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भूपेश बघेल कौन होते हैं मुझे आदिवासी न मानने वाले, फिर खर्चा कराएंगे : अजीत जोगी

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Published : Aug 27, 2019, 10:23 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 12:53 PM IST

पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के सुप्रीमो अजीत जोगी ने जाति मामले में ETV भारत से खास बात की. जोगी ने कहा कि भूपेश बघेल अपने ही नेताओं की बात नहीं मानते हैं. जानें उन्होंने और क्या बातें कही

अजीत जोगी पूर्व मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़

रायपुर: छानबीन समिति द्वारा जाति निरस्त किए जाने और आदिवासी न माने जाने पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) सुप्रीमो अजीत जोगी ने कहा कि ये कोई नई बात नहीं है. जोगी ने कहा कि, 'भूरिया कमेटी ने भी उन्हें आदिवासी नहीं माना. रमन सिंह की दो बार समिति बनी, उसने भी आदिवासी नहीं माना. अब भूपेश बघेल की कमेटी ने भी आदिवासी नहीं माना.'

अजीत जोगी ने कहा कि, '7 बार फैसले हो चुके हैं. 1987 में इंदौर हाईकोर्ट के फैसला, 2 बार जबलपुर हाईकोर्ट, 2 बार छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का फैसला. अभी अमित जोगी की चुनाव याचिका में बिलासपुर कोर्ट ने अमित जोगी को आदिवासी माना है. जब अमित यानी मेरा बेटा आदिवासी है, तो भूपेश बघेल कौन होते हैं मुझे आदिवासी न मानने वाले.'

अजीत जोगी से ईटीवी भारत की खास बात चीत

अजीत जोगी की बड़ी बातें-

  • भूपेश बघेल राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी की नहीं सुनते. तीनों ने अध्यक्ष रहते हुए मुझे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया.
  • क्या भूपेश बघेल राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी को अक्षम मानते हैं. इन्होंने मुझे आदिवासी नेता घोषित किया और भूपेश बघेल इनसे असहमत हैं.

पढ़ें-स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप, UP से लापता हुई 'पीड़िता'

  • 43 साल तक जीतते रहे हैं और इस बार फिर जीत जाएंगे. 1987 से अब तक करोड़ों का खर्च ये लोग करा चुके हैं. फिर लाखों खर्च कराएंगे.
  • ये राजनीति से प्रेरित बात है. मैं अधिकारी रहा, इंजीनियरिंग कॉलेज में लेक्चरर रहा. 1986 में जब राजनीति में आया तब से ये सिलसिला शुरू हुआ.

रायपुर: छानबीन समिति द्वारा जाति निरस्त किए जाने और आदिवासी न माने जाने पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) सुप्रीमो अजीत जोगी ने कहा कि ये कोई नई बात नहीं है. जोगी ने कहा कि, 'भूरिया कमेटी ने भी उन्हें आदिवासी नहीं माना. रमन सिंह की दो बार समिति बनी, उसने भी आदिवासी नहीं माना. अब भूपेश बघेल की कमेटी ने भी आदिवासी नहीं माना.'

अजीत जोगी ने कहा कि, '7 बार फैसले हो चुके हैं. 1987 में इंदौर हाईकोर्ट के फैसला, 2 बार जबलपुर हाईकोर्ट, 2 बार छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का फैसला. अभी अमित जोगी की चुनाव याचिका में बिलासपुर कोर्ट ने अमित जोगी को आदिवासी माना है. जब अमित यानी मेरा बेटा आदिवासी है, तो भूपेश बघेल कौन होते हैं मुझे आदिवासी न मानने वाले.'

अजीत जोगी से ईटीवी भारत की खास बात चीत

अजीत जोगी की बड़ी बातें-

  • भूपेश बघेल राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी की नहीं सुनते. तीनों ने अध्यक्ष रहते हुए मुझे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया.
  • क्या भूपेश बघेल राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी को अक्षम मानते हैं. इन्होंने मुझे आदिवासी नेता घोषित किया और भूपेश बघेल इनसे असहमत हैं.

