गांधीनगर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर विपक्ष की ओर से फैलाए गए झूठ ने देश में अराजकता फैला दी है.
शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल तथा वामपंथियों को चुनौती दी कि वे सीएए में एक भी ऐसा प्रावधान दिखा दें, जो देश के मुसलमानों से उनकी नागरिकता छीनती हो.
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस नए कानून का लक्ष्य लोगों को नागरिकता देना है, उनसे नागरिकता छीनना नहीं. उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे लोगों के घर-घर जाकर उन्हें नए कानून के प्रावधानों के बारे में समझाएं.
गुजरात पुलिस की विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए आयोजित समारोह में शाह ने आरोप लगाया, 'विपक्ष के पास और कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे सीएए के बारे में झूठ और भ्रम फैला रहे हैं. इसके कारण पूरे देश में अराजकता फैल गई है.'
उनका बयान सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर पूरे देश में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच आया है.
अमित शाह ने कहा कि इस कानून का लक्ष्य तीन पड़ोसी मुल्कों- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का शिकार होकर भारत आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना है.
उन्होंने कहा, 'धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को अपनी सुरक्षा के लिए भारत आना पड़ रहा है. लेकिन, पिछली सरकारों ने उन लोगों को यह सोच कर कोई सुविधा नहीं दी कि इससे दूसरे नाराज होंगे.'
शाह ने कहा, 'राहुल, ममता, केजरीवाल और वामपंथी अफवाहें फैला रहे हैं कि सीएए मुसलमानों की नागरिकता छीन लेगा. मैं उन्हें कानून में ऐसा कोई भी प्रावधान दिखाने की चुनौती देता हूं.'
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गृह मंत्री ने कहा, 'मैं भाजपा कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि वे घर-घर जाएं और सीएए के खिलाफ फैलाए गए झूठ और भ्रम का पर्दाफाश करें. चूंकि वर्तमान में राजनीति में मोदी जी का कोई विकल्प नहीं है, लिहाजा विपक्ष झूठ फैला रहा है.'
उन्होंने कहा, 'हमारे पास लोगों को सच समझाने की ताकत है. मैं भाजपा कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि वे घर-घर जाकर लोगों को कानून से होने वाले लाभ के बारे में बताएं. हमारा अभियान पूरा होने के बाद देश के लोग सीएए के महत्व को समझेंगे.'
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उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में कोई हिंसा नहीं हुई है और तब से अब तक वहां किसी की मौत नहीं हुई है.
गौरतलब है कि संसद ने बीते वर्ष पांच अगस्त को एक विधेयक पारित कर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त कर दिया और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया.
भाजपा अध्यक्ष शाह ने कहा, 'विपक्ष के कुछ नेताओं ने संसद में दावा किया था कि (अगर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटा तो) खूब-खराबा होगा. ऐसे बयान रिकॉर्ड में दर्ज हैं. लेकिन जनता ने ऐसे नेताओं को उचित उत्तर दिया. अनुच्छेद 370 हटने के बाद से एक व्यक्ति की भी मौत नहीं हुई है.'
अपराध से प्रभावी तरीके से निबटने के लिए गुजरात के गृह विभाग और राज्य पुलिस की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा कि तकनीक के अधिकतम इस्तेमाल से अपराध को कम करने में मदद मिल सकती है.
गौरतलब है कि शाह गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान राज्य के गृह मंत्री रह चुके हैं.