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अमित शाह ने आदिवासियों के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आदि महोत्सव का उद्घाटन किया. उन्होंने इस मौके पर अपने संबोधन में कांग्रेस पर निशाना भी साधा और कहा कि आदिवासियों के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. विस्तार से पढ़ें. ....

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Published : Nov 17, 2019, 12:06 AM IST

गृह मंत्री अमित शाह

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आदिवासियों के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. शनिवार को यहां आदि महोत्सव के उदघाटन अवसर पर अपने संबोधन में शाह ने यह टिप्पणी की. कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने की.

शाह ने कांग्रेस पर आदिवासियों का वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल करने और उनके कल्याण के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि मोदी सरकार ने विकास योजनाओं के जरिये उनका (आदिवासियों का) जीवन बदल दिया.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक भाई की तरह मजबूती से आदिवासी आबादी के पीछे खड़े हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले.'

उन्होंने कहा, 'स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के 70 वर्षों में कांग्रेस ने आदिवासियों का वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल किया. पार्टी ने आदिवासियों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया. भाजपा जहां भी सत्ता में आई, उसने आदिवासियों के लिए विकास से जुड़ी योजनाओं की झड़ी लगा दी.'

शाह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने आदिवासियों के विकास के लिए कई कार्य किये, एकलव्य मॉडल स्कूलों की संख्या बढ़ाई गयी, वन अधिकार कानून के जरिये आदिवासियों को लाभ पहुंचाया गया, आदिवासियों के लिए चालू कई योजनाओं का बजट केंद्र की मोदी सरकार ने बढ़ाया, आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के संग्रहालय खोले गये, ट्राइबल्स रिसर्च इंस्टीट्यूटस की संख्या बढ़ायी गयी,

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना, उज्जवला योजना के जरिये भी आदिवासियों को लाभ मिला, स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय बनाये गये, जिससे आदिवासी समाज को फायदा हुआ, आदिवासियों के कौशल विकास व आय में वृद्धि करने के लिए प्रधानमंत्री वन धन योजना शुरू हुई, मोदी सरकार आदिवासियों के विकास के लिए काम करते रहेगी.

जितेंद्र सिंह का उमर-फारुक-महबूबा पर निशाना, बोले- तीनों को नजरबंद रखना ही बेहतर

गृह मंत्री ने आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को याद करते हुए कहा कि देश आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ मुंडा की लड़ाई को नहीं भूल सकता. उन्होंने वनों और पर्यावरण के संरक्षण में योगदान के लिए आदिवासियों की प्रशंसा भी की.

कार्यक्रम में केंद्रीय आदिवासी कल्याण राज्य मंत्री रेणुका सिंह विशिष्ट अथिति के रूप में शामिल हुईं. दिल्ली आदि महोत्सव 16 से 30 नवंबर तक दिल्ली हाट में चलेगा.

आपको बता दें कि आदि महोत्सव में 27 राज्यों से आमंत्रित 1000 से अधिक जनजातीय शिल्पकार और कलाकार हिस्सा ले रहे हैं. आदि महोत्सव का विषय 'जनजातीय शिल्प, संस्कृति और व्यापार का भाव उत्सव' है जिसमे जनजातीय जीवन की झांकी प्रदर्शित होंगीं.

आदि महोत्सव में 200 से अधिक स्टालों के माध्यम से जनजातीय हस्तशिल्प, कला, पेंटिंग, कपड़े, आभूषण और बहुत से जनजातीय उत्पादों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, जहां पर इनकी बिक्री की सुविधा भी उपलब्ध होगी

इस आयोजन के दौरान देश के 20 राज्यों के जनजातीय रीति रिवाजों, त्योहारों, मार्शल आर्ट आदि पर आधारित जनजातीय कारीगरों के उत्पादों को प्रदर्शित करते हुए मंत्रमुग्ध करने वाले मनोरंजक एवं सांस्कृतिक अभिनयों का मंचन किया जाएगा.

प्रमुख शहरों में आदि महोत्सव आयोजित करने की अवधारणा जनजातीय कारीगरों के लिए बिचौलियों के अतिक्रमण से बचने और बड़े बाजार तक सीधी पहुंच प्रदान करने के लिए वरदान साबित हुई हैं.

