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निजता में सेंध लगना व्हाट्सएप की कमी, ना कि सरकार की : भाजपा - इजरायल

फेसबुक के स्वामित्व वाली कम्पनी व्हाट्सएप ने कहा है कि इजरायल स्पाईवेयर 'पेगासस' के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं. भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं. जासूसी पर मचे बवाल को लेकर भाजपा आईटी सेल अध्यक्ष अमित मालवीय ने दावा किया है कि एक्टिविस्ट और पत्रकारों की जासूसी व्हाट्सएप की कमियों को उजागर करती है, ना कि सरकार की. इस पूरे मसले पर अमित मालवीय ने ईटीवी भारत से बातचीत की. जानें विस्तार से...

भाजपा आईटी सेल अध्यक्ष अमित मालवीय
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Published : Nov 2, 2019, 8:39 PM IST

Updated : Nov 2, 2019, 9:07 PM IST

नई दिल्ली : व्हाटसएप ने इजरायल की साइबर खुफिया कंपनी एनएसओ ग्रुप पर मुकदमा दायर किया है. एनएसओ ग्रुप की ओर से भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकारों को स्पाइवेयर द्वारा लक्षित कर उनकी जासूसी की गई है. वहीं फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने 31 अक्टूबर को इस आशय की पुष्टि की है.

जासूसी पर मचे बवाल को लेकर भाजपा आईटी सेल अध्यक्ष अमित मालवीय ने दावा किया है कि एक्टिविस्ट और पत्रकारों की जासूसी व्हाट्सएप की कमियों को उजागर करती है, ना कि सरकार की.

भाजपा आईटी सेल अध्यक्ष अमित मालवीय ने ईटीवी भारत से बातचीत की...

अमित मालवीय ने इस मसले पर ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान स्वीकार किया की सोशल मीडिया मंच व्हाटसएप के अधिकारियों ने कई बार सरकार से मुलाकात की, लेकिन इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी. उन्होंने तकनीकी जानकारियां सिर्फ साझा कीं.

बता दें कि इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने राफेल मामले को लेकर ट्वीट भी किया था.

हालांकि आईटी सेल प्रमुख ने कांग्रेस की तरफ से लगाये गये आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि यह वही पार्टी है, जो अपने वित्त मंत्री के कार्यालय में जासूसी कराती थी, भारत के सेनाध्यक्ष की जासूसी कराती थी. कांग्रेस का चाल, चरित्र और चेहरा पूरे देश ने देखा है.

इसे भी पढ़ें - 'व्हाट्सएप जासूसी' से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताना, अतिशयोक्ति : बीजेपी

'सरकार आम जनता की निजता के लिए प्रतिबद्ध'

मालवीय ने कहा कि जहां तक व्हाट्सएप के सर्विलांस की बात है, भारत सरकार इसके प्रति सजग है. इसके साथ ही सरकार आम जनता की निजता के लिए भी प्रतिबद्ध है और इसीलिए वह हमेशा व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया मंचों के अधिकारियों से बराबर सवाल-जवाब करती रहती है.

उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप ने जो भी क्लेरिफिकेशन दिया है, उससे अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिरकार कैसे यह जासूसी हुई.

व्हाट्सएप पर प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं, इस प्रश्न पर मालवीय ने कहा, 'यह सरकार के अधिकार क्षेत्र में है और इसका निर्णय सरकार ही करेगी. लेकिन भारत की जनता की निजता में कुछ हनन होगा तो सरकार जरूर कोई कड़ा कदम भी उठाएगी.'

क्या है पूरा मामला
दरअसल, फेसबुक के स्वामित्व वाली कम्पनी व्हाट्सएप ने कहा है कि इजरायल स्पाईवेयर 'पेगासस' के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं. भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं.

व्हाट्सएप ने कहा है कि वह एनएसओ समूह के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है. यह इजरायल की निगरानी करने वाली कम्पनी है. समझा जाता है कि इसी कम्पनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है, जिसके जरिये अज्ञात इकाइयों ने जासूसी के लिए करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किये हैं.

इसे भी पढ़ें - कांग्रेस का मोदी सरकार पर 'जासूसी' का आरोप, अदालत की निगरानी में जांच की मांग

चार महाद्वीपों के उपयोगकर्ता इस जासूसी का शिकार बने हैं. इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं. हालांकि, व्हाट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन हैक किये गये हैं.

नई दिल्ली : व्हाटसएप ने इजरायल की साइबर खुफिया कंपनी एनएसओ ग्रुप पर मुकदमा दायर किया है. एनएसओ ग्रुप की ओर से भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकारों को स्पाइवेयर द्वारा लक्षित कर उनकी जासूसी की गई है. वहीं फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने 31 अक्टूबर को इस आशय की पुष्टि की है.

जासूसी पर मचे बवाल को लेकर भाजपा आईटी सेल अध्यक्ष अमित मालवीय ने दावा किया है कि एक्टिविस्ट और पत्रकारों की जासूसी व्हाट्सएप की कमियों को उजागर करती है, ना कि सरकार की.

भाजपा आईटी सेल अध्यक्ष अमित मालवीय ने ईटीवी भारत से बातचीत की...

अमित मालवीय ने इस मसले पर ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान स्वीकार किया की सोशल मीडिया मंच व्हाटसएप के अधिकारियों ने कई बार सरकार से मुलाकात की, लेकिन इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी. उन्होंने तकनीकी जानकारियां सिर्फ साझा कीं.

