एर्नाकुलम : केंद्र सरकार के एंग्लो-इंडियन प्रतिनिधियों को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में नामित करने के संवैधानिक प्रावधानों को हटाने के फैसले के खिलाफ केरल में आंदोलन खड़ा हो गया है.
सरकार ने मेरिट सीटों को यह कहते हुए हटा दिया है कि समुदाय ने अपने जीवन मानकों में सुधार किया है, जिससे उसे किसी विशेष स्थिति की आवश्यकता नहीं है.
नए प्रस्ताव पर आक्रामक, एंग्लो-इंडियन एसोसिएशन के पूर्व सांसद और राष्ट्रीय अध्यक्ष चार्ल्स डायस ने कहा कि समुदाय की वर्तमान स्थिति पर कोई विशेषज्ञ अध्ययन नहीं किया गया है.
चार्ल्स ने कहा, 'मंत्रालय की अल्पसंख्यक सर्वेक्षण 2013 की रिपोर्ट के अनुसार, हम रोजगार, शिक्षा और अर्थव्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों से बहुत पीछे हैं. संघ राज्य शासन पिछले 70 वर्षों में हमारे संविधान द्वारा प्रदान किये गए हमारे अधिकारों को वापस ले रहा है.'
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उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने रणनीतिक रूप से शासन में हमारे प्रतिनिधित्व को संसद से समाप्त कर दिया, और बिना लोकसभा में लाये मात्र नामांकन के माध्यम से ये फैसला लिया था. इसे सुधारना होगा नहीं तो एंग्लो-इंडियन समुदाय शासन में अपनी भागीदारी के विरोध प्रदर्शन करेंगे.