नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 19वीं एससीओ परिषद प्रमुखों की बैठक को संबोधित किया. भारत जब से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का सदस्य बना है, ये पहला मौका है कि भारत की अध्यक्षता में बैठक हो रही है.
नायडू ने कहा कि हमारे कार्यकाल की अध्यक्षता के दौरान हमने स्टार्ट-अप और नवाचारों पर एक विशेष कार्य समूह बनाने का प्रस्ताव दिया है. भारत ने स्टार्ट-अप के लिए मजबूत गतिशील वातावरण बनाया है. भारत ने स्टार्ट-अप्स के लिए सालाना विशेष कार्य समूह की मेजबानी करने का प्रस्ताव दिया है.
नायडू ने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आतंकवाद से निपटना बड़ी चुनौती है, विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद से. भारत सभी तरह के आतंकवाद की निंदा करता है. उन्होंने कहा कि हम विशेष रूप से उन देशों के बारे में चिंतित हैं जो आतंकवाद की आड़ में लाभ उठाते हैं.
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कोविड महामारी का डटकर मुकाबला किया
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत ने कोरोना महामारी का डटकर मुकाबला किया. वायरस से लड़ने के साथ ही आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित की. भारत में कोरोना से मरने वालों की दर विश्व में सबसे कम रही. भारत के प्रयासों को वैश्विक मान्यता मिली है.
2025 तक सबसे युवा राष्ट्र होगा भारत
नायडू ने कहा कि भारत और एससीओ क्षेत्र के बीच संबंध निर्बाध रूप से विकसित हुए हैं. 2025 तक भारत की जीडीपी पांच ट्रिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है. यह 29 वर्ष की औसत आयु वाला सबसे युवा राष्ट्र होगा. नायडू ने कहा, '2021 में एससीओ 20वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है, भारत एससीओ फूड फेस्टिवल की मेजबानी करेगा, जिसके लिए मैंं सभी सदस्य देशों को आमंत्रित करता हूं.'
ये देश ले रहे हिस्सा
डिजिटल तरीके से हो रही बैठक में रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री भाग ले रहे हैं, जबकि पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व विदेश मामलों के संसदीय सचिव कर रहे हैं.
यह बैठक हर साल आयोजित की जाती है और इसमें संगठन के व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर जोर दिया जाता है. एससीओ सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों की परिषद के शिखर सम्मेलन को मुख्य वार्षिक कार्यक्रम माना जाता है. रूस ने 10 नवंबर को डिजिटल तरीके से इसकी मेजबानी की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसमें भाग लिया था.
भारत पिछले साल बना था अध्यक्ष
भारत पिछले साल दो नवंबर को एससीओ सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों की परिषद का अध्यक्ष बना था. उससे पहले उज्बेकिस्तान इसका प्रमुख था. हर साल क्रमिक रूप से अलग-अलग देश इसके प्रमुख होते हैं. यह बैठक हर साल आयोजित की जाती है और इसमें संगठन के व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर जोर दिया जाता है.