गुवाहाटी: असम में ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) कार्यकर्ताओं ने NRC (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) प्राधिकरण के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन किया. इस दौरान NRC को सही करने की मांग की गई. बता दें, एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने तिनसुकिया, सिलचर, कोकराझर, तेजपुर जैसी जगहों पर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया. वहीं असम में NRC को लेकर लोगों में चिंता का माहौल है. NRC के अंतिम प्रकाशन के लिए 10 दिन शेष है. लोग इस चिंता में है कि क्या उनका नाम NRC की अंतिम सूची में आ पाएगा या नहीं.
आपको बता दें कि एबीवीपी ने NRC ड्राफ्ट के पुन: सत्यापन की मांग की. एबीवीपी का कहना है कि वर्तमान सूची में बहुत से मूल निवासियों के नाम छूटे हैं और अवैध प्रवासियों के नाम जोड़े गए हैं.
पढ़ें:असम सरकार के अधिकारी पर एनआरसी कर सरकता है कारवाई, दस्तावेजों की जांच में अनियमितता का आरोप
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने NRC समन्वयक प्रतीक हजेला के खिलाफ 'शेम ऑन हजेला', 'गो हजेला', वापस जाओ' जैसे नारे लगाए. बता दें कि एबीवीपी के कार्यकर्ता पूरे असम में हजेला के खिलाफ खड़े थे.
आपको बता दें की असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के प्रकाशन के लिए सिर्फ 10 दिन बाकी रह गए हैं. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के छात्र संघ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने असम के तेजपुर जिले में मंगलवार को एक त्रुटि-मुक्त NRC की मांग के लिए एक विरोध रैली आयोजित की. साथ ही विवादास्पद NRC ड्राफ्ट नागरिकों के रजिस्टर में शामिल नामों का पुन: सत्यापन की मांग की.
ABVP के विरोध प्रदर्शन कर रहे एक सदस्य ने कहा कि वर्तमान सूची में बहुत से मूल निवासियों के नाम छूटे हैं और अवैध प्रवासियों के नाम जोड़े गए हैं. उन्होंने कहा, 'हमने सरकार से NRC को ठीक करने का अनुरोध किया है और हम पुनः सत्यापन की भी मांग करते हैं.'
बता दें, दक्षिणपंथी छात्र सभा के सदस्य और समर्थक तेजपुर की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए 'बांग्लादेशी वापस जाओ' और 'हम स्वच्छ एनआरसी चाहते हैं' के नारे लगा रहे थे.
ABVP द्वारा NRC के एक समन्वयक प्रतिक हजेला को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें त्रुटि रहित NRC की मांग की गई थी.
इससे पहले शनिवार को असम के कोकराझार जिले में हिंदू जागरण मंच के सदस्यों ने स्वच्छ और त्रुटि रहित NRC की मांग के लिए उपायुक्त कार्यालय के सामने दो घंटे का धरना दिया था.
पढ़ें: 1948-2019 : विस्तार से जानें नागरिकता संशोधन विधेयक (NRC) के बारे में
कोकराझार के डिप्टी कमिश्नर के माध्यम से गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल को एक ज्ञापन भी भेजा गया. जिसमें अंतिम सूची को प्रकाशित करने से पहले NRC अपडेट की मसौदा सूची का पुनः सत्यापन करने की मांग की गई.
बता दें कि सूची से पता चला कि आवेदकों की कुल संख्या 3,29,91,385 थी, जिनमें से 40,07,717 नाम (12.15 प्रतिशत) शामिल नहीं थे. बांग्लादेश की सीमा से लगे जिलों में बहिष्कृत नामों का प्रतिशत, जैसे कि दक्षिण सलमारा 7.22, धुबरी 8.26 और करीमगंज 7.67 था. गैर-सीमावर्ती जिले होजई और दारंग में सबसे अधिक गैर-समावेशी दर क्रमशः 32.99 प्रतिशत और 30.90 प्रतिशत है.
पढ़ें:असम NRC पर केंद्र सरकार कर रही 'नौटंकी' : सुप्रीम कोर्ट के वकील
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अंतिम एनआरसी को 31 जुलाई से 31 अगस्त तक प्रकाशित करने की समय सीमा बढ़ा दी थी. वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम में अंतिम राष्ट्रीय रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) से बहिष्कार के संबंध में विदेशी ट्रिब्यूनल (FTs) में अपील दायर करने की समय सीमा 60 से बढ़ाकर 120 दिन कर दी है.