बेंगलुरु : एयरो इंडिया, उड्डयन उद्योग के मद्देनजर काफी अहम आयोजन है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज इसका उद्घाटन किया. यह आयोजन एयरोस्पेस और रक्षा उद्योगों की एक प्रमुख व्यापार प्रदर्शनी का संयोजन है. घरेलू विमानन उद्योग को प्रोत्साहन देने के अलावा एयरो इंडिया मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगा.
एयरो इंडिया में भारत के लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस ने भी अपने करतब दिखाए.
सारंग और सूर्यकिरण विमानों ने दिखाया अपना जलवा
एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम एयरक्राफ्ट का प्रदर्शन
एयरो इंडिया में फ्लाइपास्ट के दौरान एयरक्राफ्ट का प्रदर्शन
एयरो इंडिया में शिरकत कर रहे विमानों का प्रदर्शन
इससे पहले उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि एयरो इंडिया 2021 में सेमिनार, बिजनेस टू बिजनेस इंटरैक्शन आदि को एकीकृत हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा, कि एयरो इंडिया 2021 वास्तव में डिजिटल और ग्लोबल हो गया है.
अब तक का सबसे बड़ा स्वदेशी रक्षा खरीद सौदा
'एयरो इंडिया' एयरोस्पेस प्रदर्शनी के दौरान ही आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना के शीर्ष अफसर और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में अनुबंध पर हस्ताक्षर होंगे. यह तेजस लड़ाकू विमान की खरीद के संबंध में 48,000 करोड़ रुपये का सौदा है. सरकार भारतीय वायुसेना के लिए सरकारी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड से 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान खरीदने की पहल कर रही है. यह अब तक का सबसे बड़ा स्वदेशी रक्षा खरीद सौदा होगा.
कोरोना प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य
कोरोना महामारी के मद्देनजर एयरो इंडिया में प्रवेश को लेकर भी सख्त दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. इसके तहत आरटी-पीसीआर जांच में निगेटिव रिपोर्ट आवश्यक है. जांच रिपोर्ट 31 जनवरी या बाद की होनी चाहिए. कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर विमानों की प्रदर्शनी के स्थल पर एक दिन में सिर्फ तीन हजार आगंतुकों की ही इजाजत होगी.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
तीन दिनों की इस तैयारी में 18 डीसीपी, सभी जोन के एसीपी, कई उच्च अधिकारियों सहित कुल 5000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने ईटीवी भारत से कहा कि येलहंका वायु सेना स्टेशन के प्रवेश द्वार के सामने 1500 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
आसपास के क्षेत्र में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध
सुरक्षा के कड़े इंतजामों के तहत येलहंका क्षेत्र में ड्रोन कैमरे, पैराशूट, माइक्रोलाइट्स, छोटे विमान, गुब्बारे, हवाई वाहन, रोबोट ऑटोमोबाइल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पतंग और कबूतर नहीं उड़ाने के निर्देश दिए गए हैं. बीबीएमपी ने 15 दिनों के लिए आसपास के क्षेत्र में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है.
'मेक इन इंडिया' नीति और 'आत्मनिर्भर भारत मिशन'
भारत की ओर से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अपनी आधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी तथा प्रणालियों को प्रदर्शित करेगी. राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स लिमिटेड, भारत, के कॉर्पोरेट क्षेत्रीय निदेशक एली हेफेट्स ने कहा, 'हम स्वेदशी उत्पादन, जानकारी के हस्तांतरण और वैश्विक औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' नीति और 'आत्मनिर्भर भारत मिशन' का समर्थन करेंगे.
भारत में एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र परिवर्तन के दौर में
दसॉल्ट सिस्टम्स, इंडिया में एरोस्पेस ऐंड डिफेंस के इंडस्ट्री लीड एवं निदेशक रविकिरण पोथुकुची ने कहा कि भारत में एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है क्योंकि यहां की सरकार बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण और स्वेदशीकरण कार्यक्रमों का संचालन कर रही है.