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  • 43 साल तक जीतते रहे हैं और इस बार फिर जीत जाएंगे. 1987 से अब तक करोड़ों का खर्च ये लोग करा चुके हैं. फिर लाखों खर्च कराएंगे.
  • ये राजनीति से प्रेरित बात है. मैं अधिकारी रहा, इंजीनियरिंग कॉलेज में लेक्चरर रहा. 1986 में जब राजनीति में आया तब से ये सिलसिला शुरू हुआ.
Intro:भूरिया का मेरी ने भी मुझे आदिवासी नहीं माना था रमन सिंह की दो बार कमेटी बनाई उसने भी आदिवासी नहीं माना था अब भूपेश बघेल की कमेटी ने आदिवासी नहीं माना है।।

सात बार फैसले हो चुके हैं 1987 में इंदौर हाईकोर्ट का तब से लेकर आज तक दो बार जबलपुर हाईकोर्ट ,2 बार बिलासपुर हाईकोर्ट और 1 बार सुप्रीम कोर्ट ।।

अमित जोगी आदिवासी नही है कहकर चुनौती दी गई थी
जिसमे 3 महीन पहले छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने स्पष्ट रुप से फैसल दिया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसला दिया है कि अमित जोगी कवर आदिवासी मुढ़ी गोत्र के है। जब मेरा बेटा आदिवासी है तो भूपेश बघेल कौन होता हैं जो मुझे आदिवासी ना माने।।



Body:वह राजीव गांधी की नहीं सुनते सोनिया गांधी की नहीं सुनते राहुल गांधी की नहीं सुनते तीनों ने अध्यक्ष रहते हुए मुझे अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया।।
क्या भूपेश बघेल जी मानते हैं कि राजीव गांधी , सोनिया गांधी, राहुल गांधी अक्षम लोग थे, जानकार लोग नहीं थे,बिना सोचे समझे फैसला लेते थे।। बगैर उनसे असहमत है भूपेश बघेल हाईकोर्ट , सुप्रीम कोर्ट से असहमत है। अगर भूपेश बघेल सहमत है तो फिर से हम हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, जैसे हम 43 साल तक जीतते रहे हैं।


Conclusion:जोगी ने बताया कि जब मैं शासकीय सेवा में था तब कभी किसी ने यह सवाल नहीं उठाया कि मैं आदिवासी नहीं हूं।
जब मैं 1986 में राज्यसभा गया तत्काल मेरे खिलाफ हमारे कांग्रेस के बड़े नेता ने याचिका लगाई थी मनोहर दयाल के माध्यम से वह 1987 मव ही रिजेक्ट हो गई। उसके बाद से यह लोग लगातार कोशिश करते रहे है ,1987 केस लड़ने के पीछे अब तो करोड रुपए से भी ज्यादा खर्च कर दिए हैं।।


उपचुनाव को लेकर अजीत जोगी ने बताया कि उनकी पार्टी इस बार बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ेगी,चुनाव पूरी ताकत से लड़ेंगे ,धरमजीत सिंह 29 तारीख को जगदलपुर, दंतेवाड़ा जा रहे है हमारा अभियान चालू हो जाएगा।मैने उम्मीदवार तय कर लिया है कांग्रेस भाजपा के कैंडिडेट की घोषणा का इंतजार कर रहा हूं उसके बाद घोषणा कर दी जाएगी।।


झीरम घाटी कांड पर अजीत जोगी ने कहा कि यह दुखद बात है इन्होंने जितनी एसआईटी बनाई है उनमें से मैं केवल झीरम घाटी की एससाईटी को जरूर समझता हूँ।,क्योंकि मेरा याब मानना है कि जब तक परिजनों को संतोष ना हो,इसमें। एनआईए की जांच हो गई आयोग की जांच हो गई लेकिन फिर भी परिजन संतुष्ट नहीं है परिजन चाहते हैं कि एसआईटी से जांच हो सरकार को बने 7 8 महीने हो गए हैं एसआईटी को गठित कर दिया गया पर उसकी कोई जांच नहीं हो रही है।। मैं चाहता हूं कि बजाज जल्दी से जल्दी पूरी होनी चाहिए और परिजनों को संतोष हो जाना चाहिए कि यह जांच सही हुई है।।



ajit jogi one to one

live u se bheja gaya hai..


Last Updated : Sep 28, 2019, 12:53 PM IST
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