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दिल्ली हिंसा : अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों को परामर्श जारी किया - us and russia on delhi violence

दिल्ली हिंसा को लेकर अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों को परामर्श जारी किया है. परामर्श में दूतावास ने अपने नागरिकों से कहा कि वे प्रदर्शन, सड़क और मेट्रो परिवहन और संभावित कर्फ्यू के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए स्थानीय मीडिया की खबरों पर नजर रखें. पढे़ं पूरा विवरण...

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दिल्ली हिंसा
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Published : Feb 27, 2020, 8:22 AM IST

Updated : Mar 2, 2020, 5:22 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली में हिंसा के मद्देनजर अमेरिका और रूस ने अपने नागरिकों को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी है. अमेरिकी दूतावास ने अमेरिकी नागरिकों को परामर्श देते हुए सुरक्षा अलर्ट जारी किया है.

परामर्श में अपने नागरिकों से कहा है कि वे प्रदर्शन, सड़क और मेट्रो परिवहन और संभावित कर्फ्यू के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए स्थानीय मीडिया की खबरों पर नजर रखें.

दूतावास ने परामर्श में कहा, 'उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के मद्देनजर भारत में अमेरिकी नागरिकों को सावधानी बरतनी चाहिए और प्रदर्शन से जुड़ी सभी जगहों पर जाने से बचें.'

एडवाजरी में बताया गया है कि दिल्ली के कुछ इलाकों में धारा 144 लागू है. इसके तहत चार या चार से अधिक लोगों को एकत्रित होने की इजाजत नहीं दी जाती है. इसलिए इसका ख्याल रखें. जानें से पहले लोकल मीडिया से मिल रही इनपुट पर नजर बनाए रखें. स्थानीय अधिकारियों की सलाह पर जरूर ध्यान दें.

मंगलवार को प्रधान मंत्री मोदी के साथ अपनी औपचारिक वार्ता के बाद, ट्रंप ने शाम को एक घंटे लंबे अकेले प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. नागरिकता संशोधन अधिनियम के आसपास विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सांप्रदायिक हिंसा के बारे में पूछे जाने पर, ट्रंप ने सीएए को भारत का आंतरिक मामला बताया और कानून पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'मैं उस (सीएए) पर कुछ नहीं कहना चाहता. यह भारत पर निर्भर है. मुझे उम्मीद है कि यह अपने लोगों के लिए सही निर्णय लेगा.'

पढ़ें : ट्रंप दिल्ली, अहमदाबाद और आगरा का दौरा करेंगे

व्हाइट हाउस प्रेस पूल के साथ यात्रा करने वाले पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर दिल्ली के दंगों में हुई मौतों पर कोई टिप्पणी किए बिना ट्रंप ने मोदी को धार्मिक लेकिन मजबूत नेता बताया. उन्होंने पीएम मोदी के साथ धार्मिक स्वतंत्रता पर भी बात की. उन्होंने कहा, 'हमने धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में बात की. मैं कहूंगा कि प्रधानमंत्री अविश्वसनीय थे और उन्होंने मुझसे कहा कि वह चाहते हैं कि लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता हो. उन्होंने मुझे बताया कि भारत में उन्होंने महान और खुली धार्मिक स्वतंत्रता के लिए बहुत मेहनत की है. हम पीछे मुड़कर देखते हैं कि अन्य स्थानों के सापेक्ष क्या हो रहा है ... उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता पर वास्तव में कड़ी मेहनत की है.

आपको बता दें कि यह एडवायजरी उस समय आया है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति लौट चुके हैं. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल खुद प्रभावित इलाकों में गए. उन्होंने वहां का जायजा लिया. एडवायजरी में भारी ट्रैफिक वाले इलाके में जाने से बचने को कहा गया है. जहां की सड़कें बंद हैं और जहां भी विरोध की आशंका हो, वहां भी नहीं जाने को कहा गया है.

