा में शामिल किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी धर्म या पार्टी का हो. शाह ने दिल्ली हिंसा को लेकर संसद में सरकार के चर्चा से भागने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस अपना काम ठीक से कर सके, लोगों को उनके स्थानों पर फिर से बसाने के लिए, घायलों के उपचार के लिए और दंगाइयों को पकड़ा जा सके, इसलिए चर्चा का समय मांगा गया. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Mar 12, 2020, 7:58 PM IST

Updated : Mar 12, 2020, 9:52 PM IST

अमित शाह
अमित शाह

नई दिल्ली : गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि दिल्ली हिंसा के सिलसिले में किसी भी व्यक्ति के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा और दंगे में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा, चाहे वह किसी भी धर्म या पार्टी का होगा.

शाह ने गुरुवार को उच्च सदन में दिल्ली के कुछ भागों में हाल की कानून और व्यवस्था की स्थिति पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार दंगों से जुड़े मामलों की वैज्ञानिक, प्रामाणिक तरीके से जांच कर रही है. मामलों की तेजी से जांच की जा रही है.

उन्होंने कहा कि दंगा करने वाला व्यक्ति किसी भी पक्ष, किसी धर्म, किसी पार्टी या किसी जाति का हो, उसको छोड़ा नहीं जाएगा एवं किसी के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा.

शाह ने दिल्ली हिंसा को लेकर संसद में सरकार के चर्चा से भागने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस अपना काम ठीक से कर सके, लोगों को उनके स्थानों पर फिर से बसाने के लिए, घायलों के उपचार के लिए और दंगाइयों को पकड़ा जा सके, इसलिए चर्चा का समय मांगा गया.

उन्होंने कहा कि दंगों के बाद 700 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं. उन्होंने कहा कि जिसने भी प्राथमिकी के लिए कहा, उसकी शिकायत दर्ज की गयी. पुलिस ने किसी को भी मना नहीं किया. उन्होंने कहा कि 12 थानों के लिए विशेष अभियोजक नियुक्त किये गये हैं.

अमित शाह

शाह ने कहा कि 2647 लोगों को गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने विज्ञापन देकर जनता से इन घटनाओं से जुड़े वीडियो और फुटेज मांगे थे. उन्होंने कहा कि वीडियो में लोगों की पहचान के लिए आधार कार्ड का उपयोग नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि पुलिस को यह अधिकार मिलना चाहिए कि जिसने दंगा किया, उसके बारे में वैज्ञानिक साक्ष्य अदालत में पेश किए जा सकें.

उन्होंने कहा कि 1922 चेहरों एवं व्यक्तियों की पहचान कर ली गयी है. उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को ही उत्तर प्रदेश की सीमा को सील कर दिया गया था. लोकतांत्रिक देश में दो देशों की सीमा की तरह दो राज्यों की सीमा को सील नहीं किया जा सकता है.

अमित शाह

उन्होंने कहा कि 50 गंभीर मामलों की जांच तीन एसआईटी करेगी. इनको डीआईजी एवं आइजी स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में किया जाएगा.

शाह ने कहा कि दंगों में इस्तेमाल किये गये 125 हथियार जब्त किये गये हैं. दोनों संप्रदायों के लोगों की अमन समितियों की 321 बैठक कर दंगे रोकने का प्रयास किया गया. 40 से अधिक टीमों का गठन कर संलिप्त लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ने की जिम्मेदारी दी गयी है.

पढ़ें- कोरोना पर संसद ने जताई चिंता, हर्षवर्धन बोले- स्क्रीनिंग में कोई लापरवाही नहीं

उन्होंने कहा कि 24 तारीख के पहले ही हमारे पास यह सूचना आ चुकी थी कि विदेश और देश से आये गये पैसे दिल्ली में बांटे गए. इस संबंध में दिल्ली पुलिस जल्द ही घोषणा करेगी. पुलिस ने इस संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.

उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी बच नहीं सकता. उन्होंने कहा, 'हम उन्हें पाताल से भी ढूंढ कर लायेंगे और कानून के सामने खड़ा करेंगे.'