बता दें कि इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने राफेल मामले को लेकर ट्वीट भी किया था.

हालांकि आईटी सेल प्रमुख ने कांग्रेस की तरफ से लगाये गये आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि यह वही पार्टी है, जो अपने वित्त मंत्री के कार्यालय में जासूसी कराती थी, भारत के सेनाध्यक्ष की जासूसी कराती थी. कांग्रेस का चाल, चरित्र और चेहरा पूरे देश ने देखा है.

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'सरकार आम जनता की निजता के लिए प्रतिबद्ध'

मालवीय ने कहा कि जहां तक व्हाट्सएप के सर्विलांस की बात है, भारत सरकार इसके प्रति सजग है. इसके साथ ही सरकार आम जनता की निजता के लिए भी प्रतिबद्ध है और इसीलिए वह हमेशा व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया मंचों के अधिकारियों से बराबर सवाल-जवाब करती रहती है.

उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप ने जो भी क्लेरिफिकेशन दिया है, उससे अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिरकार कैसे यह जासूसी हुई.

व्हाट्सएप पर प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं, इस प्रश्न पर मालवीय ने कहा, 'यह सरकार के अधिकार क्षेत्र में है और इसका निर्णय सरकार ही करेगी. लेकिन भारत की जनता की निजता में कुछ हनन होगा तो सरकार जरूर कोई कड़ा कदम भी उठाएगी.'

क्या है पूरा मामला
दरअसल, फेसबुक के स्वामित्व वाली कम्पनी व्हाट्सएप ने कहा है कि इजरायल स्पाईवेयर 'पेगासस' के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं. भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं.

व्हाट्सएप ने कहा है कि वह एनएसओ समूह के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है. यह इजरायल की निगरानी करने वाली कम्पनी है. समझा जाता है कि इसी कम्पनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है, जिसके जरिये अज्ञात इकाइयों ने जासूसी के लिए करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किये हैं.

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चार महाद्वीपों के उपयोगकर्ता इस जासूसी का शिकार बने हैं. इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं. हालांकि, व्हाट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन हैक किये गये हैं.

Intro:snooping पर मचे बवाल को लेकर भाजपा के आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने दावा किया है कि व्हाट्सएप पेगासस के माध्यम से मई के महीने में बंदर कुछ एक्टिविस्ट और पत्रकारों किस स्नूपिंग कराई गई है इस बात को स्वीकार कर रहा है मगर इस बीच उसके अधिकारियों ने कई बार सरकार से मुलाकात की मगर इसकी जानकारी नहीं दी गई हालांकि आईटी सेल है कांग्रेस की तरफ से लगाए गए आरोप जिसमें राहुल गांधी ने राफेल एंगल पर ट्वीट किया था उस पर जवाब देते हुए कहा है कि इसमें सरकार का कोई हाथ है ही नहीं और यह सरकार पर आरोप लगाना सरासर मूर्खतापूर्ण है ईटीवी से खास बातचीत करते हुए आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने बताया कि व्हाट्सएप में जो भी क्लेरिफिकेशन दिया है अभी तक उसमें यह नहीं क्लियर किया है कि उन्होंने आखिर कैसे पेगासस के माध्यम से यह शॉपिंग कराई है


Body:अमित मालवीय ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि जहां तक स्लोपिंग का सवाल है भारत सरकार इसके प्रति सजग है और भारत सरकार के लिए आम जनता की निजता सर्वाधिक प्रायोरिटी पर है और सरकार उसे प्राथमिकता देती है जहां तक व्हाट्सएप पर प्रतिबंध अन का सवाल है ईश्वर जनक चल रही है सरकार ने व्हाट्सएप के माध्यम से जवाब तलब किया है और उसके अधिकारियों से पूछताछ भी की गई है इस पर प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं यह सरकार के अधिकार क्षेत्र में है और इसका निर्णय सरकार ही करेगी लेकिन जहां तक बात लोगों की निजता का है तो इस पर मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि सरकार लोगों की निजता को लेकर काफी सतर्क है और इसमें कोई दो राय नहीं कि सरकार को अगर जांच के बाद व्हाट्सएप की गलती पता चले तो प्रतिबंध लगाने में भी पीछे नहीं छूटेगी मगर जहां तक अभी प्रतिबंध का सवाल है मुझे नहीं लगता कि ऐसी कोई जरूरत पड़ेगी


Conclusion: कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए अमित मालवीय ने बताया कांग्रेस तो वह पार्टी है जो अपने कार्यकाल में अपने ही वित्त मंत्री और सेनाध्यक्ष की शॉपिंग करा रही थी इसलिए उसे इस मामले में मोदी सरकार पर आरोप लगा रही है जबकि वास्तविकता यह है कि सरकार आम जनता के विजेता को लेकर काफी सतर्क है उन्होंने यह भी कहा कि यह समय सरकार पर दोष मढ़ने का नहीं कल का सरकार की तरफ से सहायक बनने का है क्योंकि यह सभी की निजता का मामला है जिस पर सरकार व्हाट्सएप से पूछताछ कर रही है और ऐसे समय में सरकार पर तंज कसना या आरोप लगाना विपक्ष का मुक्तापुर कदम है
Last Updated : Nov 2, 2019, 9:07 PM IST
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