नई दिल्ली: लोकसभा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी से बवाल मच गया. इस दौरान सदन में बीजेपी सांसदों ने काफी हंगामा किया. हंगामा बढ़ते देख राजेन्द्र अग्रवाल ने शांत रहने की अपील की और चौधरी की टिप्पणी को सदन से निकाल दिया. हालांकि बाद में चौधरी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री आहत हुए हैं तो वे माफी मांगते हैं.
चौधरी ने बाहर मीडिया से कहा, 'यह गलतफहमी है, मैंने नाली नहीं कहा, अगर प्रधानमंत्री नाराज हैं तो मुझे खेद है. मेरा इरादा उन्हें आहत करने का नहीं था. अगर पीएम आहत हैं तो मैं उनसे व्यक्तिगत रूप से माफी मांगूंगा. मेरा हिंदी अच्छी नहीं है, नाली से मेरा मतलब चैनल से है.'
दरअसल, केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा था कि अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी की तारीफ की थी तो कांग्रेस को पीएम मोदी से क्या परेशानी है. इसके जवाब में बोलने आए कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने मोदी को लेकर टिप्पणी कर दी. अधीर रंजन के बयान के बाद हंगामा शुरू हो गया.
हंगामे के बीच अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'हम पीएम का सम्मान करते हैं, लेकिन ऐसी तुलना करने और बोलने पर मजबूर न करें.' इस दौरान लोकसभा में आसन पर बैठे राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि यदि कोई आपत्तिजनक टिप्पणी होगी तो उसे निकाल दिया जाएगा.
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लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'बड़े सेल्समैन' हैं जो इस चुनाव में अपने उत्पाद को बेचने में सफल रहे, जबकि कांग्रेस अपना उत्पाद बेचने में विफल रही.
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि राजग सरकार को अपनी प्रशंसा सुनने का नशा है और वह अतीत की कांग्रेस सरकारों की उपलब्धियों को स्वीकार नहीं करना चाहती है.
उन्होंने प्रताप सारंगी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा में स्वामी विवेकानंद की उपमा दिए जाने पर आपत्ति जताया. इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच नोकझोंक की स्थिति उत्पन्न हो गई . इस पर पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि जो शब्द असंसदीय होगा वह रिकॉर्ड में नहीं जाएगा.
बहरहाल, चौधरी ने कहा कि अभिभाषण में इतिहास को तोड़मरोड़कर पेश किया गया है और तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है.
आजादी के बाद रक्षा, अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और विभिन्न क्षेत्रों में देश की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए चौधरी ने कहा कि अगर सरकार अभिभाषण में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का भी जिक्र करती तो यह साबित होता कि वह 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के कथन को मानती है.
सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों द्वारा '2जी मामले' का उल्लेख करने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि वह सरकार से पूछना चाहते हैं कि अगर भ्रष्टाचार हुआ था तो आपने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जेल में क्यो नहीं डाला? आप लोग सिर्फ बातें करते हैं.
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कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 'बड़े सेल्समैन' हैं और इस चुनाव में उन्होंने अपने उत्पाद को अच्छी तरह बेचा. कांग्रेस अपने उत्पाद को बेचने में विफल रही, यह बात हम स्वीकार करते हैं.
चौधरी ने कहा कि संप्रग सरकार के समय आर्थिक विकास की दर आठ फीसदी से अधिक थी, जबकि इस सरकार में विकास दर छह फीसदी से नीचे आ गई और बेरोजगारी भी 45 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.
उन्होंने कहा, 'राजग सरकार की नयी पहचान, ऊंची दुकान और फीका पकवान.' बालाकोट एयर स्ट्राइक का जिक्र करते हुए चौधरी ने कहा कि वायुसेना के कैप्टन अभिनंदन को पुरस्कृत करना चाहिए.
उन्होंने भाजपा के कुछ नेताओं के विवादित बयानों का हवाला दिया और कहा कि एक तरफ सरकार महात्मा गांधी का 150वां जन्मदिवस मनाने की बात कर रही है, दूसरी तरफ भाजपा के कुछ लोग बापू के हत्यारे गोडसे की तारीफ करते हैं. यह कैसा दोहरा मापदंड है?
वहीं, लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि क्या इस देश में 'भारत के टुकड़े-टुकड़े करने तक जंग रहेगी' और 'पाकिस्तान जिंदाबाद, अफजल गुरु जिंदाबाद' कहने वाले लोगों को रहने का अधिकार है?