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कोरोना वायरस : आईटीबीपी के शिविर से 112 लोगों को छुट्टी दी गई

दो सप्ताह से अधिक समय तक आईटीबीपी के शिविर में रहने के बाद 112 कोरोना वायरस संदिग्धों को वापस उनके घर भेज दिया गया है. इस शिविर में 76 भारतीयों के साथ साथ बांग्लादेश से 23 लोग, चीन के छह, म्यांमार और मालदीव के दो-दो और मेडागास्कर, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका के एक-एक को नागरिक शामिल हैं.

पृथक शिविर से निकले लोग
पृथक शिविर से निकले लोग
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Published : Mar 13, 2020, 9:37 PM IST

नई दिल्ली : दो सप्ताह से अधिक समय तक भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के अलग शिविर में रहने के बाद विदेशी नागरिकों सहित 112 भारतीयों को छुट्टी दे दी गई है. बता दें, चीन से लाए गए भारतीयों को आईटीबीपी ने दिल्ली स्थित छावला क्वारंटाइन सुविधा शिविर में भेज दिया था. इनमें 76 भारतीय और 36 विदेशी नागरिक शामिल हैं.

इस शिविर में 76 भारतीयों के साथ साथ बांग्लादेश से 23 लोग, चीन के छह, म्यांमार और मालदीव के दो-दो और मेडागास्कर, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका के एक-एक नागरिक शामिल हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए, आईटीबीपी के महानिदेशक एस एस देसवाल ने कहा कि सेना बाहर से आने वाले अधिक लोगों को अपनी सेवा देने के लिए तैयार है. देसवाल ने कहा, 'हमने शिविर में आए लोगों को सबसे अच्छी सुविधा देने की कोशिश की है.'

आईटीबीपी शिविर से निकले लोग

छावला कैंप से बाहर निकल रहे लोगों में से एक चीन में मेडिकल की छात्र मेघा ने कहा कि जब से चीन में कोरोना वायरस फैला, उन्होंने डर-डर कर दिन गुजारे. मेघा ने कहा कि वह इचांग में एक मेडिकल कॉलेज में पढ़ती है, जो वुहान से 270 किलोमीटर दूर जगह है. 24 जनवरी को इस बीमारी के बारे में बताया गया था और तब से सभी बंद थे. 27 फरवरी को जब भारत आए तब से राहत महसूस कर रहे हैं.

कोरोना का कहर : देश के कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज और थिएटर बंद

वहीं, मेडागास्कर के एक नागरिक फ्रिस्का ने भी इसी तरह के अनुभव को साझा किया. उन्होंने कहा, 'हमें कोरोन वायरस के बारे में बताया जाने के बाद, हमें साबुन तक इस्तेमाल नहीं करने दिया गया. हम अपने छात्रावास में बंद थे. फ्रिस्का ने कहा कि आईटीबीपी के अधिकारियों द्वारा हमारी अच्छी तरह से देखभाल की गई. हमें परिवार के सदस्यों की तरह माना.'

नई दिल्ली : दो सप्ताह से अधिक समय तक भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के अलग शिविर में रहने के बाद विदेशी नागरिकों सहित 112 भारतीयों को छुट्टी दे दी गई है. बता दें, चीन से लाए गए भारतीयों को आईटीबीपी ने दिल्ली स्थित छावला क्वारंटाइन सुविधा शिविर में भेज दिया था. इनमें 76 भारतीय और 36 विदेशी नागरिक शामिल हैं.

इस शिविर में 76 भारतीयों के साथ साथ बांग्लादेश से 23 लोग, चीन के छह, म्यांमार और मालदीव के दो-दो और मेडागास्कर, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका के एक-एक नागरिक शामिल हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए, आईटीबीपी के महानिदेशक एस एस देसवाल ने कहा कि सेना बाहर से आने वाले अधिक लोगों को अपनी सेवा देने के लिए तैयार है. देसवाल ने कहा, 'हमने शिविर में आए लोगों को सबसे अच्छी सुविधा देने की कोशिश की है.'

आईटीबीपी शिविर से निकले लोग

छावला कैंप से बाहर निकल रहे लोगों में से एक चीन में मेडिकल की छात्र मेघा ने कहा कि जब से चीन में कोरोना वायरस फैला, उन्होंने डर-डर कर दिन गुजारे. मेघा ने कहा कि वह इचांग में एक मेडिकल कॉलेज में पढ़ती है, जो वुहान से 270 किलोमीटर दूर जगह है. 24 जनवरी को इस बीमारी के बारे में बताया गया था और तब से सभी बंद थे. 27 फरवरी को जब भारत आए तब से राहत महसूस कर रहे हैं.

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वहीं, मेडागास्कर के एक नागरिक फ्रिस्का ने भी इसी तरह के अनुभव को साझा किया. उन्होंने कहा, 'हमें कोरोन वायरस के बारे में बताया जाने के बाद, हमें साबुन तक इस्तेमाल नहीं करने दिया गया. हम अपने छात्रावास में बंद थे. फ्रिस्का ने कहा कि आईटीबीपी के अधिकारियों द्वारा हमारी अच्छी तरह से देखभाल की गई. हमें परिवार के सदस्यों की तरह माना.'

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