रूस ने भी अपने नागरिकों से सावधानी बरतने और हिंसा ग्रस्त क्षेत्र जाफराबाद, मौजपुर और भजनपुरा नहीं जाने की अपील की है.

(एक्स्ट्रा इनपुट स्मिता शर्मा से)

नई दिल्ली : दिल्ली में हिंसा के मद्देनजर अमेरिका और रूस ने अपने नागरिकों को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी है. अमेरिकी दूतावास ने अमेरिकी नागरिकों को परामर्श देते हुए सुरक्षा अलर्ट जारी किया है.

परामर्श में अपने नागरिकों से कहा है कि वे प्रदर्शन, सड़क और मेट्रो परिवहन और संभावित कर्फ्यू के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए स्थानीय मीडिया की खबरों पर नजर रखें.

दूतावास ने परामर्श में कहा, 'उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के मद्देनजर भारत में अमेरिकी नागरिकों को सावधानी बरतनी चाहिए और प्रदर्शन से जुड़ी सभी जगहों पर जाने से बचें.'

एडवाजरी में बताया गया है कि दिल्ली के कुछ इलाकों में धारा 144 लागू है. इसके तहत चार या चार से अधिक लोगों को एकत्रित होने की इजाजत नहीं दी जाती है. इसलिए इसका ख्याल रखें. जानें से पहले लोकल मीडिया से मिल रही इनपुट पर नजर बनाए रखें. स्थानीय अधिकारियों की सलाह पर जरूर ध्यान दें.

मंगलवार को प्रधान मंत्री मोदी के साथ अपनी औपचारिक वार्ता के बाद, ट्रंप ने शाम को एक घंटे लंबे अकेले प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. नागरिकता संशोधन अधिनियम के आसपास विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सांप्रदायिक हिंसा के बारे में पूछे जाने पर, ट्रंप ने सीएए को भारत का आंतरिक मामला बताया और कानून पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'मैं उस (सीएए) पर कुछ नहीं कहना चाहता. यह भारत पर निर्भर है. मुझे उम्मीद है कि यह अपने लोगों के लिए सही निर्णय लेगा.'

पढ़ें : ट्रंप दिल्ली, अहमदाबाद और आगरा का दौरा करेंगे

व्हाइट हाउस प्रेस पूल के साथ यात्रा करने वाले पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर दिल्ली के दंगों में हुई मौतों पर कोई टिप्पणी किए बिना ट्रंप ने मोदी को धार्मिक लेकिन मजबूत नेता बताया. उन्होंने पीएम मोदी के साथ धार्मिक स्वतंत्रता पर भी बात की. उन्होंने कहा, 'हमने धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में बात की. मैं कहूंगा कि प्रधानमंत्री अविश्वसनीय थे और उन्होंने मुझसे कहा कि वह चाहते हैं कि लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता हो. उन्होंने मुझे बताया कि भारत में उन्होंने महान और खुली धार्मिक स्वतंत्रता के लिए बहुत मेहनत की है. हम पीछे मुड़कर देखते हैं कि अन्य स्थानों के सापेक्ष क्या हो रहा है ... उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता पर वास्तव में कड़ी मेहनत की है.

आपको बता दें कि यह एडवायजरी उस समय आया है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति लौट चुके हैं. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल खुद प्रभावित इलाकों में गए. उन्होंने वहां का जायजा लिया. एडवायजरी में भारी ट्रैफिक वाले इलाके में जाने से बचने को कहा गया है. जहां की सड़कें बंद हैं और जहां भी विरोध की आशंका हो, वहां भी नहीं जाने को कहा गया है.

रूस ने भी अपने नागरिकों से सावधानी बरतने और हिंसा ग्रस्त क्षेत्र जाफराबाद, मौजपुर और भजनपुरा नहीं जाने की अपील की है.

(एक्स्ट्रा इनपुट स्मिता शर्मा से)

Last Updated : Mar 2, 2020, 5:22 PM IST
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