नई दिल्ली/कोलकाता : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' से बुरी तरह प्रभावित पश्चिम बंगाल को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. शाह ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि केंद्र करीब से हालातों पर नजर बनाए हुए है. उन्होंने कहा कि वह लगातार केंद्रीय और राज्य की राहत एजेंसियों के सम्पर्क में हैं.
गौरतलब है कि चक्रवाती 'बुलबुल' के देश के पूर्वी तट से टकराने के बाद पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में तेज बारिश हुई है. इससे कोलकाता और आसपास से उपनगरीय क्षेत्रों में सड़कों पर पानी भर गया, नालियां उफन उठीं और यातायात बुरी तरह प्रभावित हो गया. इसी तबाबी के बीच अब तक भिन्न जिलों में छह लोगों की मौत हो चुकी है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की है और हर मुमकिन मदद का आश्वासन दिया है. उन्होंने अपने ट्वीट में भगवान से चक्रवात में फंसे लोगों के लिए प्रार्थना भी की.
शाह ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि पश्चिम बंगाल में NDRF की 10 टीमें और ओडिशा में 6 टीमें पहले ही तैनात की जा चुकी हैं. वे सड़कों की मरम्मत, बचाव कार्य और राहत सामग्री के वितरण में राज्य प्रशासन की सहायता कर रही हैं. NDRF की अतिरिक्त 18 टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है.
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से टेलीफोन पर बात की थी. उन्होंने चक्रवात का सामना करने के लिए राज्य सरकार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था.
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना क्षेत्र में रविवार को भयंकर चक्रवाती तूफान बुलबुल ने कहर बरपाया. तेज हवाओं के कारण, कई पेड़ उखड़ गये और सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गये.
इस बीच पश्चिम बंगाल के आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद खान ने जानकारी दी कि लगभग 4 लाख 65 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. इस दौरान अब तक सात मौतें हुई हैं. इनमें उत्तर 24 परगना जिले में पांच और दक्षिण 24 परगना में एक व्यक्ति की मौत हुई है.
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राहत एवं बचाव कार्यों की बात करें तो रविवार सुबह, आरा मशीनों की मदद से NDRF टीमों ने कई गिरे हुए पेड़ों को काटा और अवरुद्ध सड़कों को साफ किया.
उधर मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' शनिवार को रात 8:30 बजे से 11:30 बजे के बीच सुंदरबन जंगल के करीब पश्चिम बंगाल तट को पार कर गया है.
अलीपुर मौसम विभाग के निदेशक जी.सी.दास ने कहा कि वर्तमान में, यह चक्रवाती तूफान बुलबुल बांग्लादेश और उससे सटे इलाकों से दूर है. यह अब पश्चिम बंगाल से दूर है और अपनी तीव्रता खो रहा है. मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे अगले 24 घंटों तक समुद्र में न जाएं.
एक तरफ जहां चक्रवात बुलबुल ने तबाही मचा रखी है वहीं दूसरी तरफ इससे महानगर में हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है. बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार हुआ है.