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भारत को बढ़ानी होगी शक्ति नहीं तो दुश्मन उठा सकते हैं फायदा : जनरल रावत

सैन्य मुद्दों के लिए बनाए गए पोर्टल, Bharatshakti.in के पांचवें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा भारतीय सशस्त्र बल बहुत ही जटिल और अनिश्चित वातावरण में काम कर रहे हैं और उन्हें इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाना जारी रखना होगा.

जनरल बिपिन रावत
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Published : Nov 10, 2020, 4:01 PM IST

नई दिल्ली : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत को अपनी शक्ति लगातार बढ़ानी होगी, नहीं तो दुश्मन देश सेना के मजबूत न होने का फायदा उठा सकते हैं.

उन्होंने ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल बहुत ही जटिल और अनिश्चित वातावरण में काम कर रहे हैं और उन्हें इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाना जारी रखना होगा.

रावत ने आगे कहा कि भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को पड़ोसी देशों और उन लोगों के साथ साझा करना चाहता है, जिन्हें इसके समर्थन की आवश्यकता है.

रक्षा और सैन्य मुद्दों के लिए बनाए गए पोर्टल, Bharatshakti.in के पांचवें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए कहा, हम आज एक बहुत ही जटिल, अनिश्चित और एक अस्थिर वातावरण में काम कर रहे हैं. दुनिया के हर क्षेत्र में लगभग छोटी और बड़ी लड़ाई चल रही है. अगर हमें खुद का बचाव करना है, अपने राष्ट्र की रक्षा करनी है, अपने राष्ट्र की अखंडता और अपने लोगों की सुरक्षा की रक्षा करनी है. इसलिए, हम सभी को मजबूत सशस्त्र बलों की आवश्यकता है.

पढ़ें - 20 दिनों में पांच बार होगा पीएम मोदी और जिनपिंग का आमना-सामना

जनरल रावत ने यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच छह महीने से अधिक की समय से सीमा पर चल रहे गतिरोध के कारण सामने आई है. इस गतिरोध के कारण भारत-चीन के संबंधों में खटास आई है.

हालांकि, दोनों देशों ने गतिरोध को करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य वार्ता की एक श्रृंखला आयोजित की, लेकिन गतिरोध को खत्म करने में कोई ठोस सफलता नहीं मिली है.

नई दिल्ली : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत को अपनी शक्ति लगातार बढ़ानी होगी, नहीं तो दुश्मन देश सेना के मजबूत न होने का फायदा उठा सकते हैं.

उन्होंने ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल बहुत ही जटिल और अनिश्चित वातावरण में काम कर रहे हैं और उन्हें इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाना जारी रखना होगा.

रावत ने आगे कहा कि भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को पड़ोसी देशों और उन लोगों के साथ साझा करना चाहता है, जिन्हें इसके समर्थन की आवश्यकता है.

रक्षा और सैन्य मुद्दों के लिए बनाए गए पोर्टल, Bharatshakti.in के पांचवें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए कहा, हम आज एक बहुत ही जटिल, अनिश्चित और एक अस्थिर वातावरण में काम कर रहे हैं. दुनिया के हर क्षेत्र में लगभग छोटी और बड़ी लड़ाई चल रही है. अगर हमें खुद का बचाव करना है, अपने राष्ट्र की रक्षा करनी है, अपने राष्ट्र की अखंडता और अपने लोगों की सुरक्षा की रक्षा करनी है. इसलिए, हम सभी को मजबूत सशस्त्र बलों की आवश्यकता है.

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जनरल रावत ने यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच छह महीने से अधिक की समय से सीमा पर चल रहे गतिरोध के कारण सामने आई है. इस गतिरोध के कारण भारत-चीन के संबंधों में खटास आई है.

हालांकि, दोनों देशों ने गतिरोध को करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य वार्ता की एक श्रृंखला आयोजित की, लेकिन गतिरोध को खत्म करने में कोई ठोस सफलता नहीं मिली है.

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