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एंग्लो-इंडियन पार्लियामेंट सीट हटाने के खिलाफ केरल में आंदोलन शुरू

एंग्लो-इंडियन प्रतिनिधियों को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में नामित करने के संवैधानिक प्रावधानों को हटाने के फैसले के खिलाफ केरल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है.

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चार्ल्स डायस , (राष्ट्रीय अध्यक्ष) एंग्लो-इंडियन एसोसिएशन
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Published : Dec 9, 2019, 10:34 PM IST

एर्नाकुलम : केंद्र सरकार के एंग्लो-इंडियन प्रतिनिधियों को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में नामित करने के संवैधानिक प्रावधानों को हटाने के फैसले के खिलाफ केरल में आंदोलन खड़ा हो गया है.

सरकार ने मेरिट सीटों को यह कहते हुए हटा दिया है कि समुदाय ने अपने जीवन मानकों में सुधार किया है, जिससे उसे किसी विशेष स्थिति की आवश्यकता नहीं है.

नए प्रस्ताव पर आक्रामक, एंग्लो-इंडियन एसोसिएशन के पूर्व सांसद और राष्ट्रीय अध्यक्ष चार्ल्स डायस ने कहा कि समुदाय की वर्तमान स्थिति पर कोई विशेषज्ञ अध्ययन नहीं किया गया है.

चार्ल्स ने कहा, 'मंत्रालय की अल्पसंख्यक सर्वेक्षण 2013 की रिपोर्ट के अनुसार, हम रोजगार, शिक्षा और अर्थव्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों से बहुत पीछे हैं. संघ राज्य शासन पिछले 70 वर्षों में हमारे संविधान द्वारा प्रदान किये गए हमारे अधिकारों को वापस ले रहा है.'

पढ़ें- असम में CAB का पुरजोर विरोध - छात्र ने खुद को आग लगाई, जानें क्या है पूरा विवाद

उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने रणनीतिक रूप से शासन में हमारे प्रतिनिधित्व को संसद से समाप्त कर दिया, और बिना लोकसभा में लाये मात्र नामांकन के माध्यम से ये फैसला लिया था. इसे सुधारना होगा नहीं तो एंग्लो-इंडियन समुदाय शासन में अपनी भागीदारी के विरोध प्रदर्शन करेंगे.

एर्नाकुलम : केंद्र सरकार के एंग्लो-इंडियन प्रतिनिधियों को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में नामित करने के संवैधानिक प्रावधानों को हटाने के फैसले के खिलाफ केरल में आंदोलन खड़ा हो गया है.

सरकार ने मेरिट सीटों को यह कहते हुए हटा दिया है कि समुदाय ने अपने जीवन मानकों में सुधार किया है, जिससे उसे किसी विशेष स्थिति की आवश्यकता नहीं है.

नए प्रस्ताव पर आक्रामक, एंग्लो-इंडियन एसोसिएशन के पूर्व सांसद और राष्ट्रीय अध्यक्ष चार्ल्स डायस ने कहा कि समुदाय की वर्तमान स्थिति पर कोई विशेषज्ञ अध्ययन नहीं किया गया है.

चार्ल्स ने कहा, 'मंत्रालय की अल्पसंख्यक सर्वेक्षण 2013 की रिपोर्ट के अनुसार, हम रोजगार, शिक्षा और अर्थव्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों से बहुत पीछे हैं. संघ राज्य शासन पिछले 70 वर्षों में हमारे संविधान द्वारा प्रदान किये गए हमारे अधिकारों को वापस ले रहा है.'

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उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने रणनीतिक रूप से शासन में हमारे प्रतिनिधित्व को संसद से समाप्त कर दिया, और बिना लोकसभा में लाये मात्र नामांकन के माध्यम से ये फैसला लिया था. इसे सुधारना होगा नहीं तो एंग्लो-इंडियन समुदाय शासन में अपनी भागीदारी के विरोध प्रदर्शन करेंगे.

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Agitation arose In Kerala Against Union Minsitry's Decision To remove Anglo-Indian's Parliament Seats



Ernakulam: As the Union government decided to take out the constitutional provisions of nominating Anglo-Indian representatives' to the Loksabha and the State Assemblies, heavy agitation has arosed from their sides. The merit seats was removed saying that the community has been improved in its life standards, thereby it hardly need any special status. 



Aggressive on the new resolution Charles Dias, the former MP and national president of Anglo-Indian Association said that no expert study has been carried out on the present status of the community. "According to Ministry of Minorities's survey report in 2013, we are far behind from all sectors including employment, education and economy. And the Union goverment withdraw the rights of our community that was granted by our constitution over the last 70 years," said Charles Dias. 



"Authorities strategically ceased our representation in governance and the parliament seats done through nomination without even brought it before Lok Sabha. It has to be rectified," he added. Otherwise, the Anglo-Indian community would go ahead with a protest to assure their participation in governance. 


Conclusion:
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