अमेरिकी शिष्टमंडल भी होगा शामिल
इसके अलावा अमेरिकी दूतावास द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अमेरिका से डॉन हेफ्लिन के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल एयरो इंडिया में भाग लेगा. इस दल में केली एल. सेबोल्ट (एयर फोर्स डिप्टी अंडरसेक्रेटरी, इंटरनेशनल अफेयर्स), लेफ्टिनेंट जनरल डेविड ए. क्रुम (11वीं वायु सेना कमांडर), मेजर जनरल मार्क ई. वेदरिंगटन (8वें वायु सेना कमांडर), ब्रिगेडियर जनरल ब्रायन ब्रुकबॉयर (वायु सेना सुरक्षा सहायता और सहयोग निदेशालय निदेशक), जुडिथ रविन, चेन्नई में अमेरिकी महावाणिज्यदूत समेत कई अधिकारी शामिल हैं.
लॉकहीड मार्टिन जैसी कंपनियों की भागीदारी
अग्रणी अमेरिकी रक्षा कंपनियां भी एरो इंडिया 2021 में भाग ले रही हैं, जिसमें एयरोस्पेस क्वालिटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एलएलसी, एयरबोर्न इंक, बोइंग, आईईएच कॉपोर्रेशन, जीई एविएशन, जनरल एटॉमिक्स, हाई-टेक इंपोर्ट एक्सपोर्ट कॉपोर्रेशन, एल3हैरिस, लावर्सब इंडिया, लॉकहीड मार्टिन जैसी कंपनियां हैं.
83 तेजस विमान खरीदने को मंजूरी
बता दें कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति (सीसीएस) ने घरेलू रक्षा खरीद के तहत करीब 48,000 करोड़ रुपये की लागत से 83 तेजस विमान खरीदने को 13 जनवरी को मंजूरी प्रदान की थी. इसके तहत 73 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके-1ए विमान और 10 तेजस एमके-1 प्रशिक्षण विमान शामिल हैं.
तेजस एमके-1ए स्वदेश में डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं. यह विमान इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए सक्रिय एरे (एईएसए) रडार, दृश्यता के दायरे से बाहर (बीवीआर), मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक (ईडब्ल्यू) और हवा में ईंधन भरने की क्षमता (एएआर) से लैस है .
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को बेंगलुरु में एक नए विनिर्माण संयत्र का उद्धाटन किया जिससे तेजस का उत्पादन दोगुना होगा. इस मौके पर सिंह ने कहा कि तेजस लड़ाकू विमान की खरीद से भारतीय वायु सेना की क्षमता में काफी इजाफा होगा.
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हर वर्ष करीब 16 विमानों की आपूर्ति
एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर. माधवन ने पिछले महीने एक साक्षात्कार में कहा था कि वायुसेना को तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) की आपूर्ति मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी और कुल 83 विमानों की आपूर्ति होने तक हर वर्ष करीब 16 विमानों की आपूर्ति की जाएगी. माधवन के मुताबिक विमान की मूल लागत 25 हजार करोड़ रुपये है जबकि 11 हजार करोड़ रुपये का इस्तेमाल हवाई अड्डों पर सहायक उपकरण एवं अन्य ढांचे के विकास में इस्तेमाल किया जाएगा. वहीं करीब सात हजार करोड़ रुपये सीमा शुल्क और जीएसटी पर खर्च होगा.
हर लड़ाकू संस्करण की कीमत 309 करोड़ रुपये
एचएएल के अध्यक्ष ने कहा कि विमान के हर लड़ाकू संस्करण की कीमत 309 करोड़ रुपये होगी और प्रशिक्षण विमान की कीमत 280 करोड़ रुपये है. 48 हजार करोड़ की कुल लागत में 2500 करोड़ रुपये डिजाइन और विकास लागत है जो एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी को दिया जाएगा और करीब 2250 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा विनिमय दर के लिए रखा गया है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)