नई दिल्ली : लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने हिंदू आतंक पर फिर से एक ऐसा बयान दिया है, जिससे विवाद बढ़ सकता है. चौधरी ने हिंदू आतंक जैसे शब्द को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि हमें मक्का मस्जिद और प्रज्ञा ठाकुर के परिपेक्ष्य में इसे देखना चाहिए.
चौधरी ने कहा कि 'हिंदू आतंक' शब्द गढ़े जाने की एक अलग पृष्ठभूमि थी. उस समय मक्का मस्जिद में विस्फोट हुआ था और प्रज्ञा ठाकुर और अन्य को तब गिरफ्तार किया गया था.
चौधरी ने कहा कि आतंकवादी हमेशा छलावा करते हैं. वे अपनी वास्तविक पहचान के साथ हमलों को अंजाम नहीं देते हैं. यह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार थी, जिसने हमले के बारे में सब कुछ बताया. बाद में संप्रग शासन के दौरान अजमल कसाब को फांसी भी दी गई.
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अधीर रंजन चौधरी पीयूष गोयल की उस टिप्पणी का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि 26/11 आतंकी हमले के दौरान कांग्रेस ने हिंदू आतंक जैसे मनगढ़ंत शब्दों को उछाला था.
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिंहा राव ने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से एक्सपोज हो चुकी है. उन्होंने पूछा कि क्या 26/11 जैसी घटना के पीछे कोई भारतीय था. क्या कोई आईएसआई को मदद कर रहा था. क्या आतंकियों को हिंदू पहचान पत्र दिलाने की कोशिश की जा रही थी. क्या दिग्विजय सिंह हैंडलर का काम कर रहे थे. कांग्रेस को इसका जवाब देना चाहिए.