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मानसून सत्र :  एक दिन के अंतर पर हो सकती हैं दोनों सदनों की बैठकें - लोकसभा सचिवालय

केंद्र सरकार से अब तक कोई लिखित सूचना नहीं होने के कारण, दोनों संसदीय सचिवालय के अधिकारी अभी तक संसद के मानसून सत्र के शुरू होने की तारीख के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं, हालांकि वे सितंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र शुरू होने की उम्मीद करते हैं, क्योंकि इसे 22 सितंबर या उससे पहले शुरू किया जाना है. ताजा घटनाक्रम में यह संभावना जताई जा रही है कि संसद के दोनों सदन एक दिन बीच कर बैठेंगे. यानी एक दिन लोकसभा और दूसरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही होगी.

संसद का मानसून सत्र
संसद का मानसून सत्र
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Published : Aug 21, 2020, 3:38 PM IST

Updated : Aug 21, 2020, 3:43 PM IST

नई दिल्ली : सितंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू होने वाले संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें वैकल्पिक दिन पर आयोजित होने की संभावना है. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है. सूत्रों के मुताबिक दोनों सदन में सांसद व अन्य अधिकारी शारीरिक रूप से उपस्थित रहेंगे.

सूत्रों ने कहा, 'लोकसभा की कार्यवाही लोकसभा हॉल, राज्य सभा हॉल और सेंट्रल हॉल से चलने की संभावना है. जबकि राज्यसभा की कार्यवाही लॉबी सहित राज्यसभा और लोकसभा हॉल से होगी. हालांकि, बैठने की व्यवस्था के बारे में अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है.'

गौरतलब है कि इससे पहले 22 सितंबर से मानसून सत्र आयोजित किए जाने की खबर सामने आई थी. दरअसल, अंतिम बजट सत्र 23 मार्च को समाप्त हो गया था, और इसलिए भारत के संविधान के आदेशपत्र के अनुसार, दो सत्रों के बीच अधिकतम छह महीने का अंतर 22 सितंबर को समाप्त होता है.

संसद में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने का अनुरोध करते हुए बताया कि मानसून सत्र की तारीख तय करने के लिए संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) इस सप्ताह बैठक करेगी.

सरकार सीसीपीए बैठक में अपने कामकाज के विवरण को भी साझा करेगी, जो पिछले सप्ताह होने वाली थी, लेकिन कुछ कारणों और अन्य अधिकारियों की व्यस्तताओं के कारण नहीं हो सका.

अधिकारी ने कहा कि संसद के सत्र का संचालन करने के लिए केंद्र सरकार से अब तक 'कोई लिखित सूचना' नहीं मिला है.

लोकसभा सचिवालय मामले के जानकार एक अन्य अधिकारी ने बताया, 'यह ज्ञात है कि मानसून सत्र 23 सितंबर से पहले किसी भी समय शुरू हो जाएगा. चूंकि बैठने की व्यवस्था के संबंध में लोकसभा में तैयारी अभी भी लंबित है, इसलिए यह उम्मीद की जाती है कि सरकार सितंबर के दूसरे सप्ताह में मानसून सत्र की तारीख घोषित कर सकती है.'

यह भी पढ़ें: संसद का मानसून सत्र सितंबर के दूसरे सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद

संसद के कई सदस्यों ने यह भी कहा कि उन्हें कुछ जानकारियां मिली हैं कि सत्र सितंबर के दूसरे सप्ताह में शुरू हो सकता है.

संसद सत्र की घोषणा और शुरू होने के बीच आमतौर पर 14 दिनों का अंतर होता है.

सांसद, हालांकि, अभी तक इस बात को लेकर यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों सदनों की कार्यवाही रोजाना होगी या नहीं.

लोकसभा की कार्यवाही अलग-अलग चैंबर में आयोजित करने की व्यवस्था अभी भी अध्यक्ष ओम बिड़ला और लोकसभा सचिवालय के पास विचाराधीन है, और अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है.

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को मानसून सत्र के लिए अगस्त के तीसरे सप्ताह तक पूरी तैयारी के लिए निर्देश दिया था और लोकसभा के भी अगले सप्ताह तक इसी तरह की घोषणा के साथ आने की उम्मीद है.

सूत्रों ने कहा कि कई बैठकों के बाद सांसदों को बैठाने को लेकर जो सहमति बनी उसके मुताबकि राज्यसभा चैंबर और दीर्घाओं और लोकसभा चैंबर का इस्तेमाल उच्च सदन के सदस्यों को बैठाने के लिए किया जाएगा.

सभी मंत्रियों सहित 60 सदस्यों को राज्यसभा चैंबर में, 51 को दीर्घाओं (पहली पंक्ति को छोड़कर) और शेष 132 को लोकसभा चैंबर में बैठाया जाएगा.

लोकसभा अधिकारी अपने 542 सदस्यों को बैठने के लिए संसद भवन में सेंट्रल हॉल और बालयोगी सभागार का इस्तेमाल कर सकते हैं. राज्यसभा की सदस्य संख्या 241 है.

