ETV Bharat / bharat

पार्टी की कोर कमेटी तय करेगी गठबंधन का भविष्य : सुखबीर सिंह बादल - किसी भी बलिदान के लिए तैयार

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने ईटीवी भारत से कहा कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा गठबंधन पंजाब के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन हमारी पार्टी की एक विचारधारा है. हम किसानों के लिए खड़े हैं और अगर हमारी चिंताओं को दूर नहीं किया जाता तो कैबिनेट में क्यों बने रहें?

sukhbir singh badal
सुखबीर सिंह बादल
author img

By

Published : Sep 18, 2020, 6:43 PM IST

Updated : Sep 18, 2020, 7:21 PM IST

नई दिल्ली : कृषि अध्यादेशों (अब बिल) के विरोध में शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया. मान-मनौव्वल की कोशिशों के बाद सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने ईटीवी भारत से कहा कि शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन पंजाब के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन हमारी पार्टी की एक विचारधारा है. हम किसानों के लिए खड़े हैं और अगर हमारी चिंताओं को दूर नहीं किया जाता तो कैबिनेट में क्यों बने रहें?

देखिए सुखबीर सिंह बादल से खास बातचीत

आश्वासन मिलने के बावजूद कैबिनेट से बाहर जाने का फैसला क्यों?
शिरोमणि अकाली दल और भाजपा का गठबंधन 90 के दशक के अंत में प्रकाश सिंह बादल और अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू किए गए एनडीए में सबसे पुराना है. पंजाब में हिंदू और सिख समुदाय को एकजुट करने में इस गठबंधन ने एक प्रमुख भूमिका निभाई. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने सुखबीर सिंह बादल को एक पत्र लिखा था और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बारे में आश्वासन दिया था. यह पूछने पर कि आश्वासन मिलने के बावजूद अकाली दल ने कैबिनेट से बाहर जाने का फैसला क्यों किया?

'लिखित आश्वासन नहीं, एमएसपी का हिस्सा बिल में शामिल करे सरकार'
सुखबीर बादल ने कहा कि हमने किसानों को पत्र दिखाया, लेकिन वह चाहते थे कि एमएसपी का हिस्सा बिल में शामिल किया जाए, जो जोड़ा नहीं गया. किसान लिखित आश्वासन से संतुष्ट नहीं थे. किसान चाहते थे कि बिल में यह बात लाई जाए, इसलिए हमने पद छोड़ने का फैसला किया. बिल के अंतिम मसौदे से पहले हम से सलाह नहीं ली गई थी, लेकिन संसद में मंत्री ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह उस समिति का हिस्सा थे.

'कैप्टन अमरिंदर सिंह के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं'
शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि राज्य के मुद्दे हैं. राज्य के अधिकारों को कमजोर नहीं करना चाहिए. इस्तीफे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के 'बहुत कम, बहुत देर' के बयान पर सुखबीर बादल ने कहा कि हमें कैप्टन अमरिंदर के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. इन्हीं अध्यादेशों को कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने पहले पेश किया था और यह उनके घोषणा पत्र का हिस्सा था. हमने सीएए में भी मुसलमानों को बाहर करने का विरोध किया और हम इन बिलों का भी विरोध करते हैं.

'किसी भी बलिदान के लिए तैयार'
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकती. शिरोमणि अकाली दल किसानों के लिए किसी भी बलिदान के लिए तैयार है. जेल जाने से लेकर गठबंधन में बने रहने के बारे में कोर कमेटी तय करेगी.

नई दिल्ली : कृषि अध्यादेशों (अब बिल) के विरोध में शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया. मान-मनौव्वल की कोशिशों के बाद सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने ईटीवी भारत से कहा कि शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन पंजाब के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन हमारी पार्टी की एक विचारधारा है. हम किसानों के लिए खड़े हैं और अगर हमारी चिंताओं को दूर नहीं किया जाता तो कैबिनेट में क्यों बने रहें?

देखिए सुखबीर सिंह बादल से खास बातचीत

आश्वासन मिलने के बावजूद कैबिनेट से बाहर जाने का फैसला क्यों?
शिरोमणि अकाली दल और भाजपा का गठबंधन 90 के दशक के अंत में प्रकाश सिंह बादल और अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू किए गए एनडीए में सबसे पुराना है. पंजाब में हिंदू और सिख समुदाय को एकजुट करने में इस गठबंधन ने एक प्रमुख भूमिका निभाई. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने सुखबीर सिंह बादल को एक पत्र लिखा था और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बारे में आश्वासन दिया था. यह पूछने पर कि आश्वासन मिलने के बावजूद अकाली दल ने कैबिनेट से बाहर जाने का फैसला क्यों किया?

'लिखित आश्वासन नहीं, एमएसपी का हिस्सा बिल में शामिल करे सरकार'
सुखबीर बादल ने कहा कि हमने किसानों को पत्र दिखाया, लेकिन वह चाहते थे कि एमएसपी का हिस्सा बिल में शामिल किया जाए, जो जोड़ा नहीं गया. किसान लिखित आश्वासन से संतुष्ट नहीं थे. किसान चाहते थे कि बिल में यह बात लाई जाए, इसलिए हमने पद छोड़ने का फैसला किया. बिल के अंतिम मसौदे से पहले हम से सलाह नहीं ली गई थी, लेकिन संसद में मंत्री ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह उस समिति का हिस्सा थे.

'कैप्टन अमरिंदर सिंह के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं'
शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि राज्य के मुद्दे हैं. राज्य के अधिकारों को कमजोर नहीं करना चाहिए. इस्तीफे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के 'बहुत कम, बहुत देर' के बयान पर सुखबीर बादल ने कहा कि हमें कैप्टन अमरिंदर के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. इन्हीं अध्यादेशों को कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने पहले पेश किया था और यह उनके घोषणा पत्र का हिस्सा था. हमने सीएए में भी मुसलमानों को बाहर करने का विरोध किया और हम इन बिलों का भी विरोध करते हैं.

'किसी भी बलिदान के लिए तैयार'
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकती. शिरोमणि अकाली दल किसानों के लिए किसी भी बलिदान के लिए तैयार है. जेल जाने से लेकर गठबंधन में बने रहने के बारे में कोर कमेटी तय करेगी.

Last Updated : Sep 18, 2020, 7:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.