अमित शाह

पिछले दिनों दिल्ली की कानून व्यवस्था की स्थिति पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने यह भी आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में किसी से कोई भी अतिरिक्त दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा.

शाह ने संसद में सरकार द्वारा दिल्ली हिंसा को लेकर चर्चा से भागने के विपक्ष के आरोप से इंकार करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस अपना काम ठीक से कर सके, दंगा पीड़ितों का अबाध रूप से पुनर्वास हो सके, घायलों का उपचार किया जा सके और दंगाइयों को पकड़ा जा सके, इसलिए सरकार ने होली के बाद चर्चा करवाने का प्रस्ताव दिया था.

चर्चा के दौरान विपक्ष के कई सदस्यों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस मुरलीधर के तबादले का जिक्र करते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाया था. इसका उल्लेख करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यह तबादला कालेजियम की सिफारिश और संबंधित न्यायाधीश की सहमति मिलने के बाद किया गया था. उन्होंने इसे नियमित तबादला बताते हुए कहा कि इस बारे में सरकार के इस कदम पर संदेह व्यक्त करने वाले व्यक्तियों को यह भी सोचना चाहिए कि क्या एक ही न्यायाधीश न्याय कर सकता है? क्या बाकी न्यायाधीश न्याय नहीं करते? उन्होंने कहा कि इस प्रकार न्यायपालिका पर सवाल उठाना उचित नहीं है.

शाह ने कहा कि दंगों में इस्तेमाल किए गए 125 हथियार जब्त किए गए हैं. थाना स्तर पर दोनों संप्रदायों के लोगों की अमन समितियों की 321 बैठक कर दंगें रोकने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि 40 से अधिक टीमों का गठन कर संलिप्त लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ने की जिम्मेदारी दी गई है. गृह मंत्री ने कहा कि 24 फरवरी के पहले सरकार के पास यह सूचना आ चुकी थी कि विदेश और देश से आए पैसे को दिल्ली में बांटा गया था. उन्होंने कहा कि इस संबंध में दिल्ली पुलिस जल्द ही ब्योरे की घोषणा करेगी. पुलिस ने इस संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा में कोई भी दोषी बच नहीं सकता. उन्होंने कहा कि हम उन्हें पाताल से भी ढूंढ कर लाएंगे और कानून के सामने खड़ा करेंगे.

शाह ने कहा कि दोनों पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि वीडियो फुटेज के आधार पर इन मामलों में लोगों की पहचान की गई है.

नई दिल्ली : गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि दिल्ली हिंसा के सिलसिले में किसी भी व्यक्ति के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा और दंगे में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा, चाहे वह किसी भी धर्म या पार्टी का होगा.

शाह ने गुरुवार को उच्च सदन में दिल्ली के कुछ भागों में हाल की कानून और व्यवस्था की स्थिति पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार दंगों से जुड़े मामलों की वैज्ञानिक, प्रामाणिक तरीके से जांच कर रही है. मामलों की तेजी से जांच की जा रही है.

उन्होंने कहा कि दंगा करने वाला व्यक्ति किसी भी पक्ष, किसी धर्म, किसी पार्टी या किसी जाति का हो, उसको छोड़ा नहीं जाएगा एवं किसी के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा.

शाह ने दिल्ली हिंसा को लेकर संसद में सरकार के चर्चा से भागने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस अपना काम ठीक से कर सके, लोगों को उनके स्थानों पर फिर से बसाने के लिए, घायलों के उपचार के लिए और दंगाइयों को पकड़ा जा सके, इसलिए चर्चा का समय मांगा गया.

उन्होंने कहा कि दंगों के बाद 700 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं. उन्होंने कहा कि जिसने भी प्राथमिकी के लिए कहा, उसकी शिकायत दर्ज की गयी. पुलिस ने किसी को भी मना नहीं किया. उन्होंने कहा कि 12 थानों के लिए विशेष अभियोजक नियुक्त किये गये हैं.

अमित शाह

शाह ने कहा कि 2647 लोगों को गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने विज्ञापन देकर जनता से इन घटनाओं से जुड़े वीडियो और फुटेज मांगे थे. उन्होंने कहा कि वीडियो में लोगों की पहचान के लिए आधार कार्ड का उपयोग नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि पुलिस को यह अधिकार मिलना चाहिए कि जिसने दंगा किया, उसके बारे में वैज्ञानिक साक्ष्य अदालत में पेश किए जा सकें.