सेंट्रल हॉल का इस्तेमाल दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए किया जाता है और सांसद अपने-अपने सदन में ब्रेक के दौरान वहां बैठते हैं.

लगभग 800 की बैठने की क्षमता के साथ, हॉल 'फिजिकल डिस्टेंसिंग' (शारीरिक दूरी) के मानदंडों को सुनिश्चित करते हुए लोकसभा के सदस्यों को समायोजित कर सकता है.

नई दिल्ली : सितंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू होने वाले संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें वैकल्पिक दिन पर आयोजित होने की संभावना है. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है. सूत्रों के मुताबिक दोनों सदन में सांसद व अन्य अधिकारी शारीरिक रूप से उपस्थित रहेंगे.

सूत्रों ने कहा, 'लोकसभा की कार्यवाही लोकसभा हॉल, राज्य सभा हॉल और सेंट्रल हॉल से चलने की संभावना है. जबकि राज्यसभा की कार्यवाही लॉबी सहित राज्यसभा और लोकसभा हॉल से होगी. हालांकि, बैठने की व्यवस्था के बारे में अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है.'

गौरतलब है कि इससे पहले 22 सितंबर से मानसून सत्र आयोजित किए जाने की खबर सामने आई थी. दरअसल, अंतिम बजट सत्र 23 मार्च को समाप्त हो गया था, और इसलिए भारत के संविधान के आदेशपत्र के अनुसार, दो सत्रों के बीच अधिकतम छह महीने का अंतर 22 सितंबर को समाप्त होता है.

संसद में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने का अनुरोध करते हुए बताया कि मानसून सत्र की तारीख तय करने के लिए संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) इस सप्ताह बैठक करेगी.

सरकार सीसीपीए बैठक में अपने कामकाज के विवरण को भी साझा करेगी, जो पिछले सप्ताह होने वाली थी, लेकिन कुछ कारणों और अन्य अधिकारियों की व्यस्तताओं के कारण नहीं हो सका.

अधिकारी ने कहा कि संसद के सत्र का संचालन करने के लिए केंद्र सरकार से अब तक 'कोई लिखित सूचना' नहीं मिला है.

लोकसभा सचिवालय मामले के जानकार एक अन्य अधिकारी ने बताया, 'यह ज्ञात है कि मानसून सत्र 23 सितंबर से पहले किसी भी समय शुरू हो जाएगा. चूंकि बैठने की व्यवस्था के संबंध में लोकसभा में तैयारी अभी भी लंबित है, इसलिए यह उम्मीद की जाती है कि सरकार सितंबर के दूसरे सप्ताह में मानसून सत्र की तारीख घोषित कर सकती है.'

यह भी पढ़ें: संसद का मानसून सत्र सितंबर के दूसरे सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद

संसद के कई सदस्यों ने यह भी कहा कि उन्हें कुछ जानकारियां मिली हैं कि सत्र सितंबर के दूसरे सप्ताह में शुरू हो सकता है.

संसद सत्र की घोषणा और शुरू होने के बीच आमतौर पर 14 दिनों का अंतर होता है.

सांसद, हालांकि, अभी तक इस बात को लेकर यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों सदनों की कार्यवाही रोजाना होगी या नहीं.

लोकसभा की कार्यवाही अलग-अलग चैंबर में आयोजित करने की व्यवस्था अभी भी अध्यक्ष ओम बिड़ला और लोकसभा सचिवालय के पास विचाराधीन है, और अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है.

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को मानसून सत्र के लिए अगस्त के तीसरे सप्ताह तक पूरी तैयारी के लिए निर्देश दिया था और लोकसभा के भी अगले सप्ताह तक इसी तरह की घोषणा के साथ आने की उम्मीद है.

सूत्रों ने कहा कि कई बैठकों के बाद सांसदों को बैठाने को लेकर जो सहमति बनी उसके मुताबकि राज्यसभा चैंबर और दीर्घाओं और लोकसभा चैंबर का इस्तेमाल उच्च सदन के सदस्यों को बैठाने के लिए किया जाएगा.

सभी मंत्रियों सहित 60 सदस्यों को राज्यसभा चैंबर में, 51 को दीर्घाओं (पहली पंक्ति को छोड़कर) और शेष 132 को लोकसभा चैंबर में बैठाया जाएगा.

लोकसभा अधिकारी अपने 542 सदस्यों को बैठने के लिए संसद भवन में सेंट्रल हॉल और बालयोगी सभागार का इस्तेमाल कर सकते हैं. राज्यसभा की सदस्य संख्या 241 है.

सेंट्रल हॉल का इस्तेमाल दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए किया जाता है और सांसद अपने-अपने सदन में ब्रेक के दौरान वहां बैठते हैं.

लगभग 800 की बैठने की क्षमता के साथ, हॉल 'फिजिकल डिस्टेंसिंग' (शारीरिक दूरी) के मानदंडों को सुनिश्चित करते हुए लोकसभा के सदस्यों को समायोजित कर सकता है.

Last Updated : Aug 21, 2020, 3:43 PM IST
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