नई दिल्ली : किसान आंदोलन को आज 43 दिन हो चुके हैं. किसानों और सरकार के बीच सहमति बनती नहीं दिख रही है. बता दें, इसी सिलसिले में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने पीएम मोदी से मुलाकास भी की थी. वहीं, गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर भी बैठक हुई. बता दें, इस बैठक में पूर्व मंत्री विजय सांपला भी शामिल हुए थे. चर्चा है कि पंजाब के बीजेपी नेता कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी मुलाकात कर सकते है.
अकाली दल भी कर रहा बैठकें
भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन टूटने के बाद शिरोमणि अकाली दल अब अपना आधार मजबूत करने में जुट गई है. इसी कड़ी में पिछले कई हफ्तों से पार्टी के सीनियर नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा गैर भाजपा पार्टियों के नेताओं से बैठक कर रहे हैं. जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक अकाली दल के नेताओं की पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे सहित कई नेताओं से मुलाकात होनी है. जनवरी के तीसरे हफ्ते में अकाली दल दिल्ली में बैठक करेगी और आगे की रणनीति तय करेगी. इस बैठक में पार्टी के सीनियर नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी शामिल होंगे.
बीजेपी पर लगाए कई आरोप
प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि केंद्र सरकार संविधान के खिलाफ जाकर राज्यों की ताकतों को कम करने की कोशिश कर रही है. उन विषयों पर कानून बना रही है जो उनके पास नहीं है. चंदूमाजरा ने आरोप लगाया कि देश के फेडरल ढांचे को भी कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. राज्यों के राज्यपाल सरकारों के खिलाफ हैं.
पढ़ें: गृह मंत्री शाह के साथ पंजाब के भाजपा नेताओं की बैठक
किसानों के आंदोलन को तेज करना है
चंदूमाजरा ने कहा कि जहां पंजाब के राज्यपाल ने पंजाब के अफसरों को तलब किया है, वहीं केरल के राज्यपाल ने सेशन ना बुलाने की बात कही है. फेडरल ढांचे पर हमले अकाली दल बर्दाश्त नहीं करेगा और इसके खिलाफ लड़ेगा. कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली निकाले जाने पर चंदूमाजरा ने कहा कि सरकार से वार्तालाप का कोई हल नहीं निकल रहा और किसानों द्वारा अपने संघर्ष को तेज करना जायज है.