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भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाती स्थिति में है : अभिजीत बनर्जी

अर्थशास्त्र के लिए 2019 का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अभीजीत बनर्जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को डगमगाती स्थिति में बताया है.

अभिजीत बनर्जी.
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Published : Oct 14, 2019, 10:22 PM IST

Updated : Oct 15, 2019, 10:31 AM IST

कोलकाता: अर्थशास्त्र के लिए 2019 का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को डगमगाती स्थिति में बताया है. उन्होंने कहा कि इस समय उपलब्ध आंकड़े यह भरोसा नहीं जगाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था जल्द पटरी पर आ सकती है.

नोबेल पुरस्कार मिलने की सूचना पर उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा कि खबर मिलने के बाद वह सोने चले गए थे.

अभिजीत बनर्जी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बयान.

उन्होंने कहा, 'इस बारे में सुनने के बाद, मैं 40 मिनट सोया क्योंकि मुझे पता था कि जगने पर बहुत सी कॉल आएंगी. अभी मैं अपनी मां से बात नहीं कर पाया हूं, उनसे जल्द ही बात करूंगा.'

बनर्जी ने कहा कि उन्होंने जीवन में कभी भी नहीं सोचा था कि उन्हें अपने करियर में इतनी जल्द नोबेल पुरस्कार मिल जाएगा.

आगे भारतीय अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए अभिजीत ने कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति डगमगाती हुई है. वर्तमान में हुए विकास के आंकड़ों को देखने के बाद, निश्चिंत नहीं हुआ जा सकता है.'

पढ़ें: अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता बने अभिजीत बनर्जी, जानें प्रतिक्रियाएं

बनर्जी ने अमेरिका से एक समाचार चैनल से कहा, 'पिछले पांच-छह वर्षों में, हमने कम से कम कुछ विकास तो देखा, लेकिन अब वह आश्वासन भी खत्म हो गया है.'

नोबेल विजेता अर्थशास्त्री ने कहा, 'हम विषय पर पिछले 20 वर्षों से काम कर रहे थे. हमने गरीबी उन्मूलन के लिए समाधान देने की कोशिश की.'

उन्होंने उल्लेख किया कि कोलकाता में गुजारे गए दिनों ने उनके दो दशक लंबे शोध में 'विभिन्न पहलुओं' को समझने में मदद की.

बनर्जी ने कहा, 'मैंने अपने शोध कार्य के लिए कई देशों की यात्रा की. बंगाल में मेरे बचपन और किशोरावस्था के अनुभवों ने भी मेरे शोध के शुरुआती वर्षों में कई पहलुओं को समझने में मदद की.'

इस 58 वर्षीय अर्थशास्त्री को उनकी पत्नी ऐस्थर डुफ्लो और अमेरिका के अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा हुई है.

कोलकाता: अर्थशास्त्र के लिए 2019 का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को डगमगाती स्थिति में बताया है. उन्होंने कहा कि इस समय उपलब्ध आंकड़े यह भरोसा नहीं जगाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था जल्द पटरी पर आ सकती है.

नोबेल पुरस्कार मिलने की सूचना पर उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा कि खबर मिलने के बाद वह सोने चले गए थे.

अभिजीत बनर्जी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बयान.

उन्होंने कहा, 'इस बारे में सुनने के बाद, मैं 40 मिनट सोया क्योंकि मुझे पता था कि जगने पर बहुत सी कॉल आएंगी. अभी मैं अपनी मां से बात नहीं कर पाया हूं, उनसे जल्द ही बात करूंगा.'

बनर्जी ने कहा कि उन्होंने जीवन में कभी भी नहीं सोचा था कि उन्हें अपने करियर में इतनी जल्द नोबेल पुरस्कार मिल जाएगा.

आगे भारतीय अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए अभिजीत ने कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति डगमगाती हुई है. वर्तमान में हुए विकास के आंकड़ों को देखने के बाद, निश्चिंत नहीं हुआ जा सकता है.'

पढ़ें: अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता बने अभिजीत बनर्जी, जानें प्रतिक्रियाएं

बनर्जी ने अमेरिका से एक समाचार चैनल से कहा, 'पिछले पांच-छह वर्षों में, हमने कम से कम कुछ विकास तो देखा, लेकिन अब वह आश्वासन भी खत्म हो गया है.'

नोबेल विजेता अर्थशास्त्री ने कहा, 'हम विषय पर पिछले 20 वर्षों से काम कर रहे थे. हमने गरीबी उन्मूलन के लिए समाधान देने की कोशिश की.'

उन्होंने उल्लेख किया कि कोलकाता में गुजारे गए दिनों ने उनके दो दशक लंबे शोध में 'विभिन्न पहलुओं' को समझने में मदद की.

बनर्जी ने कहा, 'मैंने अपने शोध कार्य के लिए कई देशों की यात्रा की. बंगाल में मेरे बचपन और किशोरावस्था के अनुभवों ने भी मेरे शोध के शुरुआती वर्षों में कई पहलुओं को समझने में मदद की.'

इस 58 वर्षीय अर्थशास्त्री को उनकी पत्नी ऐस्थर डुफ्लो और अमेरिका के अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा हुई है.

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NOBEL-BANERJEE-SLEEP
Went back to sleep after hearing news about Nobel Prize: Abhijit Banerjee
By Yoshita Singh
         New York, Oct 14 (PTI) Nobel winner Abhijit Banerjee went back to sleep after getting the news from Stockholm early Monday morning that he and his wife Esther Duflo and Harvard's Michael Kremer have been awarded the coveted prize "for their experimental approach to alleviating global poverty."
         "Yes. It was very early in the morning. I'm not an early morning person. I figured it would be assault to the system if I don't continue my sleep, Banerjee said in an interview with NobelPrize.org.
         The trio won the 2019 Nobel Prize for Economics, which was announced Monday around 6 am New York time.
         He said that he couldn't get much sleep later as news of the honour spread from India to Europe and he started getting calls.
         When asked about the rare honour for Banerjee and Duflo to be awarded the Nobel as a married couple, he termed it "special".
         Only five other married couples have won the Nobel together in the prize's history.
         "It's sort of been an entire family enterprise in the sense between JPAL and the research and working at MIT. There's lots of dimensions of the work that just becomes much more pleasant when you do it with your partner.
         Banerjee was educated at the University of Calcutta, Jawaharlal Nehru University and Harvard University, where he received his Ph.D in 1988. He is currently the Ford Foundation International Professor of Economics at the US-based Massachusetts Institute of Technology.
         In 2003, he founded the Abdul Latif Jameel Poverty Action Lab (J-PAL), along with Duflo and Sendhil Mullainathan, and he remains one of the lab's directors. PTI YAS
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Last Updated : Oct 15, 2019, 10:31 AM IST
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