वहीं, बिना नगदी के व्यापार करने की राष्ट्रीय आकांक्षा के अनुरूप जनजातीय कारीगरों के व्यापारिक स्टॉल्स पर भी अब प्रमुख क्रेडिट व डेबिट कार्ड के माध्यम से भुगतान स्वीकार किया जाएगा.

बता दें कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान इस तरह के 26 महोत्सव आयोजित किए जाने की योजना है, जिनमें से 8 महोत्सवो का आयोजन शिमला, ऊटी, लद्दाख, विशाखापट्टनम, नोएडा, इंदौर, पुणे में पहले ही किया जा चुका है, जिनमें लगभग 900 जनजाति है कारीगरों ने भाग लिया और पांच करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री हासिल हुई

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आदिवासियों के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. शनिवार को यहां आदि महोत्सव के उदघाटन अवसर पर अपने संबोधन में शाह ने यह टिप्पणी की. कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने की.

शाह ने कांग्रेस पर आदिवासियों का वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल करने और उनके कल्याण के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि मोदी सरकार ने विकास योजनाओं के जरिये उनका (आदिवासियों का) जीवन बदल दिया.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक भाई की तरह मजबूती से आदिवासी आबादी के पीछे खड़े हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले.'

उन्होंने कहा, 'स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के 70 वर्षों में कांग्रेस ने आदिवासियों का वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल किया. पार्टी ने आदिवासियों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया. भाजपा जहां भी सत्ता में आई, उसने आदिवासियों के लिए विकास से जुड़ी योजनाओं की झड़ी लगा दी.'

शाह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने आदिवासियों के विकास के लिए कई कार्य किये, एकलव्य मॉडल स्कूलों की संख्या बढ़ाई गयी, वन अधिकार कानून के जरिये आदिवासियों को लाभ पहुंचाया गया, आदिवासियों के लिए चालू कई योजनाओं का बजट केंद्र की मोदी सरकार ने बढ़ाया, आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के संग्रहालय खोले गये, ट्राइबल्स रिसर्च इंस्टीट्यूटस की संख्या बढ़ायी गयी,

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना, उज्जवला योजना के जरिये भी आदिवासियों को लाभ मिला, स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय बनाये गये, जिससे आदिवासी समाज को फायदा हुआ, आदिवासियों के कौशल विकास व आय में वृद्धि करने के लिए प्रधानमंत्री वन धन योजना शुरू हुई, मोदी सरकार आदिवासियों के विकास के लिए काम करते रहेगी.

जितेंद्र सिंह का उमर-फारुक-महबूबा पर निशाना, बोले- तीनों को नजरबंद रखना ही बेहतर

गृह मंत्री ने आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को याद करते हुए कहा कि देश आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ मुंडा की लड़ाई को नहीं भूल सकता. उन्होंने वनों और पर्यावरण के संरक्षण में योगदान के लिए आदिवासियों की प्रशंसा भी की.

कार्यक्रम में केंद्रीय आदिवासी कल्याण राज्य मंत्री रेणुका सिंह विशिष्ट अथिति के रूप में शामिल हुईं. दिल्ली आदि महोत्सव 16 से 30 नवंबर तक दिल्ली हाट में चलेगा.

आपको बता दें कि आदि महोत्सव में 27 राज्यों से आमंत्रित 1000 से अधिक जनजातीय शिल्पकार और कलाकार हिस्सा ले रहे हैं. आदि महोत्सव का विषय 'जनजातीय शिल्प, संस्कृति और व्यापार का भाव उत्सव' है जिसमे जनजातीय जीवन की झांकी प्रदर्शित होंगीं.

आदि महोत्सव में 200 से अधिक स्टालों के माध्यम से जनजातीय हस्तशिल्प, कला, पेंटिंग, कपड़े, आभूषण और बहुत से जनजातीय उत्पादों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, जहां पर इनकी बिक्री की सुविधा भी उपलब्ध होगी

इस आयोजन के दौरान देश के 20 राज्यों के जनजातीय रीति रिवाजों, त्योहारों, मार्शल आर्ट आदि पर आधारित जनजातीय कारीगरों के उत्पादों को प्रदर्शित करते हुए मंत्रमुग्ध करने वाले मनोरंजक एवं सांस्कृतिक अभिनयों का मंचन किया जाएगा.

