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14 दिनों में लगभग 1.80 लाख श्रद्धालुओं ने की अमरनाथ यात्रा - अमरनाथ यात्री

अमरनाथ यात्रा के लिए एक और जत्था रवाना हो गया है. इस जत्थे में पांच हजार श्रद्धालू अमरनाथ दर्शन के लिए रवाना हो गए हैं. इसी के साथ अब तक कुल दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या 1,82,712 हो गई है.

अमरनाथ.
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Published : Jul 15, 2019, 10:44 AM IST

जम्मू: अमरनाथ यात्रा के लिए सोमवार को जम्मू से लगभग पांच हजार श्रद्धालुओं का एक और जत्था रवाना हुआ. इस साल एक जुलाई से यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 1.80 लाख से अधिक श्रद्धालु समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित बाबा बफार्नी के दर्शन कर चुके हैं. अधिकारियों ने कहा कि एक जुलाई को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 14 दिनों में 1,82,712 श्रद्धालुओं ने पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर लिए हैं.

पुलिस ने आज यहां कहा कि 5,210 यत्रियों का एक और जत्था आज सुबह भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए दो सुरक्षा काफिले में रवाना हुआ.

पुलिस ने आगे बताया, 'इनमें से 2,372 यात्री बालटाल आधार शिविर जा रहे हैं जबकि 2,838 यात्री पहलगाम आधार शिविर जा रहे हैं.' श्रद्धालुओं के अनुसार, अमरनाथ गुफा में बर्फ की विशाल संरचना बनती है जो भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों की प्रतीक है.

तीर्थयात्री पवित्र गुफा तक जाने के लिए या तो अपेक्षाकृत छोटे 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से जाते हैं या 45 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग से जाते हैं.

दोनों आधार शिविरों पर हालांकि तीर्थ यात्रियों के लिए हैलीकॉप्टर की भी सेवाएं हैं. स्थानीय मुस्लिमों ने भी हिंदू तीर्थयात्रियों की सुविधा और आसानी से यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए बढ़-चढ़कर सहायता की है.

पवित्र गुफा की खोज सन 1850 में एक मुस्लिम चरवाहा बूटा मलिक ने की थी. किवदंतियों के अनुसार, एक सूफी संत ने चरवाहे को कोयले से भरा एक बैग दिया था, बाद में कोयला सोने में बदल गया था.

लगभग 150 सालों से चरवाहे के वंशजों को पवित्र गुफा पर आने वाले चड़ावे का कुछ भाग दिया जाता है. इस साल 45 दिवसीय अमरनाथ यात्रा का समापन 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ होगा.

जम्मू: अमरनाथ यात्रा के लिए सोमवार को जम्मू से लगभग पांच हजार श्रद्धालुओं का एक और जत्था रवाना हुआ. इस साल एक जुलाई से यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 1.80 लाख से अधिक श्रद्धालु समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित बाबा बफार्नी के दर्शन कर चुके हैं. अधिकारियों ने कहा कि एक जुलाई को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 14 दिनों में 1,82,712 श्रद्धालुओं ने पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर लिए हैं.

पुलिस ने आज यहां कहा कि 5,210 यत्रियों का एक और जत्था आज सुबह भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए दो सुरक्षा काफिले में रवाना हुआ.

पुलिस ने आगे बताया, 'इनमें से 2,372 यात्री बालटाल आधार शिविर जा रहे हैं जबकि 2,838 यात्री पहलगाम आधार शिविर जा रहे हैं.' श्रद्धालुओं के अनुसार, अमरनाथ गुफा में बर्फ की विशाल संरचना बनती है जो भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों की प्रतीक है.

तीर्थयात्री पवित्र गुफा तक जाने के लिए या तो अपेक्षाकृत छोटे 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से जाते हैं या 45 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग से जाते हैं.

दोनों आधार शिविरों पर हालांकि तीर्थ यात्रियों के लिए हैलीकॉप्टर की भी सेवाएं हैं. स्थानीय मुस्लिमों ने भी हिंदू तीर्थयात्रियों की सुविधा और आसानी से यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए बढ़-चढ़कर सहायता की है.

पवित्र गुफा की खोज सन 1850 में एक मुस्लिम चरवाहा बूटा मलिक ने की थी. किवदंतियों के अनुसार, एक सूफी संत ने चरवाहे को कोयले से भरा एक बैग दिया था, बाद में कोयला सोने में बदल गया था.

लगभग 150 सालों से चरवाहे के वंशजों को पवित्र गुफा पर आने वाले चड़ावे का कुछ भाग दिया जाता है. इस साल 45 दिवसीय अमरनाथ यात्रा का समापन 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ होगा.

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14 दिनों में लगभग 1.80 लाख श्रद्धालुओं ने की अमरनाथ यात्रा



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जम्मू, 15 जुलाई (आईएएनएस)| अमरनाथ यात्रा के लिए सोमवार को जम्मू से लगभग पांच हजार श्रद्धालुओं का एक और जत्था रवाना हुआ। इस साल एक जुलाई से यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 1.80 लाख से अधिक श्रद्धालु समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित बाबा बफार्नी के दर्शन कर चुके हैं। अधिकारियों ने कहा कि एक जुलाई को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 14 दिनों में 1,82,712 श्रद्धालुओं ने पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर लिए हैं।



पुलिस ने आज यहां कहा कि 5,210 यत्रियों का एक और जत्था आज सुबह भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए दो सुरक्षा काफिले में रवाना हुआ।



पुलिस ने आगे बताया, "इनमें से 2,372 यात्री बालटाल आधार शिविर जा रहे हैं जबकि 2,838 यात्री पहलगाम आधार शिविर जा रहे हैं।"



श्रद्धालुओं के अनुसार, अमरनाथ गुफा में बर्फ की विशाल संरचना बनती है जो भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों की प्रतीक है।



तीर्थयात्री पवित्र गुफा तक जाने के लिए या तो अपेक्षाकृत छोटे 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से जाते हैं या 45 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग से जाते हैं।



दोनों आधार शिविरों पर हालांकि तीर्थ यात्रियों के लिए हैलीकॉप्टर की भी सेवाएं हैं।



स्थानीय मुस्लिमों ने भी हिंदू तीर्थयात्रियों की सुविधा और आसानी से यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए बढ़-चढ़कर सहायता की है।



पवित्र गुफा की खोज सन 1850 में एक मुस्लिम चरवाहा बूटा मलिक ने की थी।



किवदंतियों के अनुसार, एक सूफी संत ने चरवाहे को कोयले से भरा एक बैग दिया था, बाद में कोयला सोने में बदल गया था।



लगभग 150 सालों से चरवाहे के वंशजों को पवित्र गुफा पर आने वाले चड़ावे का कुछ भाग दिया जाता है।



इस साल 45 दिवसीय अमरनाथ यात्रा का समापन 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ होगा।



--आईएएनएस


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