कोलकाता: अर्थशास्त्र के लिए 2019 का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को डगमगाती स्थिति में बताया है. उन्होंने कहा कि इस समय उपलब्ध आंकड़े यह भरोसा नहीं जगाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था जल्द पटरी पर आ सकती है.
नोबेल पुरस्कार मिलने की सूचना पर उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा कि खबर मिलने के बाद वह सोने चले गए थे.
उन्होंने कहा, 'इस बारे में सुनने के बाद, मैं 40 मिनट सोया क्योंकि मुझे पता था कि जगने पर बहुत सी कॉल आएंगी. अभी मैं अपनी मां से बात नहीं कर पाया हूं, उनसे जल्द ही बात करूंगा.'
बनर्जी ने कहा कि उन्होंने जीवन में कभी भी नहीं सोचा था कि उन्हें अपने करियर में इतनी जल्द नोबेल पुरस्कार मिल जाएगा.
आगे भारतीय अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए अभिजीत ने कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति डगमगाती हुई है. वर्तमान में हुए विकास के आंकड़ों को देखने के बाद, निश्चिंत नहीं हुआ जा सकता है.'
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बनर्जी ने अमेरिका से एक समाचार चैनल से कहा, 'पिछले पांच-छह वर्षों में, हमने कम से कम कुछ विकास तो देखा, लेकिन अब वह आश्वासन भी खत्म हो गया है.'
नोबेल विजेता अर्थशास्त्री ने कहा, 'हम विषय पर पिछले 20 वर्षों से काम कर रहे थे. हमने गरीबी उन्मूलन के लिए समाधान देने की कोशिश की.'
उन्होंने उल्लेख किया कि कोलकाता में गुजारे गए दिनों ने उनके दो दशक लंबे शोध में 'विभिन्न पहलुओं' को समझने में मदद की.
बनर्जी ने कहा, 'मैंने अपने शोध कार्य के लिए कई देशों की यात्रा की. बंगाल में मेरे बचपन और किशोरावस्था के अनुभवों ने भी मेरे शोध के शुरुआती वर्षों में कई पहलुओं को समझने में मदद की.'
इस 58 वर्षीय अर्थशास्त्री को उनकी पत्नी ऐस्थर डुफ्लो और अमेरिका के अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा हुई है.