नई दिल्ली : भारतीय हज कमेटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मकसूद अहमद खान ने बुधवार को बताया कि कोरोना वायरस महामारी के चलते इस वर्ष रद्द हुई हज यात्रा के बाद सभी तीर्थयात्रियों द्वारा किए गए भुगतान का पूरा रिफंड कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को बयान दिया था कि कोरोना के चलते इस साल भारत से मुसलमान हज 2020 के लिए सऊदी अरब की यात्रा नहीं करेंगे. यह निर्णय सऊदी अरब के आग्रह पर किया गया है.
हज समिति के सीईओ मकसूद अहमद खान ने ईटीवी भारत को बताया, 'पैसा ऑनलाइन डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) मोड के जरिए आवेदकों के बैंक खातों में एक महीने के भीतर वापस कर दिया जाएगा और उन्हें अपनी यात्रा रद्द करने के लिए आवेदन करने की कोई आवश्यकता नहीं है.'
यह पूछे जाने पर कि इस साल जिन यात्रियों को हज यात्रा के लिए चुना गया था, क्या हज 2021 में उनकी सीटें आरक्षित रहेंगी, खान ने कहा, 'यह सब अगले साल हज नीति में तय किया जाएगा. हमने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं किया है.'
हालांकि, नकवी ने मंगलवार को कहा था कि इस साल 2300 से अधिक महिलाओं ने बिना मेहरम (पुरुष साथी) के हज करने के लिए आवेदन किया था. उन महिलाओं को 2020 के आवेदन के आधार पर हज 2021 के लिए अनुमति दी जाएगी.
अधिकारियों के अनुसार हज के लिए 2,13,000 आवेदकों ने पंजीकरण कराया था और लगभग 16,000 लोगों ने पंजीकरण रद्द करने का विकल्प चुना था. लेकिन अब सभी आवेदकों को बिना किसी कटौती के पूरा धन वापस मिल जाएगा.
स्मरण रहे कि सऊदी अरब के हज मंत्रालय और उमराह ने गत सोमवार को एक बयान जारी कर कहा था कि कोरोना वायरस के चलते जो सऊदी में पहले से रह रहे हैं, केवल उन्हें ही हज यात्रा का मौका दिया जाएगा.
भारत से सऊदी अरब के लिए हज की उड़ानें 25 जून से शुरू होने वाली थीं, लेकिन मार्च में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को रोक दिया और हज की योजनाओं को अगली सूचना तक रोक देने के लिए कहा गया था.