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वेणुगोपाल की भूषण के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही पर सहमति से इनकार

अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. बता दें कि, भूषण ने मुख्‍य न्यायाधीश एसए बोबडे की आलोचना की थी.

criminal contempt
अवमानना ​​कार्यवाही
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Published : Nov 29, 2020, 4:14 PM IST

नई दिल्ली : अटॉर्नी जनरल (एजी) केके वेणुगोपाल ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण द्वारा हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की मध्य प्रदेश यात्रा के खिलाफ ट्वीट के लिए आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने की सहमति को अस्वीकार कर दिया, जिसमें कहा गया कि वकील ने खेद व्यक्त किया था.

प्रशांत भूषण ने अक्टूबर में मुख्य न्यायधीश एस ए बोबडे की एमपी यात्रा पर ट्वीट किया था और कहा कि मध्य प्रदेश सरकार उन्हें हेलीकॉप्टर से कान्हा टाइगर रिजर्व की यात्रा करवा रही है, जबकि विधायकों को अयोग्य ठहराने का मामला उनकी कोर्ट में लंबित है. इस ट्वीट पर वकील सुनील कुमार सिंह ने प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने के लिए अटॉर्नी जनरल से अनुमति मांगी थी.

पढ़ें: ओडिशा विधानसभा में भाजपा विधायक की बदसलूकी, स्पीकर की माइक तोड़ी

अधिवक्ता सुनील सिंह ने 21 अक्टूबर के ट्वीट के लिए एजी से भूषण के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन एजी ने भूषण के बाद में ट्वीट कर खेद जताने को ध्यान में रखकर अनुमति देने से इनकार कर दिया.

गौरतलब है कि प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में अवमानना के लिए दंडित किया था और उन पर एक रुपये का जुर्माना लगाया था. यह मामला भी मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ ट्वीट से संबंधित था.

नई दिल्ली : अटॉर्नी जनरल (एजी) केके वेणुगोपाल ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण द्वारा हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की मध्य प्रदेश यात्रा के खिलाफ ट्वीट के लिए आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने की सहमति को अस्वीकार कर दिया, जिसमें कहा गया कि वकील ने खेद व्यक्त किया था.

प्रशांत भूषण ने अक्टूबर में मुख्य न्यायधीश एस ए बोबडे की एमपी यात्रा पर ट्वीट किया था और कहा कि मध्य प्रदेश सरकार उन्हें हेलीकॉप्टर से कान्हा टाइगर रिजर्व की यात्रा करवा रही है, जबकि विधायकों को अयोग्य ठहराने का मामला उनकी कोर्ट में लंबित है. इस ट्वीट पर वकील सुनील कुमार सिंह ने प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने के लिए अटॉर्नी जनरल से अनुमति मांगी थी.

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अधिवक्ता सुनील सिंह ने 21 अक्टूबर के ट्वीट के लिए एजी से भूषण के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन एजी ने भूषण के बाद में ट्वीट कर खेद जताने को ध्यान में रखकर अनुमति देने से इनकार कर दिया.

गौरतलब है कि प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में अवमानना के लिए दंडित किया था और उन पर एक रुपये का जुर्माना लगाया था. यह मामला भी मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ ट्वीट से संबंधित था.

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