उन्होंने कहा कि 1922 चेहरों एवं व्यक्तियों की पहचान कर ली गयी है. उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को ही उत्तर प्रदेश की सीमा को सील कर दिया गया था. लोकतांत्रिक देश में दो देशों की सीमा की तरह दो राज्यों की सीमा को सील नहीं किया जा सकता है.

अमित शाह

उन्होंने कहा कि 50 गंभीर मामलों की जांच तीन एसआईटी करेगी. इनको डीआईजी एवं आइजी स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में किया जाएगा.

शाह ने कहा कि दंगों में इस्तेमाल किये गये 125 हथियार जब्त किये गये हैं. दोनों संप्रदायों के लोगों की अमन समितियों की 321 बैठक कर दंगे रोकने का प्रयास किया गया. 40 से अधिक टीमों का गठन कर संलिप्त लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ने की जिम्मेदारी दी गयी है.

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उन्होंने कहा कि 24 तारीख के पहले ही हमारे पास यह सूचना आ चुकी थी कि विदेश और देश से आये गये पैसे दिल्ली में बांटे गए. इस संबंध में दिल्ली पुलिस जल्द ही घोषणा करेगी. पुलिस ने इस संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.

उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी बच नहीं सकता. उन्होंने कहा, 'हम उन्हें पाताल से भी ढूंढ कर लायेंगे और कानून के सामने खड़ा करेंगे.'

अमित शाह

पिछले दिनों दिल्ली की कानून व्यवस्था की स्थिति पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने यह भी आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में किसी से कोई भी अतिरिक्त दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा.

शाह ने संसद में सरकार द्वारा दिल्ली हिंसा को लेकर चर्चा से भागने के विपक्ष के आरोप से इंकार करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस अपना काम ठीक से कर सके, दंगा पीड़ितों का अबाध रूप से पुनर्वास हो सके, घायलों का उपचार किया जा सके और दंगाइयों को पकड़ा जा सके, इसलिए सरकार ने होली के बाद चर्चा करवाने का प्रस्ताव दिया था.

चर्चा के दौरान विपक्ष के कई सदस्यों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस मुरलीधर के तबादले का जिक्र करते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाया था. इसका उल्लेख करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यह तबादला कालेजियम की सिफारिश और संबंधित न्यायाधीश की सहमति मिलने के बाद किया गया था. उन्होंने इसे नियमित तबादला बताते हुए कहा कि इस बारे में सरकार के इस कदम पर संदेह व्यक्त करने वाले व्यक्तियों को यह भी सोचना चाहिए कि क्या एक ही न्यायाधीश न्याय कर सकता है? क्या बाकी न्यायाधीश न्याय नहीं करते? उन्होंने कहा कि इस प्रकार न्यायपालिका पर सवाल उठाना उचित नहीं है.

शाह ने कहा कि दंगों में इस्तेमाल किए गए 125 हथियार जब्त किए गए हैं. थाना स्तर पर दोनों संप्रदायों के लोगों की अमन समितियों की 321 बैठक कर दंगें रोकने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि 40 से अधिक टीमों का गठन कर संलिप्त लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ने की जिम्मेदारी दी गई है. गृह मंत्री ने कहा कि 24 फरवरी के पहले सरकार के पास यह सूचना आ चुकी थी कि विदेश और देश से आए पैसे को दिल्ली में बांटा गया था. उन्होंने कहा कि इस संबंध में दिल्ली पुलिस जल्द ही ब्योरे की घोषणा करेगी. पुलिस ने इस संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा में कोई भी दोषी बच नहीं सकता. उन्होंने कहा कि हम उन्हें पाताल से भी ढूंढ कर लाएंगे और कानून के सामने खड़ा करेंगे.

शाह ने कहा कि दोनों पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि वीडियो फुटेज के आधार पर इन मामलों में लोगों की पहचान की गई है.

Last Updated : Mar 12, 2020, 9:52 PM IST
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