प्रमुख शहरों में आदि महोत्सव आयोजित करने की अवधारणा जनजातीय कारीगरों के लिए बिचौलियों के अतिक्रमण से बचने और बड़े बाजार तक सीधी पहुंच प्रदान करने के लिए वरदान साबित हुई हैं.

वहीं, बिना नगदी के व्यापार करने की राष्ट्रीय आकांक्षा के अनुरूप जनजातीय कारीगरों के व्यापारिक स्टॉल्स पर भी अब प्रमुख क्रेडिट व डेबिट कार्ड के माध्यम से भुगतान स्वीकार किया जाएगा.

बता दें कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान इस तरह के 26 महोत्सव आयोजित किए जाने की योजना है, जिनमें से 8 महोत्सवो का आयोजन शिमला, ऊटी, लद्दाख, विशाखापट्टनम, नोएडा, इंदौर, पुणे में पहले ही किया जा चुका है, जिनमें लगभग 900 जनजाति है कारीगरों ने भाग लिया और पांच करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री हासिल हुई

Intro:दिल्ली आदि महोत्सव का अमित शाह ने किया उद्घाटन, आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा भी रहे मौजूद

नयी दिल्ली- आदि महोत्सव का उदघाटन आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया, कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने की, केंद्रीय आदिवासी कल्याण राज्य मंत्री रेणुका सिंह विशिष्ट अथिति के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुईं, दिल्ली आदि महोत्सव 16 से 30 नवंबर तक दिल्ली हाट में चलेगा


Body:आदि महोत्सव में 27 राज्यों से आमंत्रित 1000 से अधिक जनजातीय शिल्पकार और कलाकार हिस्सा ले रहे हैं, आदि महोत्सव का विषय 'जनजातीय शिल्प, संस्कृति और व्यापार का भाव उत्सव' है जिसमे जनजातीय जीवन की झांकी प्रदर्शित होंगीं

आदि महोत्सव में 200 से अधिक स्टालों के माध्यम से जनजातीय हस्तशिल्प, कला, पेंटिंग, कपड़े, आभूषण और बहुत से जनजातीय उत्पादों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा जहां पर इनकी बिक्री की सुविधा भी उपलब्ध होगी

इस आयोजन के दौरान देश के 20 राज्यों के जनजातीय रीति रिवाजों, त्योहारों, मार्शल आर्ट आदि पर आधारित जनजातीय कारीगरों के उत्पादों को प्रदर्शित करते हुए मंत्रमुग्ध करने वाले मनोरंजक एवं सांस्कृतिक अभिनयो का मंचन किया जाएगा


Conclusion:प्रमुख शहरों में आदि महोत्सव आयोजित करने की अवधारणा जनजातीय कारीगरों के लिए बिचौलियों के अतिक्रमण से बचने और बड़े बाजार तक सीधी पहुंच प्रदान करने के लिए वरदान साबित हुई हैं. वहीं बिना नगदी के व्यापार करने की राष्ट्रीय आकांक्षा के अनुरूप जनजातीय कारीगरों के व्यापारिक स्टॉल्स पर भी अब प्रमुख क्रेडिट व डेबिट कार्ड के माध्यम से भुगतान स्वीकार किया जाएगा

बता दें वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान इस तरह के 26 महोत्सव आयोजित किए जाने की योजना है जिसमें से 8 महोत्सवो का आयोजन शिमला,उटी, लद्दाख, विशाखापट्टनम, नोएडा, इंदौर, पुणे में पहले ही किया जा चुका है जिनमें लगभग 900 जनजाति है कारीगरों ने भाग लिया और पांच करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री हासिल हुई

वहीं इस आदि महोत्सव पर अर्जुन मुंडा ने ईटीवी भारत झारखंड से बातचीत की
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